shatru maran mantra शत्रु नाश के लिए मंत्र तीव्र मारण प्रयोग ph. 85280 57364

इस मन्त्र-जप का अनुष्ठान रात्रिकाल में किया जाता है। इसके लिए कनेर के १००८ फूलों एवं सरसो के तेल की जरूरत प्रत्येक दिन पड़ती है। इन दोनों सामग्रियों की व्यवस्था पहले ही कर ली जाती है। इस मन्त्र का कुल १०,००० जप करने के पश्चात् मन्त्र सिद्ध हो जाता है। इसका प्रत्येक अर्द्धरात्रि के समय से २००८ बार जप किया जाता है।
इसकी शुरुआत किसी भी दिन की रात्रिकाल को की जा सकती है। शुरू किये गये दिन से ११ दिनों तक लगातार रात्रि के समय जप करना आवश्यक होता है । मन्त्र जप किसी निर्जन स्थान अथवा श्मशान में किया जाता है।
सूखी लकड़ी को सुलगाकर आग बना लेना चाहिए और उसके बाद मन्त्र जप शुरू कर देना चाहिए। प्रत्येक मन्त्र जप से पूर्व कनेर का फूल लेकर तेल में डुबोना चाहिए और उसके बाद मन्त्र पढ़कर उक्त फूल को आग में डाल देना चाहिए।
ऐसा प्रत्येक दिन १००८ बार करना चाहिए। अमुकस्य की जगह दुश्मन का नाम लेते रहना चाहिए। इस मन्त्र की सिद्धि के पश्चात् शत्रु की मौत सुनिश्चित है। यह प्रयोग निन्दनीय तथा वर्जित है ।
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