Apsara Sadhna anubhav अप्सरा संभोग क्यों करती है – अप्सरा कैसे करती है संभोग 💘 Apsara Sadhna Why does an Apsara mate – How does an Apsara mate
Apsara Sadhna anubhav अप्सरा संभोग क्यों करती है – अप्सरा कैसे करती है संभोग Apsara Sadhna Why does an Apsara mate – How does an Apsara mate
Apsara Sadhna anubhav अप्सरा संभोग क्यों करती है – अप्सरा कैसे करती है संभोग 💘 Apsara Sadhna Why does an Apsara mate – How does an Apsara mate गुरु मंत्र साधना.com में आप सबका फिर से स्वागत है। देखिए आज का जो टॉपिक रहने वाला है क्या अप्सरा से संभोग किया जा सकता है? क्या अप्सरा संभोग करती है? ठीक है तो किस प्रकार करती है? तो इसी टॉपिक के बारे में आज मैं बात करने वाला हूं। देखिए ऐतिहासिक तथ्यों के मुताबिक पुराणों के मुताबिक ग्रंथों के मुताबिक अप्सरा से आप संभोग भी कर सकते हैं। अप्सरा से आप संतान भी हासिल कर सकते हैं। ठीक है
मतलब अप्सरा गर्भवती हो सकती है। ऐसा ऐतिहासिक तथ्य हमें मिलता है। जैसे विश्वामित्र जो ऋषि थे। ठीक है उन्होंने मेनका के साथ प्रेम करा और उससे एक बच्ची उत्पन्न हुई जिसका नाम शकुंतला था। शकुंतला के बारे में आप सबको पता है।
ठीक है तो इसी तरीके से आप अप्सरा को सिद्ध करके आप उनसे विवाह कर सकते हैं। विवाह करके आगे संतान भी प्राप्त की जा सकती है। जो अप्सरा से संतान की प्राप्ति होगी वह बहुत ही खूबसूरत संतान होगी और दैविक शक्तियों से संपन्न होगी।
तो यह है आप इसे कर सकते हैं संभोग और आगे संतान की इच्छा भी हासिल कर सकते हैं। कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। ठीक है? इतिहास में चीजें आई हैं तो इसका मतलब हम शादी भी कर सकते हैं और संभोग भी कर सकते हैं। ठीक है अब टॉपिक यह आता है कि अप्सरा किसके साथ संभोग करेगी और किसके साथ शादी करेगी। ठीक है
तो वह व्यक्ति भी ऐसा होना चाहिए जिसके साथ वो प्रेम कर सके या उसके साथ वो संभोग कर सके। देखिए यह चीजें एक तो होता है बंदे के कर्म चक्र । ठीक है जैसे अगर आपका पिछले जन्म में कुछ भक्ति है जिससे आपका जो ओरा है काफी स्ट्रांग है। ठीक है
तो आपकी ओर अप्सरा आकर्षित हो सकती है। ठीक है दूसरा जो ब्रह्मचर्य का पालन करता है। ठीक है वह एक तेजस्वी व्यक्ति होता है। तेज से परिपूर्ण होता है। उसकी ब्रह्मचर्य का भी पालन करता है। और जो एक जो धार्मिक चीजों को भी फॉलो करता है। भगवान का पूजा पाठ भी करता है और ब्रह्मचर्य का पालन भी करता है।
तो उसकी ओर भी अवसर आकर्षित हो सकती है। ठीक है? क्योंकि आपका जो तेज है उसी से ही शक्तियां मोहित होती हैं। आपके ओरा से ही शक्तियां मोहित होती हैं। ठीक है? अगर आपका ओरा नहीं है तो तेज नहीं है तो कौन सी अप्सरा आपकी ओर मोहित हो सकती है? ठीक है
अप्सरा उन्हीं साधकों की ओर मोहित होती हैं जो तेजस्वी होते हैं। ठीक है? जिनका तेज होता है ब्रह्मचर्य का पालन करोगे तो शरीर में तेज उत्पन्न होगा ओज उत्पन्न होगा उसी ओज से जो अप्सरा है आपकी ओर आकर्षित हो गया ठीक है तो यह चीज है तो आप तेजस्वी बनिए ठीक है
अप्सरा के साथ आप विवाह भी कर सकती हैं और जो आपको चाहिए वह सारा कुछ हासिल होगा अब दूसरी चीज और आती है ब्रह्म ब्रह्मचर्य के पालन के साथसाथ शराब, मीट, अंडा जो ये चीजें हैं, गुटका लोग खाते हैं, बीड़ी पीते हैं। तो ये चीजें भी छोड़नी पड़ेगी। ठीक है
केवल आपने वो ब्रह्मचर्य का पालन ही नहीं करना है। साथ में यह सारी चीजें छोड़नी है। साफ सुथरे रहना है। ठीक है ब्रह्मचर्य का पालन करना है। आपकी ओर अप्सरा जरूर आकर्षित होगी। ठीक है। अप्सरा की दो तरीके से साधना होती है। एक तो अप्सरा को अपनी ओर वशीकरण के मंत्रों से वशीकरण किया जाता है। ठीक है
वो साधना अलग है आकर्षित करने वाली। दूसरी साधना है केवल आप मंत्रों से उसको जाप कर रहे हैं। ठीक है एक तरीके से वह आराधना होती है। मंत्रों से आप जाप करते हो। अब इसमें क्या रहता है अप्सरा का फैसला रहता है कि आपके पास आए या ना आए। ये दो तरीके की साधनाएं होती हैं। इसको अप्सरा का वशीकरण आकर्षण करना है तो उसकी अलग विद्या है।
जिसको अप्सरा की आराधना करनी है तो उसके लिए अलग विद्या है। ठीक है? दोनों ही लाभदायक होती हैं। जो आकर्षण वाली है वह थोड़ा सा जल्दी इफेक्ट करती है और अफरा को आना ही पड़ता है। तो आज के लिए बस इतना ही। अगर कोई आपका सवाल है नीचे कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं। फोन नंबर भी दे रखा है तो फोन भी कर सकते हैं। जय श्री महाकाल।
apsara vashikaran sadhna अप्सरा वशीकरण साधना रहस्य ph 85280 57364 गुरुमंत्र साधना कॉ में आप सब का स्वागत है मैंने तंत्र के ऊपर बहुत सारी साधना बना चुका हूं कुछ साधकों का यह प्रश्न था कि हम अपसरा साधना करते हैं और उसमें ना तो कुछ अनुभव हो रहे हैं ना तो प्रत्यक्षीकरण हो रहा है साधना भी विधिवत तरीके से की जा रही है फिर भी उसमें सफलता प्राप्त नहीं हो पा रही है
इस विषय के बारे में बताएं ऐसा हमें बहुत सारे मैसेज प्राप्त होते हैं बहुत सारे फोन कॉल आते हैं कि हमार हमें यह समस्या का सामना करना पड़ रहा है अपसरा कोई भी हमें प्रत्यक्ष नहीं हो रही है
हम कई बार सवा सवा लाख के अनुष्ठान कर चुके हैं फिर भी वह शक्ति हमारे सामने उपस्थित नहीं हो पा रही है तो ऐसे में हम क्या करें तो उन साधकों के लिए मैं एक चीज बोलूंगा अगर कोई शक्ति आपके सामने प्रत्यक्ष नहीं हो पा रही है प्रत्यक्षीकरण नहीं हो रहा है तो आप उस शक्ति का वशीकरण करो एक वशीकरण एक बेटर सलूशन हो सकता है
किसी भी शक्ति को अगर हम वश में कर ले तो वह हमारे मुताबिक ही काम करती है आप किसी भी चीज को वश में कर सकते हो वशीकरण का यह फायदा होता है आपके अधीन रहते हुए सब कार्य करती है
