पद्मावती मंत्र साधना – भविष्य जानने की विद्या ph.85280 57364
पद्मावती मंत्र साधना – भविष्य जानने की विद्या ph.85280 57364
पद्मावती मंत्र साधना – भविष्य जानने की विद्या ph.85280 57364 आप सभी कैसे हो मैं उम्मीद करता हूं आप लोग सही सलामत से होंगे हम मां भगवती से यही कामना करता हूं आप लोग इधर भी हो उधर खुश रहो चलिए दोस्तों आज पूछा लगाने का कुछ मैं प्रयोग में बताऊंगा दोस्तों क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में जॉन सभी साधक साधिकाएं होंगे तो इसका बारे में मालूम होगा दोस्तों ठीक है यह जो 1 घंटा है ठीक है मुझे का जॉन होता है ना वह है दोस्तों ठीक है क्योंकि हमारे इधर बहुत और आकर दोस्तों पूछा लगता है ठीक है तो यह जो एक तरीका है दोस्तों मुझे बहुत अच्छा लगता है दोस्तों ठीक है इसका एक मंत्र है दोस्तों वैदिक है ठीक है किसी का भी भूत भविष्य वर्तमान जान सकते है सर्व ज्ञान हो जाएगा आपको
साधन विधि – दो वर्ष तक प्रतिदिन १०८ बार इस मन्त्र का जप करने से यह विद्या सिद्ध होती है । विद्या सिद्ध हो जाने पर साधक को सब विषयों का ज्ञान प्राप्त हो जाता है । जो भक्त योगी शैया पर बैठ कर रात्रि के समय इस मन्त्र का प्रतिदिन १०८ बार जप करता है, वह प्रतिदिन के समस्त हितकर वृतान्त को जान लेता है । तन्त्र शस्त्रों में कहा गया है कि इस मन्त्र के साधक को ब्रह्मा, विष्ण आदि का तथा त्रैलोक्य का वृतान्त भी ज्ञात हो जाता है । शुभदायिनी पद्मावती विद्या उससे स्वप्न में सब वृतान्त कहती हैं ।
Panchanguli sadhana – चमत्कारी प्राचीन त्रिकाल ज्ञान पंचांगुली साधना रहस्य ph.85280 57364
Panchanguli sadhana – चमत्कारी प्राचीन त्रिकाल ज्ञान पंचांगुली साधना रहस्य ph.85280 57364 गुरुमंत्र साधना। कॉम में स्वागत है ! आज हम फिर तिरकाल ज्ञान साधना के ऊपर वीडियो लेकर आया हु ! जो तिरकाल ज्ञान की सब से मशहूर साधनो में से एक है जिस का नाम पंचागुली विद्या ! तिरकाल ज्ञान की जानकारी के लिए हमारे ऋषि मोनीओ ने बहुत सारे ग्रंथो और साधनाओ की रचना की है !
इस काम में हमारे ऋषि मोनीओ ने बहुत योगदान पाया है महर्षि भृगु और ऋषि पराशर जी ने जी ने ज्योतिष विद्या का निर्माण किया ! भूत भविष्य वर्तमान जानने के बहुत सारे माध्यम है कोई ज्योतिष विद्या से जनता है कोई आज्ञा चक्र के माध्यम से जनता है सब के काल ज्ञान की साधना के अलग अलग माध्यम हसत रेखा देखता है इन सब से श्रेष्ठ माध्यम साधना का है !
पंचांगुली विद्या
पंचांगुली शाबर मंत्र
पंचांगुली मंत्र
पंचगुली साधना विद्या को सिद्ध कैसे करे
पंचांगुली साधना रहस्य
पंचांगुली साधना काल ज्ञान जानने का फायदा
ज्योतिष विद्या डेट ऑफ़ बर्थ पर और आप के जनम समय पर काम करती है जिस के पास अपना सही डेट ऑफ़ बर्थ नहीं है तो उस के लिए समस्या है ! जायदातर लोगो के पास सही डेट ऑफ़ बर्थ नहीं होता ! वहां ज्योतिष विद्या काम नहीं करेगी ! ज्योतिष में यह नहीं बताया जाता है फलानी तरीक को इतने समय में तुम्हारा काम होगा ! ज्योतिष समय और तरीक नहीं बताया जाता ! इस लिए ज्योतिष का ज्ञान कुछ हद तक ही है !
मैं किसी विद्या को श्रेष्ठ साबित करना नहीं है सब विद्या अपनी जग़ह सही है ! सब विद्याऐं भगवन के द्वारा बनी गई है ! सब विद्या श्रेष्ठ है सही है पर हर विद्या की एक लिमिट होते है ! उस के आगे वो विद्या काम नहीं कर सकती ! तंत्र विद्या की कुछ साधनाओ के द्वारा आप जान सकते है और बहुत बारीकी से इन साधनो के बरेव में मैंने बहुत सरे वीडियो और जानकारी अपने यूट्यूब चॅनेल गुरु मंत्र साधना और अपनी वेबसाइटgurumantrasadhna.com में दी है आप मेरे चैनल और मेरी वेबसाइट में देख जिन में मैंने करन पिशाचिनी साधना , मां दुर्गा तिरकाल ज्ञान साधना , वाराही तिरकाल ज्ञान साधना , इन साधनो पर मैंने वीडियो बनाए है ! तो अगर आप ने वो वीडियो नहीं देखा तो आप वो सब वीडियो जरूर देखे ,
आज भूत भविष्य वर्तमान जानने की और विद्या के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे जिस का नाम पंचगुली है विद्या है पंचागुली का अर्थ है पंच उंगली हाथ की पांच उंगलिओ से है ! हमारे इन हाथो में बहुत कुछ छिपा है हमारा अच्छा बुरा इन में बहुत सारी रेखाएँ है जिन में हमारे ज़िंदगी का सब हाल है पर इस सब को हर इंसान नहीं पढ़ सकता है इसे केवल पंचागुली देव्वी की किरपा से जान सकते है !
