बीवी को मायके से बुलाने का ताबीज – चमत्कारी मंत्र के साथ ph.85280 57364
बीवी को मायके से बुलाने का ताबीज – चमत्कारी मंत्र के साथ और इस मंत्र साधना से आप अपनी रूठ कर गई बीवी को बुला सकते है कुछ दिनों में ही बीवी वापस आएगी अगर आप यह प्रयोग कर लेते हो।
बीवी को मायके से बुलाने का ताबीज – चमत्कारी मंत्र के साथ ph.85280 57364
यदि किसी व्यक्ति की पत्नी ससुराल से रूठकर मायके चली गयी हो। बार-बार मनाने या आग्रह के बावजूद भी जिद पर अड़ी हो कि हम किसी कीमत पर ससुराल नहीं जायेंगे, तब उसके पति को उपरोक्त मन्त्र का जप प्रारम्भ करना चाहिए। और इस मंत्र को लिख कर ताबीज बना कर बाजू में बांधना है।
इस मन्त्र का २१ बार जप करना चाहिए। ४१ दिन के पश्चात् मन्त्र सिद्ध हो जाता है। उसके बाद सांभर (नमक) को १०८ बार इस मन्त्र से अभिमन्त्रित करके उस नमक को किसी बहाने अथवा किसी वस्तु में मिलाकर अपनी पत्नी को खिलवा देना चाहिए। नमक खाते ही वह स्त्री ससुराल वापस आ जायेगी और फिर कभी रूठकर नहीं जायेगी।
sautan se chutkara pane ka mantra सौतन से छुटकारा पाने का मंत्र – पति को पराई स्त्री से दूर करें ph. 85280-57364
sautan se chutkara pane ka mantra सौतन से छुटकारा पाने का मंत्र – पति को पराई स्त्री से दूर करें ph. 85280-57364
sautan se chutkara pane ka mantra सौतन से छुटकारा पाने का मंत्र – पति को पराई स्त्री से दूर करें यह प्रयोग तब किया जाता है जब पति किसी अन्य स्त्री के जाल में फंस गया हो और पत्नी की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है तब उस पराई स्त्री के जाल से पति को मुक्त कर अपने प्रति प्रेम बढ़ाने के लिए यह प्रयोग किया जाता है। इस प्रयोग से पति और उसमें भयंकर लड़ाई हो जाती है और वे भविष्य में एक-दूसरे का मुँह भी देखना पसन्द नहीं करते।
sautan se chutkara pane ka mantra vidhi सौतन से छुटकारा पाने का मंत्र विधि
सामने सियारसिंगी रख दें और उसके सामने ही हकीक पत्थर रख दें। एक पत्थर पर पति का नाम लिखें और दूसरे पत्थर पर उस स्त्री का नाम लिख दें। फिर उपर्युक्त मन्त्र का मात्र पाँच हजार जप के बाद जिस हकीक पत्थर पर स्त्री का नाम लिखा है, वह पत्थर सुनसान स्थान पर जमीन में गाड़ दें और जिस पत्थर पर पति का नाम लिखा है, वह पत्थर सियारसिंगी के साथ अपने सन्दूक में रख दें। इस प्रकार करने से सौत से छुटकारा मिल जाता है, पति का उस स्त्री से भयंकर झगड़ा होता है और भविष्य में उनमें किसी प्रकार का कोई सम्बन्ध नहीं रहता।
भूत कैद करने का सिद्ध मंत्र इस से भूत होगा आपकी मुठी में bhoot ko kaid karne ka mantra ph. 85280-57364
भूत कैद करने का सिद्ध मंत्र इस से भूत होगा आपकी मुठी में bhoot ko kaid karne ka mantra
bhoot ko kaid karne ka mantra भूत कैद करने का सिद्ध मंत्र इस से भूत होगा आपकी मुठी में और आपके सब काम करेगा यह सिद्ध मंत्र है
bhoot ko kaid karne ka mantra भूत कैद करने का सिद्ध मंत्र
