कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव karna pishachini sadhna anubhav
कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव karna pishachini sadhna anubhav एक कर्ण पिशाचिनी साधक का अनुभव तंत्र के पारस्परिक ग्रन्थों में काल के आवरण को भेद कर अतीत व भविष्य को देखने के अनेक प्रयोग बताये गये हैं हाजरात, वार्ताली, चक्रेश्वरी, यक्षिणी, कर्ण पिशाचिनी आदि अनेक मंत्र हैं, जो भूत-भविष्यत् का ज्ञान करने की क्षमता प्रदान करते हैं।
ये स्वप्न दृष्टि और शब्द के माध्यम से काम करते हैं । जैसा इनका नाम है वैसा इनका स्वरूप और शक्ति है । इनको सिद्ध करने में कोई अधिक कष्ट या विशेष शुद्धि को आवश्यकता नहीं रहती ।
कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव karna pishachini sadhna anubhav
बहुत_सभव है—हम मे से अधिकांश ने ऐसे व्यक्तियो को देखा हो जो हमारे विचारों को ही पढ-सुन लेते हों, वे हमे देखते ही हमारे प्रश्नों को कागज पर लिखकर रख लेते हों, हमारे परिवार को सारी पृष्ठभूमि मे नामोल्लेख’ करके बतला देते हो, और तो और उन्होंने अपने कागज पाच प्रश्न लिखे हो और आपने तीन ही प्रश्न सोचे हो शेष दो प्रश्न आप बाद में सोचें और आपको आश्चर्य हो कि उस व्यक्ति ने आपके प्रश्न पहले हो कैसे लिख दिये !
हमारी सामान्य बुद्धि के लिए यह बहुत बड़ा चमत्कार है किन्तु तंत्र मार्ग में यह निकृष्ट और साधारण-सी पैशाचिक साधना है। पूछने पर ऐसे व्यक्ति ज्योतिष को गणित, किसी देवता की कृपा या अपने आपको अंतर्द्रष्टा होने की बात कहेंगे किन्तु ऐसा है नहीं उनके पास पिशाचिनी है|
जिन लोगों के पास यह शक्ति है वे लोगों को चमत्कृत करके अपना प्रभाव जमा सकते हैं, उनके पास पैसे की कमी नही रहती । किन्तु उनका जीवन सुखमय नही रहता – इसके कई कारण हैं, पहली बात तो यह है कि पैशाचिक साधना होने के कारण व्यक्ति पिशाच बुद्धि और चरित्र वाला हो जाता है । स्नानादि करके स्वच्छ और दिव्य रहना उसके स्वभाव नही रहता ।
यों अपने को प्रदर्शित करने या पोश लोगो की संगति मे बैठने के कारण वे राजसी वैभव और कपड़ों का शौक कर लेते हों। किन्तु यह उनका धर्म नही होता। दूसरी बात यह कि ऐसे लोगो में असत्य भाषण की आदत भी पड़ जाती है।
शास्त्र कहते हैं—“सत्य संघाः देवा. असत्य सधाः राक्षसा:” इसलिए राक्षसी साधना के प्रभाववश वे असत्य बोलने लगें तो कोई आश्चर्य नही । कर्ण पिशाचिनो को स्वयं को शक्ति होती है, इसका स्वयं का वातावरण होता है।
वर्तमान मे इसकी अव्याहत गति है, भूतकाल मे भी यह चलती है किन्तु भविष्यत् में गमन करने के लिए इसे पूरी सामय्यं मिलनी चाहिए और यह सामर्थ्य साधक स्वयं प्रकट करता है। समय के पार देखने के लिए दिव्य दृष्टि चाहिए और दिव्य दृष्टि मिलती है मन की निर्मलता से मन पर छाये मैल उसकी अनुभव शक्ति को मन्द कर देते हैं हमारे आस-पास के आग्रहो मे मन की शक्ति बिखरे-बिखरी रहती है ।
यद्यपि कर्ण पिशाचिनी हमारी अर्जित शक्ति है और वह मशीन की * तरह अथक भाव से हमारा काम करती रहती है फिर भी वह हमारी शक्ति नही है, वह हमसे भिन्न है, मानसिक निर्मलता से जो कुछ भी मिलता है वह हमारे मन का हो जाता है ।
साधना के उच्च स्तर मे जाने पर ऐसी शक्ति स्वतः प्रस्फुटित हो जाती है और उसके साथ ही उसमे इतनी शक्ति आ जाती है कि वह अनिष्ट निवारण भी कर सकता है। अब प्रस्तुत है एक कर्ण पिशाचिनी की साधना करने वाले का अनुभव |