आप की ज़िंदगी में कब क्या होने वाला है सबा जाना जा सकता है किस वयक्ति को किया रोग है या भविष्य में क्या रोग होगा सब जान सकते है किसी वयक्ति को क्या रोग है या आने वाले टाइम में क्या रोग होगा सब जान सकते है एक संन्यासी फ़्रांस आकर वो भारत में सिद्ध ऋषि मुनिऔ का सान्ध्य में रहे और उन ऋषि मुनीओ से पंचगुली महाविद्या ज्ञान लिया और विश्व में विखायती को प्रपात करा उनका नाम है कीरो और वो किसी का भी भूत भविष्य बता देते थे उन की चर्चा चारो और फेल चुकी थी !
पर्दे में छिपे व्यक्ति के हाथ बाहर निकलवा करके भी कह देते थे अली जावेद का हाथ है यह महारानी विक्टोरिया का हाथ है उसको यह रोग है या यह ररोग होने वाला है और यह दुर्घटना घटित होने वाली है ! उन की लाखों पुस्तकें मार्किट में मिल जाऐगी ! पंचांगुली विद्या की और उसके संपर्क में आने से ही वह विश्वविख्यात हो गए !
पंचांगुली साधना काल ज्ञान जानने का फायदा – काल ज्ञान अगर आप को पता है तो अगर भविष्य होना लिखा है तो आप पहले से सावधान हो जाओगे और उस कर्मी को जायदा सेजयदा पूजा पाठ कर के टाल सकते हो ! इस का यह सबसे पहला फायदा है ! पूजा path से बड़े से बड़ा कर्म काटा जा सकता है !
गुरु जी के चार से पांच शिष्य थे तो हमारे इलावा सुरेश भी था उस की पत्नी भी गुरु जी से दीक्षित थी ! जब भी गुरु जी हमारी शहर में आते तो वो गुरु जी से मिलने के लिए अक्सर आती आते समय कुछ ले कर आती गुरु जी जब चार पांच दिन के लेया ही हमारे शहर में रुकते थे ! उन के शिष्य और उनके सज्जन मित्र मिलने के लेया आते तो उनके चाये पानी का इंतजाम सुरेश की पत्नी करती ! एक दिन सुरेश की पत्नी ने गुरु जी को हाथ देखने के लिए कहा गुरु जी को पंचागुली महाविद्या सिद्ध थी गुरु जे हाथ देख कर बताया के तुम्हारे ऊपर १४ दिन के भीतर एक ऐसा संकट आने वाला है !
जो तुम्हारी ज़िंदगी में पहले भी चूका है वही दुबारा फिर से होगा ! सुनकर घबराई और गुरुदेव से इस का समाधान पूछने लगी तो गुरु जी ने उन को एक लाची दाना दिया जब भी तुम्हे परेशानी हो तो तुम इस से खा लेना ! तो उस का ४ , ५, दिन बाद उस को दिमाग का बुखार हो गया जो सब से खतरनाक था तो गुरु जी की दिया गया लाची दाना खाया वो एक दम ठीक हो गई ! पंचागुली विद्या के माध्यम से आप शरीर के होने वाले रोग और उसका कारन सब जान सकते है ! पंचांगुली साधना का इस्तमाल हमारे ऋषि मुनी आयुर्वेद में भी करते थे पंचागुली विद्या एक बहुत बड़ा सिद्धि है!
पंचगुली साधना विद्या को सिद्ध कैसे करे इस साधना को सिद्ध करने के लेया आपके पास पंचागुली यन्त्र और पंचागुली दीक्षा लेना जरूरी है साथ में अच्छे गुरु का मार्गदर्शन जरूरी है ! और उस बाद आप की मेहनत जरूरी है तब जाकर आप सफल हो सकते है ! साधना करना इतना आसान काम नहीं है ! अगर आप यह साधना करना चाहते है तो आप हम से संपर्क कर सकते है जय महाकाल
इस साधना की जानकारी के लिए या दीक्षा प्रपात करने के लिए फ़ोन करे 85280 57364
पंचांगुली शाबर मंत्र
ॐ नमो पंचांगुली पंचांगुली परशरी परशरी माता मयंगल वशीकरणी लोहमय दंडमणिनी चौसठ काम विहंडनी रणमध्ये राउलमध्ये शत्रुमध्ये दीवानमध्ये भूतमध्ये प्रेतमध्ये पिशाचमध्ये झोंटिंगमध्ये डाकिनीमध्ये शंखिनीमध्ये यक्षिणीमध्ये दोषिणीमध्ये शेकनीमध्ये गुणीमध्ये गरुडीमध्ये विनारीमध्ये दोषमध्ये दोषाशरणमध्ये दुष्टमध्ये घोर कष्ट मुझ ऊपर बुरो जो कोई करे करावे जड़े जडावे तत चिन्ते चिन्तावे तस माथे श्री माता श्री पंचांगुली देवी तणो वज्र निर्धार पड़े ॐ ठं ठं ठं स्वाहा
Panchanguli – काल ज्ञान देवी पंचांगुली रहस्य विस्तार सहित Ph. 85280 57364
Panchanguli – काल ज्ञान देवी पंचांगुली रहस्य विस्तार सहित Ph. 85280 57364 प्रणाम संपूर्ण ब्रह्मांड अज्ञात शक्ति के द्वारा चलता है जिसे हम ब्रह्मा कहते हैं । ब्रह्म आधार ईश्वर सर्वत्र समान व्याप्त होते हुए भी इस समस्त ब्रह्मांड से दूर है । उसी ब्रह्म के विस्तार को हमने माया के रूप में जाना है और माया की निरंतरता कछु प्रतीक है ।
माया का जो प्रथम शस्त्र है उसे काल कहा जाता है । अर्थात समय निरंतर बहता है 3 वर्ष कोई नदी निरंतर बहती रहती हो । निर्वाचन किस समय कभी निश्चित है ब्रम्हांड बना समय की उत्पत्ति हुई पिछले कल भी था अभी भी है और आने वाले कल में भी होगा वही काल कहलाता है । इस कॉल को समझना साधक के लिए परम अनिवार्य तत्व कहा गया है अगम निगम दोनों ही ग्रंथों में काल स्वयंसेवक के रूप में प्रतिष्ठित होते हैं