उसको मजबूर होकर ही आपके सामने उपस्थित होना पड़ेगा क्योंकि वह शक्ति आपके वश में है वशीकरण आकर्षण विद्या जो है अप्सराओं के ऊपर के ऊपर की जा सकती है
जिससे वह जल्दी आपके सामने उपस्थित होंगे वशीकरण विद्या आकर्षण विद्या अप्सरा के ऊपर की जा सकती है जिससे आपके सामने वो जल्दी उपस्थित हों और आपके सभी कार्य करेंगे
किसी शक्ति का वशीकरण की विद्या जो है बहुत कम साधकों को पता है किस तरीके से वशीकरण करना है शक्ति का तो बहुत कम साधक इन चीजों के बारे में जानते हैं अगर कोई साधक कर लेता है तो उसके सामने वह शक्ति उपस्थित होगी इसमें कोई भी दोराय नहीं है कैसे भी शक्ति क्यों ना हो अफसरा हो यनी हो उसको आना ही पड़ेगा
आपके सामने तो यह साधना जो है आकर्षण वाली मैं तो आपको करवा सकता हूं अगर कोई साधक करना चाह रहा है तो दिए गए नंबरों के ऊपर कांटेक्ट कर सकते तो आप इस साधना को कर सकते हैं देखो जो वशीकरण वाली किसी विद्या को वश में करने वाली जो साधनाए होती है थोड़ी कठिन होती हैं पर इनका रिजल्ट बहुत ही अच्छा मिलता है
उस शक्ति को विवश होकर आपके सामने आना ही पड़ेगा दुनिया की कोई ताकत नहीं उसको रोक पाएगी ठीक है दूसरी चीज क्या है इसमें दूसरी चीज के ऊपर बात करते हैं
कुछ लोग कहते हैं कि हम क्रोध भैरव की शक्ति चलाएंगे जिसके माध्यम से शक्ति को आपके सामने आना पड़ेगा तो मैं आपको यही कहूंगा क्रोध बैरव की जो साधना है किसी शक्ति के ऊपर चलाने से व शक्ति आपसे बिगड़ सकती है ठीक है हो सकता है वो शक्ति जबरदस्ती वाला काम होता है ठीक है
आप किसी को जबरदस्ती अपने पास ला रहे हो ठीक है तो शक्ति तो आ जाएगी पर उसमें कहीं पर भी कोई भी गलती होगी तो शक्ति आपको छोड़ेगी नहीं ठीक है तो इसीलिए क्रोध बैरव की जो शक्ति का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए शक्ति के ऊपर ठीक है शक्ति तो आती है पर दूसरी बात यह हो जाती है तो आपको साइड इफेक्ट देकर जाती है
तो क्रोध भैरव की जो साधना करवाने वाला साधक आपको आसानी से मिलेगा भी नहीं करवाते हैं तो आधी अधूरी चीजें करवाते हैं तो उसमें आपको प्रॉब्लम हो सकती है तो इसीलिए सजेशन मैं यह देता हूं कि आप वशीकरण की विद्या का इस्तेमाल करते हुए अप्सरा को वश में करो और अपने कार्य करवा यह तरीका बेस्ट है ठीक है दूसरे तरीके क्या है जबरदस्ती वाले वह फायदेमंद नहीं है
उसमें साइड इफेक्ट हो सकते हैं पर इसमें कोई साइड इफेक्ट नहीं क्योंकि आप उसको प्रेम से आकर्षण से उसको अपने वश में कर रहे हो तो यह चीज बुरी नहीं है प्रेम से ही किसी शक्ति को पाना चाहिए तो व प्रेम क्या है
वशीकरण विद्या से आप वशीकरण विद्या का इस्तेमाल करते हुए उस साधना को कर सकते हैं अगर आपका कोई भी सवाल है इस साधना के संबंधित तो आप दिए गए नंबरों के ऊपर कॉल कर सकते हैं जय श्री महाकाल
apsara sadhna अप्सराएं साधना जो आपको अमीर बन सकते गुरु मंत्र साधना। कॉम में स्वागत है आज मैं आपको ऐसे अप्सरो के बारे में जानकारी जो आप को धन और समृद्ध बना देगी किसी भी प्रकार की कमी नहीं होगी आप आपार धन दौलत हासिल कर सकते हो कुछ एतिहासिक तथ्य भी प्रदान करुगा जिसे आपको मोटिवेशन भी प्रपात होगा।
apsara sadhna अप्सराएं साधना जो आपको अमीर बन सकते
कौंन है अप्सरा जो आपको समृद्ध बना सकती है उर्वशी अप्सरा ,रतनमाला अप्सरा , नाभि दर्शना अप्सरा यह अप्सरा को सिद्ध कर आप करोड़पति बन सकता है इस के इलावा और भी अप्सरा जो आपको समृद्ध बना सकती है पर इतहास में यह अप्सरा का ही जिक्र है।
उर्वशी अप्सरा साधना को विश्वामित्र के बाद उन के शिष्य भूरिश्रवा, चिन्मय, देवसुत,गन्धर, और यहां तक कि देवी विश्रा और रत्नप्रभा ने भी उर्वशी सिद्ध कर आपार धन दौलत को प्रपात कर जीवन के सम्पूर्ण भोगों का भोग किया।
इतिहास साक्षी है कि स्वामी शंकराचार्य ने उर्वशी अप्सरा साधना को सम्पन्न कर अपने शिष्य पद्मपाद को अतुलनीय वैभव का स्वामी बना।
नाभि दर्शना साधना से महाकवि कालिदास जी एक राजापुरष की तरह अपना जीवन जीते थे ऐश्वर्य, विलास, उमंग, ओज, प्रभाव, वर्चस्व, कला आदिराज़ अप्सरा साधना ही थी नाभि दर्शना अप्सरा साधन से ही उन को धन दौलत प्रपात होता था राजा भोज भी इस रहस्य को भली भाँती जानते थे
रतनमाला अप्सरा इस अप्सरा को मैंने अपने शिष्य गौरव को करावा था जिस को सिद्ध कर वो आपार धन दौलत को प्रपात करा इन साधना को बारे में मैंने वीडियो बना रखा है इन सब साधना की जानकारी के वीडियो के लिंक नीचे मिल जायेगा आज के लिए बस इतना ही जय श्री महाकाल
लीलावती अप्सरा साधना lilavati Apara sadhna ph.85280 57364 आज साधना को मैं देने जारहा हूं मैं पूर्ण भौतिक सुख साधनों केलिए जान जाति है और शीघ्र ही फलिबुत होने वाली है साधना बहुत ही शक्तिशाली और संपन्न कहीं जाति है
इस साधना को संपन्न करने से जीवन में हर प्रकार का ऐश्वर्या और सुख साधन प्राप्त होता है जो की सहजता से मिलने लगता है साथ ही इस साधना को करने से व्यक्ति में आकर्षण शक्ति उत्पन्न होने लगती है किसी भी कार्य के लिए जय तो उसे निरसा नहीं होना पड़ता अर्थात उसके प्रत्येक कार्य में सिद्धि प्राप्त होने लगती है
प्रत्येक कार्य बने लगता हैं प्रत्येक गृहस्ती व्यक्ति को तो एक बार जीवन में इस साधना को अवश्य ही संपन्न करना चाहिए जिससे की ग्रस्त सुख का पूर्ण आनंद लेते हुए जीवन व्यतीत कर सके यदि आप देखने में सुंदर नहीं तो आपको भी ये साधना निश्चित करनी चाहिए क्योंकि साधना को करने से आपके अंदर आकर्षण शक्ति का विकास होगा और आपके प्रत्येक कार्य बने लगेंगे यदि कोई व्यक्ति हैं भावना से ग्रस्त है कोई उसको पूछता नहीं है
