दस महाविद्याओं में मातंगी नवमी महाविद्या कही जाती हैं। कर्ण मातंगी की सिद्धि के फलस्वरूप साधक भूत भविष्य एवं वर्तमान तीनों कालों का ज्ञाता हो जाता है
कर्ण मातंगी साधना से आपके जीवन की न्यूनता ख़तम हो जाएगी आप की ज़िंदगी हर क्षेत्र में सफलता और ख़ुशी प्रपात होगी ।
यह साधना रात्रिकाल में एकांत स्थान में विशेष विधि से सम्पन्न की जाती है।
मंत्र सिद्धि से पूर्व कानों में हवा के झोंके महसूस करना या कुछ शब्दों का सुनाई देना आरम्भ हो जाता है। मंत्र-सिद्धि के पश्चात् कर्ण मातंगी देवी अपने साधक के कान में सभी प्रश्नों का सही उत्तर देती है।
इस विद्या के मार्गदर्शन पर चलकर आप ज़िंदगी सफलता हासिल कर सकते हो।
कर्ण मातंगी साधना के लाभ
शत्रुओं और नकारात्मक शक्तिओ से सुरक्षा
साधक त्रिकालदर्शी बन जाता है
उसे दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है
जब कोई व्यक्ति साधक के सामने आता है, तो देवी उसके बारे में कान में बता देती है.
साधक को घटनाओं और दुर्घटनाओं के बारे में जानकारी मिलती है