शंकर समझता है आज की दुनिया में चमत्कार को नमस्कार करते हैं । साधारण आदमी की तरह जीने से क्या लाभ कुछ विशेष किया जाय, कुछ अतिरिक्त पाया जाय । कर्ण पिशाचिनी उसे सरल नजर आती है ।
उसकी साधना विधि समझकर अनुकूल मुहूर्त में साधना प्रारंभ कर देता है । पांचवे दिन ठीक दो पहर में जब वह विश्राम कर रहा होता है। तो धर्म निद्रित अवस्था मे उसे एक स्त्री नजर आती है स्त्री कोई घोर रूपा नही है किन्तु इतनी मौम्य और सुन्दर भी नही है कि उसकी तरफ देखता ही रह जाय साधारण श्यामल शरीर, मध्यम कद, अलंकार रहित किन्तु उसके ललाट में आडा एक नेत्र जिसमें से तेज रोशनी-सो निकलती लगती है और उसकी तरफ देखा नही जा सकता ।
उसके पीछे घडी मारी फौज रहती है जिसमें वे सारे लोग मौजूद हैं जिनको शंकर ने देखा था और मर गये थे । ऐसे अनेकों लोग हैं। उस पिशाचिनी ने शंकर के मस्तक पर धर रखा है किन्तु वह इतना भयभीत हो जाता है कि कुछ बोलना तो दूर आंख मूंद कर देवी कवच का पाठ करने लगता है और उठ जाता है । क्षण भर में सारा दृश्य लुप्त हो जाता है ।
प्रयोग अधूरा रह जाता है । अगर शकर भयभीत न होता और उससे बात करता तो कर्ण पिशाचिनी उसके साथ सदा के लिए आ जाती। यह साधना पिशाच वर्ग की है। इसलिए इसे वचन बद्ध किया जाता है। यद्यपि यह मूर्तिमान रूप मे साथ नही रहती फिर भी इसे रहने के लिए एक नियत रूप और आकार देना ही पडता है और एक बार जिस रूप मे रहने के लिए कह दिया उस व्यक्ति के घर में वह चीज रह नही सकेगी।
माना हमने उसे चिडिया के रूप में रहने के लिए वचन दे दिया तो अब हमारे घर में चिड़िया जैसी चीज रह नहीं सकेगी। पत्नी के रूप में यह सबसे अधिक शक्तिशाली और आज्ञाकारी रहती है पर इस रूप मे रखने पर वैध पत्नी का मुध नहीं मिलने का ।
इसकी मादा करते समय आसन को विधाये ही रहना पड़ता है। ऐसा नही कि काम करते समय आसन बिछा दिया और फिर समेटकर य दिया । मंत्र जप करते समय ग्वार पाठा सदा हाथ में रखना पड़ता है । ग्यार पठे के प्रभाव मे यह उम्र रूप में नहीं आती।
ग्वारपाठे को संस्कृत मै कुमारी कहते हैं, आयुर्वेद को दृष्टि से यह बात दोष को कम करती है। इन दोनो दृष्टियों से यह ग्वार पाठा तमोगुण को उग्रता कम करने वाला .हता है। यह प्रत्येक तमोगुणों या पैशाचिक योनियों का गुण है कि वे साधना करते समय दिये गये वचन का पालन करने के लिए मजबूर हैं ।
इस प्रकार का वचन भंग करना उनको व्यवस्था में दण्डनीय होता है फिर त्र बल से ये लोक बरबस रोच कर लाये जाते हैं, ये प्रसन्न अपनी इच्छा नही होते । भूत साधना से वश में आया प्रेत अपने आप मे सुखी और बसन्न नही होता क्योकि उसको गुलाम बनाया जाता है किन्तु साधना की क्ति और मंत्र के प्रभाव के आगे वे विवश हैं ।
पिशाचिनी की साधना करते समय सभी को इसी प्रकार के दृश्य दिखाई दें यह आवश्यक नही, किसी को भिन्न प्रकार के आभास भी हो सकते हैं और किसी को कोई रूप या आकार दिखाई न देकर केवल कान ने ही सुनाई पड़ सकता है और स्पष्ट आवाज आने से पहले भयंकर गर्जन चिंघाड़ सुनाई दे सकती है इनसे डरे बिना जो सुने उसका उत्तर दे देना चाहिए।
muslim maran मुसलमानी मारण मंत्र | सुलेमानी मारण मंत्र
इसे पश्चिम की ओर मुंह करके इस्लामी तरीके से पूर्ण एकाग्रचित्तता से जप करें। यह मन्त्र प्रतिदिन रात्रि या सुबह की पहली नमाज के समय एक हजार बार जप करें और सजदा करें। शत्रु के बालों को एकत्रित करके मोंम का एक पुतला बनाएं। मोम में कपूर मिलाएं। इस पुतले पर बाल स्थापित करके १०८ बार मन्त्र से अभिपूरित करें। यह जब हो जाए तो झाडू की सींक का तीर कमान बनाकर १००० बार मन्त्र से अभिपूरित करें। अब पूर्ण मन्त्र पढ़कर ध्यान लगाकर शत्रु की छवि केन्द्रित करें और यह स्मरण करते हुए मन्त्र पढ़ें कि शत्रु का कलेजा तीर से घायल हो रहा है। तीर पुतले पर चलाएं; तीर जहाँ लगेगा वहाँ शत्रु को भीषण पीड़ा प्रारम्भ हो जाएगी।