समाज में या परिवार में उसकी कोई वैल्यू नहीं है जिसके करण वह हैं भावना ग्रस्त हो गया है तब ऐसे में इस साधना को संपन्न कर स्वयं में आकर्षण शक्ति को जगाया जाता है और लोगों के बीच में अपने आप को लोकप्रिय बनाने का साधन प्राप्त होता है और जिससे व्यक्ति की सभी के बीच में पूछ होने लगती है वह सभी का chheta बन जाता है और साथ ही इस साधना के प्रभाव से धीरे-धीरे आपकी रंग रूप में भी निखार आने लगता है
बात करते हैं तो पीले या लाल पूजा के समय देवी को अर्पण करना है चित्र रखे उसको या फिर यंत्र रखें उसको पुष्प हार आपको रखना है गुलाब के पुष्प का एक हार आपको रखना है दो हर प्रतिदिन रखिएगा एक हर पूजा के समय देवी को अर्पण करना है
चित्र रखे उसको या फिर यंत्र रखें उसको दूसरा हर यदि इस साधना कल के दौरान जब भी देवी प्रकट होगी उसी दिन आपको अर्पण कर देना है साधना का विधान मूलतः है चंद्र ग्रहण के समय में अत्यधिक श्रेष्ठ बताया गया है 21 या 41 दिन की साधना भी है तो आज हम बात करें 21 दिवसीय साधना किस प्रकार संपन्न कर रहे हैं के साथ साथ दूध से बना हुआ नैवेद्य आपको रखना है
या फिर पंचमेवा आप रख सकते हैं जल का एक पत्र आपको रखना है और इसके अतिरिक्त घी का दीपक आपको लगाना है दीपक आप प्रयोग कर सकते हैं होगा यदि घी के दीपक का प्रयोग करते हैं और वस्त्र कि यदि बात करते हैं तो पीले या लाल रंग के दोनों ही प्रकार के आसान वस्त्र आप प्रयोग कर सकते हैं आसान उनका हो कंबल का हो आपका भी और चौकी पत्ते पर बिछड़ेंगे
वह भी लाल या पीले रंग के ही होने चाहिए यह थी सामग्री जो इस साधना काल में आपको प्रयोग करनी है चलिए बात करते हैं किस प्रकार से साधना को संपन्न करना है किसी भी शुभ योग सिद्ध मुहूर्त में जिस दिन शुक्रवार पड़ता हो उसे दिन आपको यह साधना आरंभ करनी है रात्रि 10:00 के बाद में उत्तर मुख होकर के इस साधना को संपन्न किया जाना है
पहले आसन के ऊपर पेट के ऊपर चौकी पर कोई भी चीज जो आपके पास है उसके ऊपर लाल या पीला जो वस्त्र अपने लिए है उसे बढ़ा दीजिए उसके ऊपर देवी का प्राण प्रतिष्ठित यंत्र स्थापित कीजिए चित्र है तो चित्र विस्थापित कीजिए और साथ ही एक संकल्प हेतु और साथ में इस जल का क्या करना है उसका प्रयोग भी इस साधना काल में बताया जाएगा संकल्प लेना है
उसके बाद संकल्प लीजिए दाहिने हाथ में जल लेकर के अपने ऊपर जल चढ़ाना है यंत्र आदि के ऊपर जल छिड़कने जो पूजन सामग्री उसे पर जल चढ़ाना है यही शुद्ध आज मैंने क्योंकि अनेकों बार बता चुका हूं फिर भी प्रश्न आता है की शुद्धि आंचल होता क्या है के बाद में संकल्प लेना है संकल्प में अपना नाम अपना गोत्र उसे दिन करती थी वाले नक्षत्र बोलना है से आप साधना सर्व प्रकार की सिद्धि या कामना हेतु बोलना जो की श्रेष्ठ रहेगा साथ ही इस साधना को प्रेसी के रूप में प्रेमिका के रूप में संपन्न करना है
लेकिन प्रेमिका के रूप में संपन्न करना श्रेष्ठ माना गया है तो जवाब साधना में संकल्प ले तो उसे समय कम ना करें कि मैं लीलावती अप्सरा को अपनी प्रेमिका के रूप में प्रीति के रूप में संपन्न करना का चाहता हूं सिद्ध करना चाहता हूं और अपने सभी मनोरथ की पूर्ति हेतु यह साधना कर रहा हूं इस प्रकार से अपने संकल्प लेना है
Divyangana sadhna vidhi –Divyangana apsara mantra जय हो ओम नमः शिवाय सभी श्रोताओं का मैं हार्दिक स्वागत करता हूं प्रिया साधको आप सभी कुशलपूर्वक रहें यही मेरी कामना होती है और गुरुदेव भगवान शिव का आशीर्वाद आप सब पर हमेशा बनी रहेगी ऐसी मेरी कामना है आज इस post को लाने का तात्पर्य एक एक अप्सरा साधना और apsara का मंत्र और उनकी जो भी labh आप सबको प्राप्त हो सकती है
उस विषय में हम लोग चर्चा करेंगे जानेंगे आज दिव्यांगना अप्सरा के बारे में हो चुकी दिव्यांगना अप्सरा के ऊपर यह पहला वीडियो है जब मैं आप सबके समक्ष इस अप्सरा के बारे में इस गोपनीय मंत्र को उजागर करने जा रहा हूं
अतः इस अप्सरा के लाभ और इस अप्सरा का वर्णन कि वह कैसी है कैसी दिखती है सारी बातें करेंगे और अंतत उस दिव्य मंत्र को भी जानेंगे कि उस मंत्र को कैसे उपयोग करना है
जिससे आप अपने जीवन को धंय धन बना सके दिव्यांगना दूसरा मैं उन सभी श्रोताओं के लिए उन सभी साधक साधिकाओं के लिए जरूरी है जो आज के समय में बहुत तरह की दिक्कतों से प्रॉब्लम से गुजर रहे कि एक सबसे बड़ी बात है कि आज के समय पर बहुत लोग विश्वास भी नहीं करते होंगे
इन सारी चीजों पर और बहुत सारे लोग जो है उन्हें ऐसा भी लगता होगा कि संभव नहीं है अब जरा को सब के बस की बात नहीं है सिद्ध कर पाना लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है यह गलत बात अप्सरा कोई भी साधक या साधिका सिद्ध कर सकता और जो सबसे बड़ी बात मैं कहता हूं कि अप्सरा जो है
वह आप अगर आप से सिद्ध ना भी हो अगर आप उतना समय नहीं दे पाते हैं उतना नियम पालन नहीं कर पाते लेकिन फिर भी अगर आप अप्सरा के मंत्र जप को करते हैं तो भी मैं करता हूं कि आपकी कोई भी मन की इच्छा जो भी आपके मन में इच्छा रहेगी आप देखोगे कि धीरे-धीरे आपकी इच्छा पूरी होती जाएगी अब दूसरा जो है आपकी वह इच्छा पूरी कर देती है
अब आज के समय में और देखता हूं बहुत सारे श्रोताओं के कमेंट भी आते हैं बहुत लोग परेशान है बहुत-बहुत रख्या डिक रूप से प्रॉब्लम से इस लिए मैं इस तरह की साधना है लाता हूं और जिसमें से अप्सरा साधना एक सबसे सरल विशिष्ट साधना होती है
मंत्र बहुत अपने आप पर बहुत अद्भुत होते हैं मंत्र में बहुत शक्ति होती है इसलिए मैं कहता हूं कि इस यह सारे मंत्र को अगर आप मंत्र जप भी करोगे तो आपके मन की जो भी छाए हैं वह देखोगे आपके स्वत ही वह पूर्ण होगी ही होगी वह धीरे-धीरे आपको खुद प्रतीत होने लगेगा कि आपके मन में जो भी चाहती वह पूरी होंगी