महाकाल कौन है प्रथम देव है । स्वयं को इस काल के उस पार जाने का ज्ञान देते हैं । जिनके भीतर एक ऐसी दिव्य शक्ति निहित है । कि वह साधक को त्रिकाल का ज्ञान देने में सर्व समर्थ होते हैं । वर्तमान काल को हमें कैसे जीना चाहिए । पुराना भूतकाल होने लगे तो वह एक उत्तम कार हो जाए आज ऐसा कौन सा कृत्य कर के आने वाले समय में सुबह ही उत्तम भविष्य हो जाए ।
ऐसे ही काल ज्ञान कहा जाता है । और ज्ञान विशेष विधि द्वारा प्राप्त होने वाला क्या है भारतीय ऋषि-मुनियों ने आदिकाल से लेकर वर्तमान युग तक सरकार की पद्धति से साधना की है । काल को जान सके ब्रह्मांड को जान सके । इसके लिए ज्ञान नाम की विद्या प्रदान की गई है । और काल क्या समय जानना है ।अपितु काल ज्ञान का तात्पर्य है होने तक का संपूर्ण चक्र यदि समझना है ।
तो हमें kaal ज्ञान साधना करनी होगी प्रकाश ज्ञान साधना विशेषताओं में से एक साधना है । लेकिन प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक साधक का ज्ञान के विराट स्वरूप और विराट प्रपंच को सरलता से नहीं समझ पाता इतनी इतनी विराट नहीं क्यों संपूर्ण ब्रह्मांड के बारे में सोचें अपने ही बारे में सोचना चाहता है ।
इसीलिए दृश्यों ने इसे बहुत सूक्ष्म निकाय से शुरू किया सामुद्रिक शास्त्र उससे भी छोटे नीचे के स्तर पर उसे कहा गया हस्तरेखा मस्तिष्क विज्ञान अंक विज्ञान प्रदर्शन भविष्य दर्शन और त्रिकाल ज्ञान भूत और भविष्य का और साथ ही साथ वर्तमान का विज्ञान प्राप्त कर सकें ।इसके लिए एक शक्ति की पूजा की गई स्वरूप की वंदना की गई है जिसे त्रिकाल का ज्ञान देने वाली कहा गया और उसे पंचांगुली कह कर संबोधित किया गया शक्ति क्या है
उसी प्रकार ब्रह्मांड में 5 अंगुलियां हैं जिन्हें हम पंचतत्व कहते हैं चित्रों को संचालित करने वाली है और जिसकी अपनी उंगलियों में पंचांगुली नाम की शक्ति है साधक को त्रिकालदर्शी बनाती है । और भविष्य का ज्ञान प्रदान करते हैं । इसीलिए काले होने की महा साधना है तंत्र में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं होगा जो कम से कम काल ज्ञान और पंचांगुली साधना को संपन्ना करना चाहिए
अत्यंत जटिल और विराट विद्या इस विद्या को प्राप्त करना चाहिए। पंचांगुली देवी की साधना कैसे हो का मंत्र क्या है साधना विधान क्या है । ज्योति प्रकाश समझना चाहिए ब्रह्मांड की बात छोड़ कर यदि हम अपने शरीर को देखें तो यह भी कुछ छुपा है । हर दृष्टि हम कहीं तो हाथों की रेखाएं तो केवल किस लिए बनी है कि मैं हाथों को तोड़ मरोड़ सकूं ।
लेकिन इसके पीछे के हाथों को तोड़ मरोड़ करता है अंगुलियों की बनावट हड्डियों की बनावट त्वचा नाखून और एक रेखा आपके बारे में कुछ बताती है । बहुत बढ़िया तो उन्होंने उन्होंने शरीर पर तिल विज्ञान को ढूंढा शरीर के अंग अंग पर तिल होने पर क्या होगा ।आकृति नाथ की आकृति सर की आकृति शरीर की आकृति हाथों की रेखाओं के साथ-साथ पैरों की रेखाएं के बनावट प्रत्येक तत्वों को देखा पूर्वाभास के क्षमताओं को विचारा ।
अंत में एक महाशक्ति से जुड़ा हुआ पाया जिससे पंचांगुली कहा जाता है ।अर्थात ब्रह्मांड को अपने पांच उंगलियों पर करने वाली ब्रह्मांड को पांच उंगलियों के द्वारा संचालित करने वाले शक्ति ही पंचांगुली नाम की महाशक्ति है। पंचांगुली साधना क्यों आने वाले हैं । साधना से आपको मुद्दा गंभीरता प्रतिवेदन मिलती है कि आप पृथ्वी पर कैसे जीवन जीना हैं इसकी आपको प्राप्त होते हैं । शत्रु तो कहीं मित्र है तो कहीं निरंतर हो रहा है
कभी शब्द के पीछे इतने अधिक पड़ जाते हैं कि व्यक्ति विचलित होकर आत्महत्या करने के बारे में सोचने लगता है । अध्यात्म के शिखर को पाना चाहता है ।तो कभी राज्य सत्ता के शिखर को प्राप्त करना चाहता है ।पर जाना चाहता है जाना चाहता है तो उनके निमित्त पंचांगुली साधना मौलिक साधना की गई करने वाला भूत वर्तमान और भविष्य की पारीक रखता है । जुड़कर भविष्य लगता है इसलिए गुरुओ का कथन है पंचांगुली साधना से व्यक्ति अपने भूत और वर्तमान को भी देख सकता है अद्भुत भारतीय साधना को कैसे सफल किया जाए ब्रह्मांड को आप जानना चाहते हैं फिर आप जीवन और मरण के बंधन को समझने के योग्य हो जाते हैं । आपके समस्त कष्टों का हरण करने वाली है । क्योंकि यदि आपको आज ही पता हो कि कल आपके साथ पूरा होने वाला है ।तो आप तपोबल और साधना से भविष्य को सुधारने में समर्थ हो सकते हैं । अपने जीवन में मनचाहा परिवर्तन ला सकते हैं । कुंडली में ग्रहों के दर्शाए उत्तर नहीं है तो आप से परिवर्तित कर सकते हैं यदि आपके में कोई भावना हो सकते हैं