इस मन्त्र को गुरुवार के दिन रात्रि के समय बबूल के वृक्ष के नीचे पश्चिमाभिमुख बैठकर इस भाँति जपें कि ३० दिन में १०,०००० जप पूर्ण हो जाए। जप के काल में या जप की पूर्णता पर मुट्ठी पीर हाजिर होंगे, उन्हें प्रसन्न कर लें ।
काले जादू से छुटकारा पाने के लिए कुछ आसान उपाय how to get rid of black magic
काले जादू से छुटकारा पाने के लिए कुछ आसान उपाय how to get rid of black magic
संक्षेप
how to get rid of black magic इस लेख में, हम आपको काले जादू से छुटकारा पाने के कुछ आसान और प्रभावी उपायों के बारे में बताएंगे। ये तरीके आपकी सुरक्षा और रक्षा में मदद कर सकते हैं और आपको नकारात्मक शक्तियों से बचाने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
how to get rid of black magic सबसे पहले क्या है काला जादू?
काले जादू, जिसे काला जादू भी कहा जाता है, एक प्रकार का ऐसा जादू है जिसमें नकारात्मक शक्तियों का प्रयोग किया जाता है। यह जादू विशेष रूप से किसी व्यक्ति को हानि पहुंचाने, उसके भविष्य को प्रभावित करने, या उसके वशीभूत करने के लिए किया जाता है। काले जादू के प्रभाव को खत्म करने के लिए नीचे दिए गए उपायों का प्रयोग करें।
उपाय 1: सकारात्मक सोच how to get rid of black magic
काले जादू के प्रभाव को खत्म करने का पहला कदम है सकारात्मक सोच का विकास करना। नकारात्मक शक्तियों का सामना करने के लिए, आपको आत्मविश्वास को बढ़ाने और सकारात्मकता को अपने जीवन का हिस्सा बनाने की आवश्यकता होती है। ध्यान देने वाले व्यक्ति के साथ सकारात्मक रहने से, आप खुद को काले जादू के प्रभाव से बचा सकते हैं।
उपाय 2: धार्मिक अभ्यास how to get rid of black magic
धार्मिक अभ्यास करना भी काले जादू से बचने के लिए एक अच्छा उपाय है। धार्मिक ग्रंथों को पढ़ना, पूजा-पाठ करना और धार्मिक संघ में शामिल होना आपकी आध्यात्मिकता को मजबूत करेगा। इससे आपको नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव का सामना करने में मदद मिल सकती है।
उपाय 3: प्राकृतिक चिकित्सा how to get rid of black magic
प्राकृतिक चिकित्सा उपाय भी काले जादू के प्रभाव से निजात पाने के लिए मददगार साबित हो सकते हैं। जड़ी-बूटियों का उपयोग, धार्मिक चिकित्सा विधियों का अनुसरण करना, और योग और मेडिटेशन का प्रयोग करना शरीर और मन को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
उपाय 4: वास्तु शुद्धि how to get rid of black magic
काले जादू के प्रभाव से बचने के लिए, अपने घर में वास्तु का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है। सही वास्तु के अनुसार अपने घर को सजाने और सभी क्षेत्रों को स्वच्छ और व्यवस्थित रखने से आपको नकारात्मक ऊर्जा से बचने में मदद मिल सकती है।
उपाय 5: आध्यात्मिक गुरु की सहायता how to get rid of black magic
काले जादू के प्रभाव से मुक्ति प्राप्त करने के लिए, आध्यात्मिक गुरु से संपर्क करना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। एक अनुभवी आध्यात्मिक गुरु आपको सही मार्गदर्शन और उपायों की सिफारिश कर सकते हैं जो काले जादू के प्रभाव को खत्म करने में मदद कर सकते हैं।