चाहे वह इच्छा आपको किसी को पाने की हो अगर या कोई जॉब पाने की व पढ़ाई में अच्छे अकरने की वह चाहे घर में किसी कला से रिलेटेड कोई आपको दिक्कत हो या किसी को केस मुकद्दमा के दिक्कतें हो किसी को व्यापार के दिक्कतें हो या जिनको मिश्रा बहुत तरह के रोग बीमारियों की दिक्कत हो जो भी दिक्कतें हैं वह सारी चीजें आप सब पूरी कर देती है और ऐसा होता तो पको यह सारी अप्सराओं की साधना अगर कर सके तो बहुत अच्छा
साधना नहीं भी कर सके तो नित्य अगर आप जितना हो सके एक माला दो माला भी अगर संकल्प लेकर उस मंत्र का जप भी करेंगे तो आपकी इच्छा पूरी हो जाएगी कोई भी एक इच्छा आप हाथ में जल से संकल्प करें और संकल्प करके उनको बोल के वह आप छोड़ दें गिरा दें और उसके बाद आपको मंत्र जप करें आप देखोगे कि आप कोई भी जो इच्छा रखोगे वह की पूरी हो जाएगी
लेकिन अप्सरा साधना में क्या होती है कि एक इच्छा नहीं आपके मन में जो भी बाहर रहते हैं ना वह सारी चीजें आपको मिल जाती है और मैं इसी सब में एक सरल और सबसे सरल कर सकते हैं और जल्दी सिद्ध हो जाने वाली apsara है चीज जो है दिव्यांग अनाप-शनाप कि अप्सरा के बारे में अभी तक तो हम लोगों ने जाना है कि अप्सरा चाहे वह उर्वशी हो चाहे वह नाभि दर्शन आप दूसरा हो चाहे चाहे तिलोत्तमा अप्सरा की भी बात हम लोगों ने की है
रत्नमाला अप्सरा की बात की है तो यह सारी अब जरा इनके अलावा भी जैसे रंभा अप्सरा है और भी जो भी ऑप्शन है सारी अप्सराओं का काम यही है कि अपने साधक और साधिकाओं की हर इच्छा को पूर्ण करना उन्हें खुश रखना जब साधक के जीवन में उतरती है तो प्रत्येक साधक की या साधिका के जीवन में आनंद का अनुभव आ जाता है आपकी कल्पना शक्ति ऐश्वर्य संगीत कला सौंदर्य माधुर्य यश कीर्ति का संचार आपके अंदर हो जाता है और ऐसी ही अब सारी चीजों का संचार आपके शरीर में हो जाए
Divyangana sadhna vidhi
इस मंत्र का जाप पूर्णिंमा से अगली पूर्णमा तक करे रोज 21 माला जप करें गुरु के मार्गदर्शन में करें अप्सरा की पूजा भी नित्य करें अप्सरा को मौसमी फल का भोग लगाए कमरे में गुलाब का अतर का छिड़काव करें
tilottama apsara sadhna तिलोत्तमा Tilottama अप्सरा साधना से धन-ऐश्वर्य और सुंदरता प्रपात होती हैं। फ़ोन नंबर 8528057364
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tilottama apsara sadhna तिलोत्तमा Tilottama अप्सरा साधना से धन-ऐश्वर्य और सुंदरता प्रपात होती हैं benefits of tilottama apsara Sadhana तिलोत्तमा Tilottama एक अत्यंत सुंदर अप्सरा थी जो स्वर्ग में निवास करती है । उसकी सुंदरता को लेकर वेदों में 108 अप्सराओं में उन्हें सबसे सुंदर माना गया है। पुराणों के अनुसार, तिलोत्तमा Tilottama की रचना ब्रह्माजी ने की थी जब उन्होंने सम्पूर्ण सृष्टि की सुन्दर वस्तुओं से तिल-तिल भरकर उसे बनाया। इससे उसका नाम तिलोत्तमा Tilottama पड़ा तिलोत्तमा Tilottama का अर्थ ,तिलोत्तमा Tilottama अप्सरा फोटो ,तिलोत्तमा Tilottama किसकी रचना है,तिलोत्तमा Tilottama अप्सरा की कहानी
अप्सराएं, भारतीय पौराणिक साहित्य में सुंदरता और दिव्यता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत होती हैं। इनमें से एक महत्त्वपूर्ण अप्सरा है – तिलोत्तमा Tilottama । इस लेख में हम जानेंगे कि तिलोत्तमा Tilottama अप्सरा की साधना क्यों और कैसे की जाती है और इससे कैसे आप सुख और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
तिलोत्तमा Tilottama अप्सरा का प्रत्यक्षीकरण एक श्रमसाध्य कार्य है, और इसमें मेहनत बहुत ही जरुरी है। इसके बाद, जीवन में कोई भी दुर्लभ नहीं रह जाता।
इसके साथ ही, तिलोत्तमा Tilottama अप्सरा अप्रत्यक्ष रूप से भी साधक की सहायता करती हैं। साधना की शुरुआत होते ही धीमी धीमी खुशबू का प्रवाह होता है, जो तिलोत्तमा Tilottama के सामने होने की पूर्व सूचना के रूप में है।
तिलोत्तमा Tilottama साधना करने से साधक को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। यह एक अद्वितीय अनुभव है जो साधक को आत्मा के साथ जोड़ता है।
साधना करते समय खुशबू का अनुभव साधक को धीरे-धीरे समृद्धि की दिशा में मोड़ने लगता है। यह खुशबू तिलोत्तमा Tilottama के सामने होने का सूचक होती है और साधना की सफलता की पूर्व सूचना देती है।
यहां महत्त्वपूर्ण है कि खुशबू का मौजूद होना तिलोत्तमा Tilottama साधना की सफलता का सूचक नहीं होता, बल्कि यह भी एक ऊँची भौतिकीकृत ऊँचाई को दर्शाता है।
अप्सरा के प्रत्यक्षीकरण का पूरा कार्यक्रम एक श्रमसाध्य है, और इसमें मेहनत बहुत ही जरुरी है। एक बार इस साधना के बाद कुछ भी दुर्लभ नहीं रह जाता, इसमें कोई दोराय नहीं है।
इसमें मेहनत का महत्वपूर्ण स्थान है, और साधक को अपनी उत्साही मेहनत से सफलता प्राप्त करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
सामान्यतः, अप्सरा साधना गोपनीयता की श्रेष्णी में आती है, लेकिन इसे साधारित व्यक्ति भी कर सकता है। इसमें किसी विशेष ज्ञान या पंडित तांत्रिक की आवश्यकता नहीं है।
इन साधनाओं की खास बात यह है कि इन्हें साधारित व्यक्ति भी कर सकता हैं, मतलब उसको पंडित तांत्रिक बनाने की कोई अवश्यकता नहीं है।
तिलोत्तमा Tilottama अप्सरा की कहानी
तिलोत्तमा Tilottama अप्सरा की कहानी
तिलोत्तमा Tilottama की कई कथाएं पुराणों में मिलती हैं, जिनमें से एक कथा यह है:
कश्यप ऋषि के दो पुत्र थे, हिरण्यकशिपु और हिरण्याक्ष। हिरण्यकशिपु के वंश में निकुंभ नामक एक असुर उत्पन्न हुआ था, जिसके दो पुत्र सुन्द और उपसुन्द थे। इन दोनों बड़े शक्तिशाली थे और उन्होंने त्रिलोक्य विजय की इच्छा से विन्ध्यांचल पर्वत पर तप किया। इस तप से प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने उन्हें वर मांगने का कहा, लेकिन उन्होंने अमरत्व का वर मांगा।