और आप इसी कारण पंचांगुली साधना बेहद बेहद और अत्यंत विराट साधना है देने के लिए अति संक्षेप में आपको की पंचांगुली देवी उसका साधना विधान समझाने के लिए प्रेरणादायक बताने के लिए कुछ शब्द आपको कहे । लेकिन शब्दों में इस महाविद्या को नहीं जान सकते। सर्वप्रथम पंचांगुली काल ज्ञान मंत्र लेना चाहिए और इत्यादि सहित अन्य मंत्रों का भी हवन करना चाहिए जिससे पंचांगुली साधना प्राप्त कर सकते हैं
कि शास्त्र सम्मत इसी प्रकार शास्त्र ने प्राचीन समय से ऋषि होने पर गुरुओं ने क्या है तो पंचांगुली साधना आप अपने जीवन में कर सकें आप अपने हाथों की रेखाओं में क्या छुपा है यह जान सके चेहरे की आकृति और बनावट में क्या छुपा है यह जान सकें और भविष्य के आने वाले समय में आपके लिए क्या छुपा सके और आने वाले वक्त को बदल सकें आशीर्वाद आपको देता हूं
मंत्र के माध्यम से आपको देवी माता की स्तुति करनी चाहिए ।और देवी की सिद्धि के लिए प्रथम पात्रता अर्जित करने का की प्रमुख मंत्र है । इसी मंत्र से आपको पात्रता प्राप्त होगी और आप अपने गुरु के पास जाकर इस देवता को प्राप्त कर सकेंगे भूमिका में प्रणाम ।
pachaguli sadhna पंचांगुली साधना सम्पूर्ण रहस्य विस्तार सहित ph.8528057364
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माया का जो प्रथम शस्त्र है उसे काल कहा जाता है । अर्थात समय निरंतर बहता है 3 वर्ष कोई नदी निरंतर बहती रहती हो । निर्वाचन किस समय कभी निश्चित है ब्रम्हांड बना समय की उत्पत्ति हुई पिछले कल भी था अभी भी है और आने वाले कल में भी होगा वही काल कहलाता है । इस कॉल को समझना साधक के लिए परम अनिवार्य तत्व कहा गया है अगम निगम दोनों ही ग्रंथों में काल स्वयंसेवक के रूप में प्रतिष्ठित होते हैं
महाकाल कौन है प्रथम देव है । स्वयं को इस काल के उस पार जाने का ज्ञान देते हैं । जिनके भीतर एक ऐसी दिव्य शक्ति निहित है । कि वह साधक को त्रिकाल का ज्ञान देने में सर्व समर्थ होते हैं । वर्तमान काल को हमें कैसे जीना चाहिए । पुराना भूतकाल होने लगे तो वह एक उत्तम कार हो जाए आज ऐसा कौन सा कृत्य कर के आने वाले समय में सुबह ही उत्तम भविष्य हो जाए ।
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ऐसे ही काल ज्ञान कहा जाता है । और ज्ञान विशेष विधि द्वारा प्राप्त होने वाला क्या है भारतीय ऋषि-मुनियों ने आदिकाल से लेकर वर्तमान युग तक सरकार की पद्धति से साधना की है । काल को जान सके ब्रह्मांड को जान सके । इसके लिए ज्ञान नाम की विद्या प्रदान की गई है । और काल क्या समय जानना है ।अपितु काल ज्ञान का तात्पर्य है होने तक का संपूर्ण चक्र यदि समझना है ।
तो हमें kaal ज्ञान साधना करनी होगी प्रकाश ज्ञान साधना विशेषताओं में से एक साधना है । लेकिन प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक साधक का ज्ञान के विराट स्वरूप और विराट प्रपंच को सरलता से नहीं समझ पाता इतनी इतनी विराट नहीं क्यों संपूर्ण ब्रह्मांड के बारे में सोचें अपने ही बारे में सोचना चाहता है ।
इसीलिए दृश्यों ने इसे बहुत सूक्ष्म निकाय से शुरू किया सामुद्रिक शास्त्र उससे भी छोटे नीचे के स्तर पर उसे कहा गया हस्तरेखा मस्तिष्क विज्ञान अंक विज्ञान प्रदर्शन भविष्य दर्शन और त्रिकाल ज्ञान भूत और भविष्य का और साथ ही साथ वर्तमान का विज्ञान प्राप्त कर सकें ।इसके लिए एक शक्ति की पूजा की गई स्वरूप की वंदना की गई है जिसे त्रिकाल का ज्ञान देने वाली कहा गया और उसे पंचांगुली कह कर संबोधित किया गया शक्ति क्या है
उसी प्रकार ब्रह्मांड में 5 अंगुलियां हैं जिन्हें हम पंचतत्व कहते हैं चित्रों को संचालित करने वाली है और जिसकी अपनी उंगलियों में पंचांगुली नाम की शक्ति है साधक को त्रिकालदर्शी बनाती है । और भविष्य का ज्ञान प्रदान करते हैं । इसीलिए काले होने की महा साधना है तंत्र में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं होगा जो कम से कम काल ज्ञान और पंचांगुली साधना को संपन्ना करना चाहिए
अत्यंत जटिल और विराट विद्या इस विद्या को प्राप्त करना चाहिए। पंचांगुली देवी की साधना कैसे हो का मंत्र क्या है साधना विधान क्या है । ज्योति प्रकाश समझना चाहिए ब्रह्मांड की बात छोड़ कर यदि हम अपने शरीर को देखें तो यह भी कुछ छुपा है । हर दृष्टि हम कहीं तो हाथों की रेखाएं तो केवल किस लिए बनी है कि मैं हाथों को तोड़ मरोड़ सकूं ।