शिवलिंग, तांबे या पीतल की परात, बेलपत्र, धतूरे का फल, अकवन (आक) का फूल, अड़हुल का फूल, कनेर का फूल, भांग की पत्तियाँ (सूखी या हरी), दूध एक लीटर, आसन रंग का कम्बल, उड़द और शुद्ध जल संकलित करें। किसी एकांत कमरे में दक्षिण की ओर मुंह करके आसन विछाकर बैठ जाएं। सामने परात रखकर शिवलिंग स्थापित करें और मन्त्र का जप करते हुए उस पर उड़द, फूल एवं पत्तियाँ एक-एक करके चढ़ाएं। १२१ बार मन्त्र का जप करें। तत्पश्चात् शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। इसके बाद मन्त्रजप करके दूध चढ़ाएं। परात की सामग्री को जल एवं दूध के साथ उबालें। जब इसकी चाशनी खीर की तरह बन जाए, तो उसे किसी पीपल के पेड़ के नीचे जड़ में डाल दें। यह क्रिया २१ दिनों तक करे ।
बंगाली मारण प्रयोग -सबसे तीव्र मारण प्रयोग और प्रभावशाली ph 85280 57364
बंगाली मारण प्रयोग -सबसे तीव्र मारण प्रयोग और प्रभावशाली ph 85280 57364
बंगाली मारण प्रयोग -सबसे तीव्र मारण प्रयोग और प्रभावशाली ph 85280 57364 जय महाकाल मेरे प्रिय साधक और मित्रों कैसे हैं आप सब लोग उम्मीद करता हूं आप सब ठीक ही होंगे कि आज मैं आप लोगों के सामने लुट बंगाल का है या बांग्लादेश का भी आप बोल सकते हो सबसे खतरनाक मंत्र है और इस मंत्र का नाम अगर आप वेस्ट बंगाल में या बांग्लादेश में अगर नाम लोगे कुछ तो लोग थर-थर कांपने लगते हैं या फिर कि यहां पर भी अगर आपको जानकर लोगों के सामने इस बांध मंत्र का अगर नाम लोगे है तो सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है कि यह वह मंत्र है सबसे खतरनाक मंत्र उसे बोलते हैं
बान मंत्र बंगाल में बोलते बाल मारना समझे आप बांध मारना है कि यह इतना खतरनाक मंत्र है बांध मारना अगर आप कि अपने दुश्मन को और बाद एक प्रकार के लिए मित्रों जिस तरह आप रामायण में या कथा मैं लेकर होंगे हर तरह के अलग-अलग बांध निकाल कर मर तीर निकाल के मारते हैं ना अलग-अलग तरह के तीर निकालते मारते हुए
पराए परुष को पत्नी से दूर करने का मंत्र पराया परुष होगा दूर ph. 85280-57364
सामग्री- जलपात्र, सियारसिंगी, दो हकीक पत्थर हकीक माला । समय — दिन या रात का कोई भी समय आसन । दिशा — पश्चिम दिशा । जपसंख्या – पाँच हजार तेल का दीपक माला- आसन – नीले रंग का सूती अवधि — जो भी सम्भव हो करना चाहिए।
फिर सियार के पहले पाँच हजार मन्त्रजप करके इस मन्त्र को सिद्ध सिंगी के सामने दो हकीक पत्थर रख दें। एक पर उस स्त्री का नाम लिखें, दूसरे हकीक पत्थर पर नाम न लिखें, अपितु यह लिखें कि अमुक स्त्री से जिस पुरुष भी सम्बन्ध हो, वह विच्छेद हो जाए।
फिर दोनों हकीक पत्थर सियारसिंगी के सामने रखकर हकीक माला से पाँच हजार जप करें। मन्त्रजप पूरा होने पर सियारसिंगी के साथ उस हकीक पत्थर को, जिस पर स्त्री का नाम अंकित है, लाल कपड़े में बांधकर संदूक में रख दें और वह दूसरा हकीक पत्थर जमीन में गाड़ दें।
पराए परुष को पत्नी से दूर करने का मंत्र पराया परुष होगा दूर
इस प्रकार करने से उस स्त्री के अन्य जितने भी पुरुषों से सम्बन्ध होंगे, वे सम्बन्ध खत्म हो जायेंगे और उनमें परस्पर लड़ाई-झगड़ा होगा। यह प्रयोग पति कर सकता है या प्रेमी कर सकता है। जिसे यह विश्वास हो कि मेरी प्रेमिका के सम्बन्ध अन्य पुरुषों से हैं।
शत्रु नाशक टोटके लाल किताब – निश्चित ही शत्रु पराजित होगा ph. 85280-57364
शत्रु नाशक टोटके लाल किताब – निश्चित ही शत्रु पराजित होगा