ब्रह्मा ने इसे देने से इनकार कर दिया, उन दोनों ने सोचा कि वे दोनों भाई कभी आपस में नहीं लड़ते। वे हमेशा प्यार से रहते हैं और दोनों एक-दूसरे से बेहद प्यार करते हैं। उन्हें पूरा विश्वास था कि वे कभी भी एक-दूसरे के ख़िलाफ़ कुछ नहीं करेंगे। इसीलिए उन्होंने यह सोचकर भगवान ब्रह्मा से यह वरदान मांगा कि इस संसार में एक-दूसरे को छोड़कर कोई भी उन्हें मार न सके।
। इसके बाद सुन्द और उपसुन्द ने त्रिलोक्य में अत्याचार करना शुरू किया, जिससे सभी देवता और देवी बहुत दुःखी हो गए। तब ब्रह्मा ने तिलोत्तमा Tilottama नामक अप्सरा को सृष्टि किया और उन्हें दोनों भाइयों को आपस में लड़ाने के लिए भेजा।
फिर उन्होंने वरदान पाकर सुन्द और उपसुन्द को अपने प्रेम में लिपटा रखा, ताकि वे कभी एक दूसरे के खिलाफ कुछ ना करें। लेकिन दुर्वासा ऋषि के शाप के कारण, तिलोत्तमा Tilottama बाण की पुत्री बनी और विशेष मास में सूर्य के रथ पर रहने लगी।
इसी प्रकार, तिलोत्तमा Tilottama की एक और कथा विवरण करती है कि वह कश्यप और अरिष्टा की कन्या थी, जो पूर्वजन्म में ब्राह्मणी थी और उसे स्नान के अपराध में अप्सरा होने का शाप मिला था।
तिलोत्तमा Tilottama की और एक कथा है जो कहती है कि उसका जन्म ब्रह्मा के हवनकुंड से हुआ था। इस कथा के अनुसार, ब्रह्मा ने तिलोत्तमा Tilottama को सृष्टि के लिए सुंदर वस्तुओं में से तिल-तिल भर लिया और उससे इस अप्सरा की रचना की। इस कारण उसका नाम तिलोत्तमा Tilottama पड़ा।
तिलोत्तमा Tilottama ने ब्रह्मा के आदेश पर सून और उपसुन्द के पास गई और वहां उनके बीच विवाद बढ़ा दिया। दोनों भाई उसे पाने के लिए आपस में लड़ने लगे और उस लड़ाई में दोनों ही भाई मारे गए। इस प्रकार, तिलोत्तमा Tilottama की यह कथा है
तिलोत्तमा Tilottama की कई रूपांतरण कथाएं हैं, लेकिन उनमें से एक कथा कहती है कि उसे दुर्वासा ऋषि के शाप से बाण की पुत्री बना दिया गया था। इस शाप के बाद तिलोत्तमा Tilottama को विशेष मास में सूर्य के रथ पर रहना पड़ता था।
तिलोत्तमा Tilottama की कथाएं पुराणों में रची गई हैं और इनमें उसकी भक्ति, सौंदर्य, और प्रेम की महत्ता का वर्णन है। इसके जीवन कथाओं से हमें सीखने को मिलता है कि कैसे अद्भुतता और सुंदरता के साथ-साथ दुःख और भीषणता का सामना करना हो सकता है।
तिलोत्तमा Tilottama साधना विधि
साधना करने से पहले साधक को स्नान करना जरुरी है, और यदि वह स्नान करने में असमर्थ है, तो धोकर, धुले वस्त्र पहनकर, साधना शुरु कर सकता है।
रात में ठीक 10 बजे के बाद साधना शुरु करना उत्तम है, और रोज़ दिन में एक बार स्नान करना अत्यंत आवश्यक है।
साधना करते समय साधक को दिन में एक बार स्नान करना चाहिए, और वह साफ और शुद्ध वस्त्र पहने हुए होना चाहिए।
साधना में अप्सरा, गुरु, धार्मिक ग्रंथों और नैतिकता के प्रति सम्मान और आदर होना चाहिए।
साधक को यह ध्यान में रखना चाहिए कि साधना का समय एक ही रखना चाहिए और वह नियमित रूप से साधना करना चाहिए।
सामग्री:
तिल (सीसम) के बीज
फूल, चांदन, कुमकुम
गंध (सुगंधित तैल)
अद्भुत (आभूषण)
धूप और दीप
पूजा की थाली
प्रासाद (फल, मिठाई)
पूजा विधि:
शुद्धि का संकल्प: पूजा करने से पहले, मन से शुद्धि का संकल्प लें और अपने उद्देश्य का दृढ़ निर्धारण करें।
पूजा स्थल स्थापना: एक शुद्ध और सुरक्षित स्थान पर पूजा स्थल स्थापित करें।
तिलोत्तम की मूर्ति पूजा: यंत्र के सामने बैठें। उसको फूल, चांदन, कुमकुम, गंध, और अद्भुत से सजाएं।
मंत्र जप: तिलोत्तम के नाम का मंत्र जप करें। आप अपनी भक्ति या गुरुदेव के द्वारा सुझाए गए मंत्र का चयन कर सकते हैं।
आरती: तिलोत्तम की आरती गाएं और दीप और धूप के साथ पूजा को समाप्त करें।
प्रासाद: फल, मिठाई, और अन्य प्रसाद साधक के लिए रखें।
आत्मा समर्पण: पूजा के दौरान और उसके बाद, अपनी आत्मा को अप्सरा के साथ समर्पित करें और उसकी कृपा का आभास करें।
पूजा में आदतन श्रद्धा और पवित्रता के साथ बैठें और इसे एक आनंदमय और सकारात्मक अनुभव किसी को न बताए
क की माला से 51 माला जपे और ऐसा 11 या 21 दिन करनी हैं। बिना गुरु आज्ञा से ही अप्सरा साधना करें। इस के लिए यंत्र माला की जरूरत होगी वह हम से प्रपात कर सकते है किसी भी मार्ग दर्शन के लिए करें फ़ोन नंबर 8528057364
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kamekshi apsara sadhana कामाक्षी अप्सरा साधना – सबसे जल्दी सिद्ध होने अप्सरा
kamekshi apsara sadhana कामाक्षी अप्सरा साधना – सबसे जल्दी सिद्ध होने अप्सरा गुरु मंत्र साधना में आपका हार्दिक स्वागत है। आज मैं एक ऐसे अप्सरा की जानकारी देना वाला हु जो अप्सरा आपकी ज़िंदगी बदल सकती है। इस अप्सरा को सिद्ध करने के बाद आपकी ज़िंदगी आपार धन दौलत मान सामान की कोई कमी नहीं होगी आपको आपार धन दौलत सुख समृद्धि की कोई कमी नहीं रहेगी।
इस अप्सरा को सिद्ध करने के पश्चात् आप को कभी भी वशीकरण की साधना या किसी भी प्रकार के टोटके को करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्युकी यह अप्सरा कामदेव की अप्सरा है। कामदेव वशीकरण आकर्षण देवता है।
इस साधना को करने के पश्चात् आप के भीतर आक्रषण की शक्ति प्रपात होगी। जिस के बाद आप की और सब लोग अकृषित होंगे जो लोग आपको पसंद नहीं करते है आप को करने लगेंगे। आप की वाणी और शरीर के भीतर कामुक और वशीकरण शक्ति प्राप्त हो जाएगी।
फिर आप किसी को भी जो काम बोलोगे आप के काम को मना नहीं कर सकता चाहे वो व्यक्ति कितना मंत्री राज मंत्री कोई भी हो जहां जाओगे सब लोग आप के अधीन हो जाएगे। आप किसी से भी इस साधना से धन लाभ ले सकते है।