लेकिन इसके पीछे के हाथों को तोड़ मरोड़ करता है अंगुलियों की बनावट हड्डियों की बनावट त्वचा नाखून और एक रेखा आपके बारे में कुछ बताती है । बहुत बढ़िया तो उन्होंने उन्होंने शरीर पर तिल विज्ञान को ढूंढा शरीर के अंग अंग पर तिल होने पर क्या होगा ।आकृति नाथ की आकृति सर की आकृति शरीर की आकृति हाथों की रेखाओं के साथ-साथ पैरों की रेखाएं के बनावट प्रत्येक तत्वों को देखा पूर्वाभास के क्षमताओं को विचारा ।
अंत में एक महाशक्ति से जुड़ा हुआ पाया जिससे पंचांगुली कहा जाता है ।अर्थात ब्रह्मांड को अपने पांच उंगलियों पर करने वाली ब्रह्मांड को पांच उंगलियों के द्वारा संचालित करने वाले शक्ति ही पंचांगुली नाम की महाशक्ति है। पंचांगुली साधना क्यों आने वाले हैं ।
साधना से आपको मुद्दा गंभीरता प्रतिवेदन मिलती है कि आप पृथ्वी पर कैसे जीवन जीना हैं इसकी आपको प्राप्त होते हैं । शत्रु तो कहीं मित्र है तो कहीं निरंतर हो रहा है
कभी शब्द के पीछे इतने अधिक पड़ जाते हैं कि व्यक्ति विचलित होकर आत्महत्या करने के बारे में सोचने लगता है । अध्यात्म के शिखर को पाना चाहता है ।तो कभी राज्य सत्ता के शिखर को प्राप्त करना चाहता है ।
पर जाना चाहता है जाना चाहता है तो उनके निमित्त पंचांगुली साधना मौलिक साधना की गई करने वाला भूत वर्तमान और भविष्य की पारीक रखता है । जुड़कर भविष्य लगता है इसलिए गुरुओ का कथन है पंचांगुली साधना से व्यक्ति अपने भूत और वर्तमान को भी देख सकता है अद्भुत भारतीय साधना को कैसे सफल किया जाए ब्रह्मांड को आप जानना चाहते हैं फिर आप जीवन और मरण के बंधन को समझने के योग्य हो जाते हैं ।
आपके समस्त कष्टों का हरण करने वाली है । क्योंकि यदि आपको आज ही पता हो कि कल आपके साथ पूरा होने वाला है ।तो आप तपोबल और साधना से भविष्य को सुधारने में समर्थ हो सकते हैं । अपने जीवन में मनचाहा परिवर्तन ला सकते हैं । कुंडली में ग्रहों के दर्शाए उत्तर नहीं है तो आप से परिवर्तित कर सकते हैं यदि आपके में कोई भावना हो सकते हैं
और आप इसी कारण साधना बेहद बेहद और अत्यंत विराट साधना है देने के लिए अति संक्षेप में आपको की पंचांगुली देवी उसका साधना विधान समझाने के लिए प्रेरणादायक बताने के लिए कुछ शब्द आपको कहे । लेकिन शब्दों में इस महाविद्या को नहीं जान सकते। सर्वप्रथम पंचांगुली काल ज्ञान मंत्र लेना चाहिए और इत्यादि सहित अन्य मंत्रों का भी हवन करना चाहिए जिससे पंचांगुली साधना प्राप्त कर सकते हैं
कि शास्त्र सम्मत इसी प्रकार शास्त्र ने प्राचीन समय से ऋषि होने पर गुरुओं ने क्या है तो पंचांगुली साधना आप अपने जीवन में कर सकें आप अपने हाथों की रेखाओं में क्या छुपा है यह जान सके चेहरे की आकृति और बनावट में क्या छुपा है यह जान सकें और भविष्य के आने वाले समय में आपके लिए क्या छुपा सके और आने वाले वक्त को बदल सकें आशीर्वाद आपको देता हूं
मंत्र के माध्यम से आपको देवी माता की स्तुति करनी चाहिए ।और देवी की सिद्धि के लिए प्रथम पात्रता अर्जित करने का की प्रमुख मंत्र है । इसी मंत्र से आपको पात्रता प्राप्त होगी और आप अपने गुरु के पास जाकर इस देवता को प्राप्त कर सकेंगे भूमिका में प्रणाम ओम नमः शिवाय ।
Vartali devi sadhana वार्ताली देवी साधना भूत भविष्य वर्तमान जानने की साधना ph. 85280 -57364
vartali devi sadhana वार्ताली देवी साधना भूत भविष्य वर्तमान जानने की साधना गुरु मंत्र साधना में आप का स्वागत है आज हम वार्ताली देवी साधना के बारे में चर्चा करेंगे ! यह साधना करण पिशाचिनी की तरह साधक के कान भूत भविष्य की जानकारी देती है पर यह पिशाच योनी की साधना नहीं है यह एक दैविक साधना है आज का विषय है भूत भविष्य ज्ञान कई बार मेरे पास प्रश्न आ चुका है मैं आज एक संपूर्ण डिफरेंट साधन प्रणाली मैं आप लोगों को बताने जा रहा हूं इसे आप लोग भूत भविष्य वर्तमान को जान सकेंगे यह माता दुर्गा की एक स्वरूप vartali devi है 12 मुखी त्रिनेत्र है इनका लोटस का फूल होता है
उन्हें विराजमान रहता है यह साधना ज्यादातर अगर आप किसी के बारे में कुछ जानना चाहते हैं तो उनके लिए यह साधना करें और उसके बाद आप पूछना होता है और रात में आपको जो उसका जवाब मिल जाता है यह आंशिक सिद्धि है अगर आप कर रहे हैं तो पहली बार मैं आपको आंशिक सिद्धि मिलेगी और दूसरी बार अगर आप करते हैं तो इसका पूर्ण सिद्धि मिलता है मतलब जैसे कर्ण पिशाचिनी में कान में आवाज आएगी उसी हिसाब से आपको जो आवाज आएगी ! तो आप केसी का भी भूत भविष जान सकते है !