शत्रु नाशक टोटके लाल किताब – निश्चित ही शत्रु पराजित होगाshatru nashak totke lal kitab नमस्कार मित्रों गुरु मंत्र साधना के माध्यम से लाला किताब के टोटके लेकर आता हूं ,आज का यह टोटका है शत्रु नाशक टोटका है क्योंकि शत्रु चाहे जितना शक्तिशाली हो इस टोटके के सामने टिक नहीं सकता। आपके जीवन में शत्रु आपको परेशान करने की कोशिश शत्रु आपको चाय रहा है, कि आप परेशान हो जाएगा जीवन में बड़ा ही बाधा डाल रहा है ,आपके विकास को रोकना चाहता है।
शत्रु नाशक टोटके लाल किताब
शत्रु नाश के लिए उपाय
शत्रु नाशक उपाय
आप उसके सामान बलवान नहीं है ,तब भी डरने की जरूरत नहीं है। यह छोटे छोटे टोटके बड़े से बड़े शत्रु का शमन कर सकते हैं। शत्रु बाधा से पीड़ित है जीवन में शत्रुओं ने आपको नाच नचा के रखा है। कोई रास्ता नहीं नजर आ रहा है तो एक रास्ता मैं देता हूं। जीवन में शत्रु बाधा से जीवन की परेशानी दूर हो जाए शत्रु आपके भिड़ गया है। और आप शत्रु के संकट है आपका एक लक्ष्य रह गया है। आप चिंता मत करें इस टोटके से पराजित हो सकता है पर करना क्या है।
कुछ टोटके मैं आपको देता हूं और यह टोटके कम से कम जरूर करे। और चारों टोटके बेहद असरदार है बड़े से बड़े शत्रु का शमन करने में सक्षम है करना क्या है।
1 शत्रु नाशक टोटके लाल किताब – शत्रु नाश के लिए उपाय
shatru nashak totke lal kitab पहले टोटका रविवार के दिन से दिन ये टोटका करना है। रविवार के दिन चमेली के पेड़ से चमेली का जो फूल होता है। उसे फूल की जड़ अर्थात पेड़ की जड़ आप ले आए और एक तांबे की तबीयत या चांदी की ताबीज में ,उसे जड़ को डालकर के रश्मि रंग का धागा लेकर के रविवार के दिन ही पूजा पाठ करके धूप दिखा करके ,उसे चमेली की जड़ को अपने धरण करले चमत्कार देखेंगे की शत्रु अपने आप को किसी और शत्रु से भीड़ जाएगा। आपका कार्य कोई और उसके ऊपर निश्चित रूप से करेगा वह निश्चित रूप से इस चमेली की जड़ में इतनी ताकत है शत्रु का शमन हो सकता है।
2 शत्रु नाशक टोटके लाल किताब – शत्रु नाश के लिए उपाय
shatru nashak totke lal kitab दूसरा प्रयोग सिद्धिमांज की डोरी कमर में रविवार के दिन आप धारण करें रविवार को सुबह सूर्योदय से लेकर शाम सूर्यास्त मूंज की डोरी अपने कमर में चुपके से बांधे और उसे शत्रु का नाम सारे दिन में कम से कम 11 21 51 बार ले तो निश्चित रूप से देख लीजिएगा। उसे वह शत्रु इस मांज की डोर में बंद जाएगा और आपके ऊपर प्रहार नहीं कर पाएगा आपके जीवन से खत्म हो जाएगा पराजित हो जाएगा।
3 शत्रु नाशक टोटके लाल किताब – शत्रु नाश के लिए उपाय
shatru nashak totke lal kitab नंबर तीन लाल कनेर यह जॉइन 90 दिन का सिद्धांत है। अर्थात 90 दिन का या 91 दिन भी कर सकते हैं। इसमें करना क्या है लाल कनेर के पुष्प आप 11 पुष्प 21 पुष्प लेकर के आए 21 51 लेकिन ध्यान रहे। आप के पीछे राजतंत्र का राज मंत्री क्यों न पीछा लगा हो आपके पीछे जो है बहुत महत्वपूर्ण सिद्धांत है विघ्न विनायक भगवान गणपति आपके जीवन से शत्रु को हटा देंगे करना क्या है।
लाल कनेर के पुष्प हो सके तो वन डे दिन 1 दिन 21 दिन 90 दिन भी एक सिद्धांत बना ले ओम गणेशया नमः लगातार लाल कनेर पुष्प चढ़ाए और निवेदन करें कि प्रभु यह लाल कनेर मैं आपको इसलिए अर्पण कर रहा हूं। कि मेरे जीवन में जो यह प्रबल शत्रु लगा हुआ है। इससे मुझे मुक्ति दिलाए तू क्यों कि जब जीवन में विघ्न होता है तो शत्रुघ्न करता है जब जीवन में विघ्न रहेगा ही नहीं तो शत्रु आपके जीवन से हट जाएगा गणपति आपके जीवन से शत्रु हटा देंगे।