अगर आप किसी सरकारी नौकरी की तयारी कर रहे है नहीं लग रही है। तो यह साधना करने के पश्चात् लग जाएगी अगर दुकान पर ग्राहक नहीं आ रहे है। काम डप पड़ा काम निश्चित ही चलेगा बहुत ग्राहक आएगे आप संभाल नहीं पाएँगे।
काम का संबध मूलाधार चक्र से है जब मूलाधार चक्र संबध धन दौलत से है जब यह चक्र ब्लॉक हो जाता है तब आप के धन ऐश्वर्य के सब रास्ते बंद हो जाते है। जब यह अप्सरा की साधना करते हो तो आपके धन ऐश्वर्य के रास्ते अपने आप खुल जाते है।
अकस्मात धन प्राप्त होता है जिसे के लोटरी सट्टे गाड़ा धन शेयर मार्किट अदि से अचानक लाभ हो सकता है ,या पुरानी कबाज़ी ज़मीन प्राप्त हो सकती है या अचानक से सराकरी प्राप्त हो सकती है । यह अप्सरा आपको भूत भविष्य का ज्ञान देती है।
इस के इलावा जैसे को लड़का लड़की से प्रेम करता है पर दूसरे और से प्रेम नहीं है कहने जका मतलब एक तरफा प्रेम है तो इस साधना के पश्चात् कोई भी लड़की या लड़का मना नहीं करेगा। अगर किसी व्यक्ति शादी नहीं हो रही है तो, इस साधना के पश्चात् शादी आपकी मनचाही जगह पर होगी। दोने परिवारों की सहमती के साथ होगी।
बहुत सारे लोग फ़ोन करते है उनका पति या पत्नी का किसी और के साथ चक्र चल रहा है तो यह साधना के पश्चात पति पत्नी मैं आपसी प्रेम बढ़ेगा। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में कोइ रोग है तो इस साधना के पश्चात् समापत हो जाएगा और उसका शरीर सुन्दर और आकर्षक हो जाएगा।
इस मंत्र का जप २१ दिन २१ माला करे और नित्य इस अप्सरा की पूजा करे और अप्सरा को भोग में सफेद मिठाई रखे। इस साधना को करने के लिए आपको आपको अप्सरा यन्त्र माला की जरूरत होगी
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अप्सरा साधना के नुकसान Disadvantages of Apsara Sadhana
अप्सरा साधना के नुकसान Disadvantages of Apsara Sadhana अगर किसी साधना के फायदे होते हैं, तो उसके कुछ नुकसान भी होते हैं। जिन्हें हम आपको बताने जा रहे हैं।
साधकजनों किसी भी अप्सरा साधना को करने से पहले, एक गुरु के मार्गदर्शन का बहुत महत्व होता है।
किसी भी अप्सरा साधना को गुरु के मार्गदर्शन के बिना न करें, अन्यथा आपको क्षति हो सकती है।
जब आप अप्सरा साधना करना शुरू करते हैं, तो एक बात का ध्यान रखें कि आपकी साधना बीच में नहीं रुकनी चाहिए और आपकी साधना टूटनी नहीं चाहिए।
सबसे पहले, किसी भी गुरु के मार्गदर्शन में, आप साधना शुरू कर रहे हैं, तो उस साधना के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें, क्योंकि आपको अधूरी जानकारी के साथ साधना करनी नहीं चाहिए।
अगर आपकी साधना बीच में रुक जाती है या आप किसी कारणवश साधना बंद कर देते हैं, तो आपका मानसिक संतुलन खराब हो सकता है और आप पागल भी हो सकते हैं।
शादीशुदा को इस अप्सरा साधना को बिल्कुल नहीं करना चाहिए। जो लोग अविवाहित हैं, वे इसे एक बार आजमा सकते हैं।
जब आप अप्सरा साधना करते हैं, तो आपको उसे देवी या माँ के रूप में पूजन करना चाहिए, उसे पत्नी या गर्लफ्रेंड के रूप में पूजन नहीं करना चाहिए।
जब आपके सामने कोई अप्सरा आती है, तो आप उसे देखकर बहुत मोहित हो जाते हैं, लेकिन उस समय आपको खुद को नियंत्रित करना होता है।
जब आप अप्सरा की सफलता प्राप्त कर लेते हैं, तो वह आपको संभोग के लिए काम उत्तेजित करेगी, लेकिन आपको इसे करना नहीं है।
अगर आपने अप्सरा को पत्नी या गर्लफ्रेंड के रूप में प्राप्त किया है, तो आप अपने जीवन के बाकी समय के लिए शादी नहीं कर सकते। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपका जीवन भी खतरे में पड़ सकता है।
अपसरा को प्रमाणित करने के बाद, जो भी वादा आपने उससे किया है, आप उसे किसी से नहीं साझा करेंगे।
जैसे आप लोग पूरी शुद्ध मानसिकता के साथ तपस्या या देवी-देवताओं की पूजा करते हैं, उसी तरह आपको अप्सरा की पूजा भी करनी चाहिए।
जब आप अपसरा साधना करते हैं, तो उस समय आपको पैरों के चलने की आवाज़ या किसी के शरीर को स्पर्श करने की आवाज़ महसूस हो सकती है।
आपको साधना को बीच में नहीं बंद करना चाहिए, अन्यथा इसके भयानक परिणाम हो सकते हैं।
जिन लोगों का हृदय कमजोर हो, उन्हें इस साधना को बिल्कुल नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोग साधना के दौरान की अनुभव से डर सकते हैं, आपको हृदयघात भी हो सकता है, जिसके कारण आपका जीवन भी जा सकता है।
अगर आप अप्सरा को दिए गए वादे को तोड़ते हैं, तो उसी समय वह आपको छोड़कर अपने लोक में वापस जा सकती है।
आज बात करेंगे menka apsara मेनका अप्सरा अप्सरा साधना के बारे में मुझसे बहुत सारे लोगों ने सवाल पूछा है, कि क्या menka apsara मेनका अप्सरा अप्सरा साधना क्या कलयुग में menka apsara मेनका अप्सरा अप्सरा सिद्ध नहीं होती तो ।
आज इस विषय पर बात करेंगे जैसे अन्य अप्सरा साधना सिद्ध होती है । वैसे ही कलयुग में मेनका अप्सरा menka apsara अप्सरा भी सिद्ध होती है । ऐसा कुछ नहीं है कि यह साधना की रीत है या श्रापित है यह सब बेकार की बातें हैं जिनको इस प्रकार के साधना में कोई अनुभव नहीं हुए ।
menka apsara मेनका अप्सरा अप्सरा साधना से कोई लाभ नहीं हुआ वही इस प्रकार का भ्रम फैला rhe जैसे साधना में मेहनत करते हैं । प्रयास करते हैं वैसे ही प्रयास अगर हम menka apsara मेनका अप्सरा अप्सरा साधना में करेंगे तो इसमें भी अनुभव हो सकते हैं । मैंने खुद कई साधकों को menka apsara मेनका अप्सरा अप्सरा साधना करते हुए दिखाएं साधक है ।
इन विषय पर चर्चा करेंगे
मेनका अप्सरा किसकी पुत्री थी
मेनका अप्सरा कौन थी
मेनका अप्सरा साधना मंत्र
अप्सरा कितने प्रकार के होते हैं?