आपको और इनके द्वारा आप क्या-क्या कार्य कर सकते हैं मैं जो मंत्र आपको दूंगा उनके द्वारा सिद्ध होने के बाद काम उनको बोलेंगे तो वो कार्य यह देवी करेगी ! अगर कोइ कार्य शत्रु का नाश है बहुत अच्छी तरीके से करती है बाकी आपकी मन की अगर इच्छा हो तो भी आप उनको बोल सकती है वह पूरी हो जाती है ! और भूत भविष वर्तमान की जानकारी पर्दान करती है!
vartali devi sadhana वार्ताली देवी साधना विधि लेकिन इसमें मेहनत लगेगा बिना मेहनत के कोई साधन नहीं होता है जाप करना पड़ता था 2 घंटे पर घंटा बैठकर करना आसान नहीं है ऐसा नहीं होता है मैं आज का अनुष्ठान शुरू करता हूं आज का मंत्र है बार ताली देवी का मंत्र करके आप लोग भूत भविष्य वर्तमान इस मनुष्य इस मंत्र का अनुष्ठान शुभ तिथि से करना है करना है शुभ तिथिआप खुद कर सकते हैं अनुष्ठान में इस मंत्र को 125000 सवा लाख मंत्र का आप लोगों को जाप करना है ! अगर सिद्धि करना है बहुत लोगों को सिद्धि करना है !
अगर सिद्ध हासिल करनी हासिल करना है तो उसके लेया मेहनत करना पड़ता है बिना मेहनत का सिद्धि कभी नहीं होता है कोई भी साधक बिना मेहनत के साधक नहीं बने इतिहास इसका गवाह है ! एक बार जरूर इतिहास को पीछे मुड़कर एक बार जरूर देखें सब कुछ पता लग जाएगा
इस मंत्र का जाप करना है मंत्र का जाप लोग हिसाब लगा लेना दिन में उठाएंगे हम भी कर सकते हैं मंत्र का 108 बार जाप करके देखे कितना समय लग रहा है उस हिसाब से कैलकुलेशन लगा ले ! उस हिसाब से आप अनुमान लगा ले 125000 सवा लाख मंत्र कितने समय में पूरा होगा ! २१ दिन ३१ , या ४१दिन में कर सकते है लाला रंग की माला रही गी लाला ही आसन होगा !
अगर इस साधना के बारे में विशेष जानकारी चाहते आप फ़ोन पर संपर्क कर सकती ph .8528057364
पुलदनी देवी त्रिकाल ज्ञान साधना भूत भविष्य वर्तमान जानने की साधना bhoot bhavishya vartman janne ki sadhnaगुरु मंत्र साधना में अप का स्वागत है आज को सब ने बहुत पसंद किया इस लिए आज आप सब के लिए करण पिशाचिनी साधना पर विडियो बनाया था जो अप सब ने बहुत पसंद करा कुछ साधको ने इस साधना से लाभ प्राप्त करे इस बात की मुझे ख़ुशी भी है कुछ साधक करण पिशाचिनी साधना के बारे जो गलत धाराएं फास कर उस साधना का लाभ प्रपात नहीं कर पाए है बहुत लोग बैठे है जिन्हो ज़िंदगी में कुछ प्रक्टीकल करा बस दो बाते इधर सूनी उधर की सूनी बस वीडियो बना कर आप के सामने रख दिया आप लोग उन की बातों में आ जाते है और उन की बातों पर विश्वास कर लेते है ! उन में लोगों मुझे फ़ोन भी करे के आप लोगो को यह साधना न करवाए मैंने उन से सरिफ एक ही सवाल करा आप ने इस को प्रक्टीकल करा वो बोलै नहीं तो आप कैसे इस के बारे में गलत बोल सकते है ! आप इन नाड़ी लोगो की बातो में न आए bhoot bhavishya vartman janne ki sadhna
bhoot bhavishya vartman janne ki sadhna
वो पुलदनी देवी आप के अच्छे बुरे का सब हाल बता देती bhoot bhavishya vartman janne ki sadhna
है देवी के मारगदर्शन से चल कर साधक ज़िंदगी में तरक्की हासिल कर लेता है !इस साधना के द्वारा किसी भी व्यक्ति के बारे में जान सकते कोण कैसा है ! इससे हम बड़े धोखे से बच सकते है इसबहुत सारे लोग मुझे कहते है इस बंदे ने साँझदारी में मेरे साथ धोखा करा अब मैं क्या करू काश अगर मुझे उस आदमी के बारे में पहले पता होता तो उस आदमी के साथ कभी काम नहीं करता तो यह दुनिया धोखे बाज लोगो से बरी पड़ी है तो हमें अच्छे लोगो की पहचान के लिए एक सच्चे मार्ग दर्शक की जरूरत है आप के हर सवाल का जवाब यह देवी स्वप्न आकर बताए गी जैसे आप लोगो के बहुत सवाल है जैसे की शादी कब होगी , मेरे तरक्की कब होगी , आदि बहुत सारे है जिस का जवाब आप एक जोयतिष से मांग ते है ! bhoot bhavishya vartman janne ki sadhna
आप एक ज्योतिष की बातो से आप को पूरी संतुष्टी नहीं होती क्यों की ज्योतिष भी एक लिमिट उस लिमिट तक ही जानकारी मिल पाती है ! ज्योतिष में यह नहीं बताया जाता है फलानी तरीक को इतने समय में तुम्हारा काम होगा ! ज्योतिष समय और तरीक नहीं बताया जाता ! इस लिए ज्योतिष का ज्ञान कुछ हद तक अधूरा है ! पुलदनी देवी की साधना तरीक और समय बताया जा सकता है इस तरीक को इतने बजे तुम्हारा काम होगा ! bhoot bhavishya vartman janne ki sadhna
तो आखिर में उस ने मेरे साथ उस विषय के बारे बात करी तो उसने यह साधना विधिवत तरीके से सम्पन करी तो देवी ने उस को स्वप्न आ कर यह बताया यह जगह पहले मुस्लिम लोगो की थी १९४७ मुस्लिमो को भगा कर आप के बजुर्गो ने इस जगह पर कब्ज़ा कर लिया था वो जाते जाते उस जगह काला जादू का एक यंत्र एक मनुष्य हड्डी के साथ पेलोथीम के लिफाफे बाँध कर उस जगह में गाड़ गए है क्यों की क्यों की पेलोथीम हज़ारो सालो तक धरती में सड़ता या गलता नहीं है ! इस लिए आप लोगो के इस परेशानी का समाना करना पड़ रहा है यह यन्त्र और उस हड्डी को निकाले के बाद ही उस का असर ख़तम हो सकता है ! bhoot bhavishya vartman janne ki sadhna