4 शत्रु नाशक टोटके लाल किताब – शत्रु नाश के लिए उपाय
shatru nashak totke lal kitab एक रामबाण उपचार देता हूं नंबर 4 माता धूमावती शत्रु नाशनी होती शनिवार के दिन माता की आराधना करें लेकिन इसमें विशेष क्या है। किसी योग्य गुरु की देख रेख में करे क्योंकि धूमावती माता आपके शत्रु के को स्तंभ कर देती है आपका पीछा तो धूमावती साधना शनिवार के दिन करे और गुरु आज्ञा से शत्रु का शमन निश्चित होगा।
5 शत्रु नाशक टोटके लाल किताब – शत्रु नाश के लिए उपाय
shatru nashak totke lal kitab पांचवा सिद्धांत है शनिवार के दिन से शुरू करें 43 डेज जिसमें एक सिक्का ले जिसके बीच में छेद हो गंदे नाले में अपने शत्रु का नाम लेकर के 40 43 डेज आप उसे सिक्के को फेंकने का प्रयास करें ४३ दिन के बाद शत्रु आपके चरण गिर जाएगा। इसको आप देख लीजिएगा पंच महायोग आपके जीवन में शत्रुघ्न योग बना देंगे।
आपके जीवन से शत्रु को निश्चित रूप से निकाल के दर फेंकने में समर्थ है। आप अगर शत्रु बाधा से योग सिद्धांतों को करके देखिए विश्वास मानिए गए ,कि आपके जीवन में शत्रु रहेंगे ही नहीं जिनके जीवन में शत्रु नहीं होंगे। उनके जीवन में विकास होगा क्योंकि झगड़ा झांझर मुकदमा यह मनुष्य को पीछे ले जाते हैं ,तो इसे आप पीछा छुड़ाकर के अपने जीवन में हर प्रकार की खुशियां लाने का प्रभाव करें। बहुत बहुत धन्यवाद
फोटो से शत्रु नाश होगा निश्चित enemy destroyed by photo ph. 85280 57364
फोटो से शत्रु नाश होगा निश्चित enemy destroyed by photo
फोटो से शत्रु नाश होगा निश्चित इस मंत्र से शत्रु का नाश पक्का होगा और वो पागल हो जाएगा फिर आपको कभी परेशान नहीं करेगा यह प्रयोग प्राचीन है
श्मशान में जाकर किसी शनिवार की रात्रि को कोई जलती हुई चिता देखकर समस्त वस्त्र उतार कर उसके समक्ष बैठ जाएं और इस मन्त्र का जप करें। सूर्योदय से पहले उस चिता को प्रणाम करें और उसका कोयला तथा राख लेकर आ जाएं। अपने शत्रु के पाँव तले की धूल लेकर उसमें राख मिलाकर पीली मिट्टी की शत्रु की प्रतिमा बनाएं। इसको कोयले के ढेर पर रखकर श्मशान वाला कोयला इसके हृदय पर रख दें और पुनः कोयलों से ढक कर उसे सुलगा दें; साथ-ही-साथ ऊपर बताए गये मन्त्र का जप करते रहें। जैसे-जैसे प्रतिमा ताप पायेगी, वैसे-वैसे शत्रु ताप से पीड़ित होकर तड़पेगा। जैसे ही पूर्ण ताप पाकर प्रतिमा चटकेगी, शत्रु भी मृत्यु को प्राप्त हो जायेगा |पर उक्त मन्त्र का १०८ बार जप करें। खैर या आक की लकड़ी जलाकर इस वस्त्रको आग में तपायें। कपड़ा जलने न पाये। शत्रु पागल हो जायेगा। अच्छा करने के लिए गधे के मूत्र से उस कपड़े को धोकर सुखा दें।
गुप्त शत्रु की पहचान कैसे करें: सुरक्षित रहने के लिए अच्छे तरीके How to Spot a Secret Enemy: Ways to Stay Safe ph. 85280-57364
गुप्त शत्रु की पहचान कैसे करें: सुरक्षित रहने के लिए अच्छे तरीके How to Spot a Secret Enemy: Ways to Stay Safe
परिचय आजकल की तेजी से बदलती दुनिया में, हमारी गोपनीयता और सुरक्षा का महत्वपूर्ण रोल होता है। गुप्त शत्रु से बचने के लिए, हमें उनकी पहचान करने के तरीकों को समझना महत्वपूर्ण है। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि आप गुप्त शत्रु की पहचान कैसे कर सकते हैं और अपनी सुरक्षा को कैसे बढ़ा सकते हैं।
गुप्त शत्रु कौन हो सकते हैं?