अप्सरा साधना का मंत्र क्या है?
अप्सरा कितने प्रकार के होते हैं?
अप्सरा साधना से क्या होता है?
सबसे सुंदर अप्सरा कौन सी है?
सबसे सुंदर अप्सरा कौन सी है?
अप्सरा कैसे सिद्ध होती है?
मेनका अप्सरा का जन्म
मेनका अप्सरा का जनम नहीं हुआ यह समुंदर मंथन से उत्पन्न हुई ! यह १४ रत्नो में से एक रतन था जिस को इंदर ने मांग लिया था स्वर्ग के लिए !यह स्वर्ग में देवताओ का मनोरंजन करती है ! इस का इस्तमाल देवता ऋषि मुनिओ की तपस्या भंग करने के लिए होता था समुंदर से निकलने ने के कारन यह माँ लक्ष्मी की बहन है !
मेनका अप्सरा किसकी पुत्री थी
मेनका वृषणश्र (ऋग्वेद १-५१-१३) अथवा कश्यप और प्राधा (महाभारत आदिपर्व, ६८-६७) की पुत्री तथा ऊर्णयु नामक गंधर्व की पत्नी थी।
मेनका अप्सरा कौन थी
मेनका एक अप्सरा थी जो इंद्रा की सुन्दर अप्सरो में से एक थी मेनका अप्सरा का जनम नहीं हुआ यह समुंदर मंथन से उत्पन्न हुई ! यह १४ रत्नो में से एक रतन थी मेनका वृषणश्र (ऋग्वेद १-५१-१३) अथवा कश्यप और प्राधा (महाभारत आदिपर्व, ६८-६७) की पुत्री तथा ऊर्णयु नामक गंधर्व की पत्नी थी। अर्जुन के जन्म समारोह तथा स्वागत में इसने नृत्य किया था।
मेनका अप्सरा साधना मंत्र यंत्र
मेनका अप्सरा साधना मंत्र गुपत रखा गया है आप को साधना दीक्षा के बाद उपलब्द करवाया जाएगा दीक्षा के लिए आप फ़ोन कर सकते है गुरु जी फ़ोन नंबर ph .8528057364
menka apsara मेनका अप्सरा साधना अनुभव
जिन्होंने साधना को करा है और उसमें अनुभव हुए हैं सफल हुए हैं । नाम तो मैं पब्लिक में नहीं बता सकता नाम बताने से वह शक्तियां नाराज हो जाती हैं । साधना खराब हो जाती है रखा जाता है मैंने menka apsara मेनका अप्सरा अप्सरा की साधना एक साधक को दी थी नही ।
जब वह साधना के बाद जब सो रहे थे सपने में एक सुंदर सी देवी आई और उस साधक को अपने गले लगा लिया साधक ने फिर मुझसे अपना अनुभव शेयर किया । और मुझसे यह जानना चाहा कि वह जो देवी सपने में आई थी वह कौन थी । मैंने उनसे कहा कि वह menka apsara मेनका अप्सरा ही हो सकती है ।
आप अपनी साधना को जारी रखी है आपको थोड़े समय में बिल्कुल स्पष्ट हो जाएगा समय जब वह अपनी साधना को कुछ दिन तक और करें तो वह menka apsara मेनका अप्सरा उनके सपने में आई मैंने सपने में स्पष्ट रूप से कहा कि मैं menka apsara मेनका अप्सरा हूं ।वैसे उसको भी यकीन हो गया कि यहां आज भी कलयुग में menka apsara मेनका अप्सरा को बुलाया जा सकता है ।
menka apsara मेनका अप्सरा साधना और जन्म कुंडली ग्रह स्थिती
इस के बाद उन्हने इस साधना को आगे भी करा और उनको और अच्छे अनुभव होते रहे तू ऐसा होता है । किसी किसी को बहुत जल्दी अनुभव हो जाते हैं । किसी किसी को एक महीना लग जाता है । अनुभव होने में किसी को 2 महीने भी लग जाते हैं ।
यह सब इस बात पर निर्भर करता है । कि आपकी जन्मकुंडली में आप की ग्रह स्थिति कैसी है । अपने पहले कौन कौन सी साधना या अनुष्ठान कर रखा है । की जन्म कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कैसी है । बृहस्पति कैसे हैं, शुभ होगा तो मन उत्साहित रहेगा एकाग्र रहेगा ,बृहस्पति शुभ होंगे बलवान होंगे, तो देवकृपा शीघ्र होती है ।
अन्य ग्रहों का भी अपना अपना असर साधक की साधना पर होता है । राहु और केतु अदृश्य ग्रह हैं शुभ हो जाए । तो सब छुपी हुई चीजों को प्रकट कर देते हैं और अगर अशुभ हो तो सारी जिंदगी ढूंढते रहे पास में पड़ी हुई चीज भी दिखाई नहीं देती ।
ग्रह खराब हो तो सिद्धि भी आसानी से नजर नहीं आती अनुभव नहीं हो पाते ज्यादा खराब हो तो व्यक्ति को नास्तिक बना देते हैं । व्यक्ति को सब कुछ मिलने लगता है फिर चाहे साधना हो सिद्धि हो ज्ञान हो अनुभव हो सब कुछ शीघ्र मिले लगता है ।
menka apsara मेनका अप्सरा अप्सरा की साधना कैसे करनी है
उसके बारे में मैं बता देता हूं इस आदमी को किसी भी शुक्रवार से प्रारंभ किया जाता है और यह 8 दिन की साधना है किसी शुक्रवार से प्रारंभ करके अगले शुक्रवार को साधना समाप्त कर दी जाती है । रात को 9:30 बजे के बाद आप कभी भी प्रारंभ कर सकते हैं ।
रात को 10:00 बजे एक 11:00 या 12:00 बजे कभी भी आप रात को इस साधना को प्रारंभ कर सकते हैं । शादी का जो भी साधना हो कर रहे हैं ।
वह पीले रंग के वस्त्र पहने बैठने का आसन हो वह भी पीले रंग का होना चाहिए सामने चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाकर उस पर की प्लेट या चांदी की प्लेट में अप्सरा यंत्र रखेंगे । प्राण प्रतिष्ठित और मंत्र से धोना चाहिए को शीघ्र लाभ मिल पाता है ।