उस यंत्र को निकला कर जल में प्रवाहित करना है और उस हड्डी को निकाले कर उस हड्डी का अंतिम संस्कार करना है उन्होंने बिलकुल उसी तरह से करा उस के बाद उन को कभी दीकित नहीं ! जिस गुथी को बड़े बड़े जोय्तिशी तांत्रिक नहीं सुलझा वो पुलदनी देवी की सुलझा दीपुलदनी देवी के साधना हर रहस्य आप से छुपा नहीं रह सकता पहले चरण के के द्वारा आप स्वपन में सब रहस्या जान लेते है यहाँ तक के सब भूत काल में घटित घटना को देख सकते है पूज्य गुरु जी ने महा भारत का युद्ध स्वपन के द्वारा देखा था ! bhoot bhavishya vartman janne ki sadhna
यह देवी स्वपन के द्वारा आप को सभी लोको की यात्रा कराती अगर इस साधना का आप दूसरा चरण पूरा कर लेते है तो कान में आकर सब रहसया बता देते है ! यह देवी के साधना बड़े बड़े ऋषि मुनिऔ ने करी थी यह एक दैविक साधना है इस महिमा तंत्रा विद्या के प्राचीन ग्रथों में की है अगर किसी साधक का इस का अनुभव देखना सरिफ दो दिन साधना कर के देख ले सब पता चल जाएगा अगर आप का कोई सवाल तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखे जय महाकाल
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आप खुद की समस्याओ के साथ साथ लोगो की भी समस्याओ का समाधान कर सकते है
पिशाची देवी की पूजा प्रचीन कल से की जाती थी पिशाची देवी बहुत जल्दी पर्सन हो कर आप के सभी रोगो का समाधान करती है पिशाची देवी की पूजा करने वाला साधक आपार धन दौलत को प्रपात करता था इस लिए इस को दैवय लोक से निकाल दिया गया साधक भौतिक सुखो में वलीन रहता था इस से दैविक शक्तिओ की पूजा बंद हो गई जिस से लोगो के मोक्ष मार्ग में बाधा उत्पन होई इस लिए इस को देव्यै लोक से निकाल दिया गया यहाँ तक यज्ञ में भी इस के नाम की कोई आहूती नहीं दी जाती है karna pishachini sadhana
जो साधक भोतिक सुखो को प्रपात करना चाहता है उस से पिशाची देवी की साधना जरूर करनी चाहिए भौतिक सुखो का अर्थ है के गाड़ी बगला आपार धन दौलत से है पिशाची देवी की साधना करने वाले साधक को भगवान का सिमरण जरूर करना चाहिए ता के उस के मोक्ष मार्ग में बाधा उत्पान न हो इस साधना को खुद वेदव्यास ऋषिने भी करा कुछ तंत्र सहिताओ यह जिक्र भी मिलता है के वेदव्यास को तिरकाल ज्ञान देने वाली कारन पिशाचिनीkarna pishachini sadhana ही थी
इस बात से यह सिद्धि होता है के हमारे ऋषि मुनि कर्ण पिशाचिनी की साधना करते थे यूट्यूब और तमाम इंटरनेट प्लेट फार्म पर इस साधना के बारे में गलत धारणऐ फैलाई जा रही है वो इस साधना को गलत बोल कर अपनी अज्ञानता का परिचय दे रहे है अगर यह साधना करना गलत होता तो वेदव्यास इस साधना को न करते अगर वेदव्यास इस साधना को कर सकते है तो हम क्यों कर सकते karna pishachini sadhana
इस साधना को अघोर रूप में करना गलत है तामसिक रूप में करना खतरनाक हो सकता है
इस तरीके से सरिफ ही अघोरी कर सकते है वो मार्ग गृहस्थ के लिए नहीं है मैंने इस साधना को खुद सात्विक रूप में सम्पान किया है आपको भी सात्विक रूप में ही करवा सकता हु सात्विक रूप में इस साधना को करने का कोई भी नुक्सान नहीं है आप को भी इस रूप में सिद्धि करने की सलाह देता हु सात्विक रूप में इस साधना को ीक बच्चा भी सिद्ध कर सकता है karna pishachini sadhana
अगले सात दिन सात दिन बाद मेरे सपने में एक लड़की आती थी उस का रंग थोड़ा सा काला था वो फिर भी बहुत खूबसूरत थी यह सपना मुझे एक सप्ताह तक आता रहा मैंने इस के ऊपर भी जायदा ध्यान नहीं दिया
फिर अगले सप्ताह मेरे कान में किसी औरत के फुसफुसाने की आवाज़ आई मैं घबराह गया मैंने गुरु जी का मन ही मन ध्यान करा दूसरे कान में गुरु जी की आवाज़ आई मैं तुम्हारे साथ हु तू घबराह मत फिर मेरा डर थोड़ा काम होया कुछ दिन बाद वो आवाज़ भी साफ हो गई जिस की तुम साधना कर रहे हो मैं वही हु फिर गुरु जी ने विधि वत तरीके से बचन देलाए karna pishachini sadhana
यह साधना मुझे मात्र ३१ दिन में सिद्धि होई थी फिर भी मैंने इस साधना को ४१ दिन तक करा करण पिशाचिनी सारा दिन मेरे साथ रहती कभी कभी मैं उससे देख कर घबराह जाता था कभी जैसे मैं रात को अचानक से उठ जाता था तो वो मेरे आँखो के क़रीब होती मैं उस से देख कर घबराह जाता था मेरी उम्र जब बहुत छोटी थी घबरआना तो बनता है एक दिन मैंने बोलै के आप इस तरह से मेरे सामने न आया करो मैं तुम्हे देख कर घबराह जाता जब तुम्हे याद करो तब ही तुम मुझे दिखाई दो बाकी टाइम अदृश्य ही रहो उस के बाद्द मुझे कभी नहीं दिखाई दी
karna pishachini sadhana
एक बार की मुझे घटना याद आ गई