व्यक्तिगत दुश्मन
अक्सर हमारे जीवन में व्यक्तिगत विवादों या किसी व्यक्ति से संघर्ष की वजह से गुप्त शत्रु बन सकते हैं। ये लोग आपके खिलाफ चुगली करते हैं और आपकी परेशानियों का उपयोग करके आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।
व्यापारिक दुश्मन
व्यापार में कई बार आपकी सफलता की वजह से आपके व्यापारिक संघर्ष करने वाले लोग भी गुप्त शत्रु बन सकते हैं। वे आपके व्यवसाय को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं।
गुप्त शत्रु की पहचान कैसे करें?
अनोखे बर्तनों की सतर्कता अगर आपके आसपास कुछ अनोखे बर्तन या उपकरण दिखाई देते हैं जिन्हें आपने खरीदा ही नहीं है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि कोई आपके बारे में जानकारी चुरा रहा है।
अचानक बदलते व्यवहार
आपके आसपास के लोगों का व्यवहार अचानक से बदल जाता है और वे आपके प्रति सावधानियां दिखाने लगते हैं, तो यह एक संकेत हो सकता है कि कोई आपके खिलाफ कुछ कर रहा है।
सुरक्षा के उपाय
सतर्कता बनाए रखें अपने आसपास के लोगों के साथ सतर्क रहें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सावधानीपूर्वक सुरक्षित रखें।
ऑनलाइन सुरक्षा का ध्यान रखें अपने ऑनलाइन खातों की सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड और दो-प्रमाणितीकरण का उपयोग करें।
निष्कर्ष गुप्त शत्रु की पहचान करना आपकी सुरक्षा की प्राथमिकता होनी चाहिए। सतर्क रहें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए उपरोक्त उपायों का पालन करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) मुझे अपनी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करनी चाहिए?
आपको अपने आसपास के लोगों के साथ सतर्क रहकर और अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखकर सुरक्षा की दिशा में कदम उठाना चाहिए। ऑनलाइन सुरक्षा के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जा सकते हैं?
आप ऑनलाइन सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड उपयोग करके, दो-प्रमाणितीकरण का उपयोग करके, और अद्यतन और सुरक्षित रहने वाले सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके कदम उठा सकते हैं। गुप्त शत्रु से बचने के लिए कौन-कौन से तरीके अधिक प्रभावी हो सकते हैं?
गुप्त शत्रु से बचने के लिए सतर्क रहना, अनोखे बर्तनों की सतर्कता बनाए रखना, और अचानक बदलते व्यवहार पर ध्यान देना अधिक प्रभावी तरीके हो सकते हैं। क्या ऑनलाइन गोपनीयता सुरक्षित होती है?
जी हां, ऑनलाइन गोपनीयता को सुरक्षित बनाने के लिए आपको मजबूत पासवर्ड और सुरक्षित सॉफ़्टवेयर का उपयोग करना चाहिए। क्या गुप्त शत्रु की पहचान करना वास्तव में महत्वपूर्ण है?