तांबे का रहेगा तो ज्यादा अच्छा रहेगा थोड़ा सा केसर लेंगे और को पानी में घोलकर के उसके सर से प्लेटके बीच में श्री लिखना है जो प्लेट उस प्लेट के बिल्कुल बीचो-बीच श्री अक्षर लिखेंगे । अप्सरा यंत्र स्थापित करेंगे श्री यंत्र का सामान्य पूजन करें उस पर केसर की बिंदी लगाएं दिए जलाने आपके पास गुलाब के पुष्प हो तो गुलाब के पुष्प उस यंत्र पर रखे और अगर गुलाब के कुछ भी नहीं है तो ।
आप कोई भी कोई भी कुछ प्ले करते हो उस यंत्र पर चढ़ाएं थोड़ा सा गूगल चलाएं खाना है । गूगल कैसे जलाते हैं उस पर वीडियो मैंने पहले से बना दिया है । गूगल का दुआ दिखाने के बाद फिर आप दाहिने हाथ में जल लेंगे संकल्प करेंगे और संकल्प में अपना नाम अपना गोत्र बोलेंगे और कहेंगे कि मैं menka apsara मेनका अप्सरा साधना सिद्ध करना चाहता हूं ।
जिससे कि वह प्रेमिका रूप में जीवन भर मेरे पास रहे और जो भी आज्ञा दूं उसे पूरा करें के बाद सामने दूध से बनी हुई मिठाई का भोग लगाएंगे । एक इलायची रखेंगे और उसके बाद हकीक की माला से उत्तरा के मंत्र का 11 माला जाप करेंगे एक माला संस्कारित होनी चाहिए अभियंत्रण माला कहीं से भी ले सकते हैं प्राण प्रतिष्ठा करवाने के बाद ही उसको अपनी साधना में इस्तेमाल करें ।
अगर आपको ऐसे यंत्र माला मिलने में परेशानी हो तो और फ़ोन कर सकते है ८५२८०५७३६४ है आप यंत्र माला मंगवा सकते हैं अगर इस बीच में कुछ अनुभव होते हैं तो उन अनुभव को किसी को बताना नहीं है । कुछ दृश्य दिखाई देते हैं या कुछ घुंघरू की आवाज सुनाई देती है ।
या खुशबू आती है कपड़ा के सपने में दर्शन होते हैं । तो भी इस विषय में किसी से भी जिक्र नहीं करना है । 8 दिन तक लगातार यह साधना होती है अभी रात्रि को साधना करने से पहले एक गुलाब के पुष्पों का हार रखा जाता है अपने साधना स्थल पर और जब साधना पूर्ण होने पर menka apsara मेनका अप्सरा अगर प्रत्यक्ष होती है तो वह माला उसे पहना दिया जाता है सिद्धि तभी मानी जाती है ।
जब menka apsara मेनका अप्सरा आपके हाथ में अपना हाथ रख कर के वचन दे कि वह जीवन भर आपके साथ रहेगी और आपकी जो भी मनोकामना है उसको पूरा करें । आपके हर आज्ञा का पालन करेगी उनको 8 दिन में सफलता नहीं मिलेगी बालक है वह 8 दिन बाद भी साधना को नित्य करते रहे कम 11 माला नित्य संपन्न करें नित्य 11 माला संबंध करेंगे
तो थोड़े समय बाद ही menka apsara मेनका अप्सरा अप्सरा की उपस्थिति का आभास होने लगेगा कुछ विशेष अनुभव हो सकते हैं में दर्शन हो सकते हैं जाप करने से धीरे धीरे आपका तपोबल बढ़ने लगेगा तो कुछ समय के बाद फिर प्रत्यक्ष अनुभव भी हो सकते हैं । और प्रत्यक्ष दर्शन भी हो सकते हैं ।
साधना में सफलता के लिए किस मंत्र का अनुष्ठान करने का प्रयास करें मेनका अप्सरा menka apsara अप्सरा के मंत्र का जाप करते रहे तो इससे भी धीरे-धीरे मंत्र जागृत होने लगेगा और अप्सरा के अनुभव प्रारंभ हो जाएंगे menka apsara मेनका अप्सरा अप्सरा की पूर्ण कृपा होने लगती है ।
तो सादा को धन ऐश्वर्या मान सम्मान सब कुछ प्राप्त होने लगता है राधा की सभी इच्छाओं को पूरा करती है । एक प्रेमिका या मित्र की तरह साथ रहती है । और साधक उससे जो भी चाहता है
आज बात करेंगे menka apsara मेनका अप्सरा अप्सरा साधना के बारे में मुझसे बहुत सारे लोगों ने सवाल पूछा है, कि क्या menka apsara मेनका अप्सरा अप्सरा साधना
रंभा अप्सरा साधना और अनुभव rambha apsara sadhna अप्सरा का साथ ऐसा साथ है जिस के बाद समय को तो जैसे पर लग जाते है समय का तो पता ही नहीं चलता है । ना तो दिन का पता चलता है नहीं ही रात का पता चलता । इस अवस्था ज्ञानी जनों ने आनंद अवस्था कहा है । जिसे समय का पता ही नहीं चलता इस पृथ्वी पर कोई ना कोई तपस्वी तपस्या करने बैठता था । तो स्वर्ग लोक में देवराज इंद्र को लगने लगता था । जब उनका सिहासन खतरे में है और वे बिना बात को पूरी तरह से समझे तपस्वी की तपस्या को भंग करने के लिए किसी ना किसी खूबसूरत अप्सरा को भेज देते थे । और फिर वो ऋषि अप्सरो के मोह पाश फसकर कामदेव के बाणों से आहत होकर तपस्वी अप्सराओ के के पीछे लग जाते थे । जिस के बाद अपनी तपस्या छोड़ कर उस अप्सरा के पीछे लग जाते थे।
जब महान ऋषि कांडू गोमती नदी के किनारे बैठकर घोर तपस्या में लीन थे। तब उनकी तपस्या से भयभीत होकर देवराज इंद्र ने स्वर्ग से सुंदर अप्सरा को चुना ऋषि की तपस्या को भंग करने के लिए भेजा । महा ऋषि उस अप्सरा को देखते सार मोहित हो गए और तपस्या छोड़ कर उस अप्सरा के आनंद में लीं हो गए । और समय का तो जैसे पता ही नहीं चला कई महीने कई साल व्यतीत हो गए एक दिन ऋषि की आँख खुली तो वो बोले मैं संध्या पूजन करके आता हु । अप्सरा बोली इतने साल बाद आप को आज आप को संध्या पूजन की याद आई सुबह ही तो आई हो वो बोली मुझे आये 907 साल हो गए है । अप्सरा का साथ इतना आनंददाई था महाऋषि को पता ही नहीं चला कब 907 निकल गए ।