एक बार मैंने होमवर्क नहीं किया था जो हमारी टीचर थी वो बहुत सख़्त थी अगर कोइ होम वर्क न कर के आये तो उस की बहुत बुरी तरह पिटाई करती थी मैंने सोच लिया के आज मेरी बहुत बुरे तरह से पिटाई हो गई आज मुझे कोइ नही बचा सकता है ऐसे सोच कर मैं परेशान हो रहा था मैंने अपनी कॉपी बाकी बच्चो के बीच में रख दी जब टीचर ने मेरी कॉपी देखी तो उस की आँखे गुस्से से लाला हो गयी वो मेरी तरफ बढ़ने लगी मेरी दर के मरे टँगे काँप रही थी टीचर ने मेरी डण्डे से पिटाई शुरू कर दी पर मुझे कोई भी दर्द नहीं हो रहा था मैं भी कुछ समज नहीं था मैं हैरान था के यह क्या हो रहा कुछ देर बाद कारण पिशाचिनी मेरे पास आई बोली तुम मैंने ही तुम्हारी रक्षा की ज़िंदगी के हर मूड पर मैं तुम्हारी रक्षा कारु गी क्यों की तुमने ने मेरी साधना की है फिर मुझे मज़ा आने लगा karna pishachini sadhana
फिर मैं स्कूल में आपने दोतो के सब राज़ बताने लगा किस ने नाश्ते में क्या खाया है
सारा स्कूल मेरे पीछे पढ़ गया जादू केनाम पर मैंने सब लोगों को पीछे लगा लिया पहले मुझे मजा आ रहा था फिर मैं इस सब से परेशान हो गया फिर मैंने बताना बंद कर दिया फिर भी किसी ने मेरा पीछा नहे छोड़ा फिर मैंने गलत बताना शुरू कर दिया तब धीरे धीरे मेरा इस सब से पीछा छूटा ऐसे बहुत सारे विक्या मेरी ज़िंदगी में हुए अगर इन सब के बारे में बताने लगा तो हो सकता है के यह लेख बड़ा हो जाए भारत में इस साधना को बहुत सारे साधको ने सिद्धि किया है जयादतर जिन साधको ने इस साधना को सिद्ध करा वो सरिफ दो काल की जानकारी बता सकते है भूतकाल और वर्तमान काल जो हमारे गुरु जे ने हमें साधना की दीक्षा दी है वो तीन काल की जानकारी देती है उन्होंने मुझे भी इस साधना की दीक्षा दी थी इस लिए मैं आप को इस साधना की ही दीक्षा परदान करूंगा इस साधना का प्रयोग कर आप बहुत सारे दीं दुखाओ का ईलाज कर सकता है कुछ ऐसे साधक भी है जो विद्या के जरिए लोगो का इलाज़ करते है karna pishachini sadhana
hanumat Margdarshan sadhna हनुमत मार्गदर्शन साधना hanumat Margdarshan sadhna hanumat Margdarshan sadhna हनुमत मार्गदर्शन साधना जीवन में कई बार आकस्मिक व ठोस निर्णय लेने पड़ते हैं। कभी घर परीवार या ऑफिस से सम्बंधित, निर्णय लेने होते हैं, कभी व्यवसाय से, तो कभी रिश्तेदारों से सम्बंधित । एक असमंजस की स्थिति होती है। एक मन कहता है कि हमें यह कार्य कर लेना चाहिये तो एक मन कहता है कि नहीं। किसी कार्य को करें या नहीं करें, आज करें या कल करें, यह काम लाभदायक होगा या हानिकारक, कुछ समझ में नहीं आता। ऐसे समय में आगर कोई दिव्य शक्ति हमारे लिए समाधान का माध्यम बन सकती हैं।
जी हां, दिवय शक्तियो के माध्यम से हमें संकेत मिल सकता है कि अमुक कार्य हमें करना चाहिए या नहीं, यदि वह कार्य हमारे लिए लाभदायक होगा तो कार्य करने के संकेत मिल जायेंगे। यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाए तो उस सम्बन्ध में इस साधना द्वारा निश्चित उत्तर प्राप्त किया जा सकता है। इस साधना को करने से साधक को हनुमान जी स्वयं दर्शन देकर साधक के सभी प्रश्नो का उतर देते है ।
यह साधना परम गोपनीय साधना है । साध्ना विधि पवित्र ही रक्तवस्त्र (लाल व्स्तर) धारण कर रक्त आसन (लाल आसन) के ऊपर बैठे। हनुमान जी की रक्तचन्दन की प्रतिमा स्थापित कर के उस मूर्ति की प्रतिष्ठा कर – ‘ पंचोपचार पूजन करे, सिन्दूर चढावे और गुड के पूरमे का नैवेद्य लगाये । उस नैवेद्य को आठ पहर मूर्ति के सामने धरा रहने दे। जब दूसरे दिन नैवेध लगावे, उस समय पिछले दिन के नैवेद्य को उठाकर किसी पात्र में इकट्ठा करता जाऐ और अनुष्ठान होने के बाद किसी गरीब ब्राह्मण को दे देवे, अथवा पृथ्वी में गाड़ देते । घृत का दीपक जलाये, निर्जनस्थान में रात्रि के समय ग्यारह सौ ११०० मन्त्र का जप करे और फिर मौन रहे । hanumat Margdarshan sadhna उसी पूजन के स्थान पर रक्तवस्त्र के ऊपर सो जावे। ऐसा करने से ग्यारह दिन के भीतर श्रीहनुमानजी महाराज रात्रि के समय ब्रह्मचारी का स्वरूप धारण करके स्प्न में साधक को दर्शन देते हैं, साधक के प्रश्न का यथोचित उत्तर देते हैं और साधक को अभिलाषित वार्ता बताते हैं—इसमें सन्देह नहीं है । यह हमारा कई वार अनुभव किया हुआ सिद्ध प्रयोग एक महात्मा से मिला था। यह दुष्ट पुरुषों को देना योग्य नहीं है।
चाहिए यह हमे पता नहीं कभी हम व्यक्ति पहिचाने में गलत कर जाते है हमे भारी नुकसान उठाना पड़ता है अगर आप यह साधना सिद्ध कर लेते है तो आप को चिंता करने की बात नहीं यह साधना से आप अच्छे बुरे का पता कर सकते है देवी मां आप का जिंदगी भर मार्गदर्शन करती है । यह साधना को सिद्ध करने से साधक मान सम्मान सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है ।maa durga Trikal gyan sadhna