जी हां, गुप्त शत्रु की पहचान करना आपकी सुरक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आप खुद को उनके हाथों सुरक्षित रख सकते हैं।
shamshan paryog श्मशान जगाना – श्मशान जगाने का प्रयोग ph.8528057364
श्मशान जगाने का प्रयोग shamshan jagane ka prayog श्मशान जगाने का प्रयोग विद्वेषण, उच्चाटन, मारण सभी इस एक मंत्र से संभव हैं। श्मशान ले जाने वाले पुरुष के शव को मार्ग में ही कच्ची हल्दी से रंगे चावलों से न्यौता दें। फिर जब श्मशान से लोग लौट आएं, तब वहां जाकर एक देशी अंडा और कच्ची शराब 21 बार मंत्र पढ़कर अर्पित करें।
अब एक सफेद कोरे कपड़े में कच्ची हल्दी, एक सुपारी और चिता के बूझे कोयले का एक टुकड़ा बांधकर मिट्टी के कोरे बर्तन में रखकर चिता के समीप ही दबा दें। उसी दिन रात के अंतिम पहर में पुनः श्मशान में जाएं और पुनः अंडे तथा मदिरा को 7 बार मंत्र से अर्पित करें। फिर गाड़े हुए बर्तन को निकालें ।
कपड़े में बंधी सारी सामग्री वहीं फेंक दें और उस चिता की एक मुट्ठी राख उस कपड़े में बांधकर आए। श्मशान जाते समय यथा संभव किसी से बोले नहीं और लौटते समय पीछे मुड़कर कदापि न देखें, अन्यथा विपत्ति आ सकती है। श्मशान से लाई राख की पोटली को घर के भीतर कभी न रखें, अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर रखें। एक चुटकी राख 31 बार अभिमंत्रित करके जहां डाली जाएगी, वहां उत्पात होने लगेंगे। इस अभिचार प्रयोग को अत्यंत आवश्यक होने पर ही किया जाए।
shaabar mantra utpatti शाबर मंत्र उत्पत्ति की कथा और रहस्य ph. 858280 57364
shaabar mantra utpatti शाबर मंत्र उत्पत्ति की कथा और रहस्य शाबर मंत्र प्रयोग की यह शृंखला आगे बढ़ाने से पहले एक प्रसिद्ध कथा लिख दूं । द्वारा विजय पाने का निर्देश दिया। अतः अर्जुन को घोर जंगल में तप करना यह ‘महाभारत’ की कथा है कि महर्षि व्यास ने अर्जुन को ‘पाशुपतास्त्र‘ पड़ा।
किरात वेश में भगवान शंकर ने उनकी परीक्षा ली। प्रसन्न होकर शंकर ने उन्हें कौरवों पर विजय पाने हेतु अपना अस्त्र प्रदान किया। उसी समय माता पार्वती ने भी शबरी का रूप धारण किया था। दीर्घकाल तक शबर-सेवकों द्वारा सेवित होने पर मां ने प्रसन्न होकर उनसे वर मांगने को कहा। उन लोगों ने निवेदन किया- “मां!
अगर आप प्रसन्न हो तो भोले को मनाकर हम सबको ऐसे मंत्रों का उपदेश दो, जिससे हम अपढ़, अनभि के भी पाप सरलता से मिट जाएं।” माता पार्वती ने भगवान भूतनाथ को प्रसन्न देखकर अपने भक्तों की आकांक्षा कह सुनाई।
फलस्वरूप शबर-रूपी शंकर एवं शबरी रूपिणी माता पार्वती के मुखारविंद से जो अक्षर निकले, उनके उच्चारण मात्र से सभी सिद्धियां तत्काल मिलने लगीं। इन मंत्रों में वैदिक मंत्रों की तरह उच्चारण एवं स्वर-क्रम की न तो कंठिनता होती है और न फल- सिद्धि में विलंब होता है।
इसका एक कारण यह भी है कि अन्य सभी मंत्रों को ‘कीलित’ किया गया है, अतः वे ‘उत्कीलन’ किए जाने पर ही अपना प्रभाव दिखाते हैं, परंतु शाबर मंत्रों को कीलित नहीं किया गया है, इसलिए अन्य मंत्रों की अपेक्षा कम समय में और अल्प साधना से ही वे सिद्ध हो जाते हैं। कुछ शाबर मंत्र तो ऐसे होते हैं, जिन्हें सिद्ध करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। उनके उच्चारण से ही लाभ होता है।