उपाय 6: प्राकृतिक उपचार how to get rid of black magic
आयुर्वेदिक और हर्बल उपचार भी काले जादू से छुटकारा पाने में सहायक हो सकते हैं। ये उपाय प्राकृतिक और सुरक्षित होते हैं और आपको नकारात्मक ऊर्जा से बचाने में मदद कर सकते हैं।
उपाय 7: अपने विचारों को शुद्ध करें how to get rid of black magic
कई बार हमारे विचार भी हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। काले जादू से बचने के लिए, अपने विचारों को शुद्ध रखना भी महत्वपूर्ण है। नकारात्मक विचारों को दूर रखने के लिए ध्यान देना और सकारात्मकता को अपने जीवन का हिस्सा बनाना आपको नकारात्मक शक्तियों से बचा सकता है।
उपाय 8: वशीकरण से बचें how to get rid of black magic
काले जादू के प्रभाव से बचने के लिए, आपको वशीकरण जैसी नकारात्मक ताकतों से दूर रहना चाहिए। वशीकरण से बचने के लिए अपने दिमाग को सकारात्मक और स्वयं के नियंत्रण में रखने का प्रयास करें।
उपाय 9: कर्म और पुण्य how to get rid of black magic
काले जादू से बचने के लिए, आपके कर्मों और पुण्य का महत्व होता है। नकारात्मक कर्मों के स्थान पर सकारात्मक कर्म करने से आपको नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिल सकती है।
उपाय 10: ध्यान और धारणा how to get rid of black magic
ध्यान और धारणा के अभ्यास से भी काले जादू से छुटकारा प्राप्त किया जा सकता है। नियमित ध्यान करने से आपका मन शांत होता है और आपको नकारात्मक शक्तियों का सामना करने की क्षमता मिलती है।
उपाय 11: संगठना कौशल how to get rid of black magic
अपने जीवन को संगठित रखना भी नकारात्मक ऊर्जा से बचने में मदद कर सकता है। समय के साथ संगठित रहने से आप नकारात्मकता के प्रभाव को कम कर सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को अपने जीवन में आने दे सकते हैं।
उपाय 12: व्यायाम और योग how to get rid of black magic
व्यायाम और योग का अभ्यास भी आपको नकारात्मक ऊर्जा से बचने में सहायक हो सकता है। नियमित व्यायाम करने से आपका शरीर स्वस्थ और मन शांत रहता है जिससे आप काले जादू के प्रभाव से बच सकते हैं।
उपाय 13: अपने प्रियजनों का साथ how to get rid of black magic
अपने प्रियजनों का साथ होना भी आपको काले जादू के प्रभाव से बचने में मदद कर सकता है। प्रेम और समर्थन के वातावरण में रहने से आपको नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहने की शक्ति मिलती है।
उपाय 14: अच्छे संबंध how to get rid of black magic
अच्छे संबंध बनाना और उन्हें निभाना भी काले जादू से छुटकारा पाने में सहायक हो सकता है। सच्चे और समर्थित संबंधों में रहने से आपको नकारात्मकता के प्रभाव से बचने में मदद मिल सकती है।
उपाय 15: सकारात्मक आत्मविश्वास how to get rid of black magic
सबसे अहम उपाय है सकारात्मक आत्मविश्वास का विकास करना। खुद के और अपने शक्तियों के प्रति विश्वास रखने से आप काले जादू से छुटकारा पा सकते हैं। नकारात्मक ऊर्जा को पराजित करने के लिए, सकारात्मक सोचने और सक्रिय रहने का संकल्प लें।
समापन भाग how to get rid of black magic
काले जादू से छुटकारा पाना आसान नहीं हो सकता है, लेकिन ये उपाय आपको इसके प्रभाव से बचने में मदद कर सकते हैं। सकारात्मक सोच, धार्मिक अभ्यास, प्राकृतिक चिकित्सा, और संगठित जीवन जीने के माध्यम से आप नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान देने वाले विचार, धारणा, और अच्छे संबंध बनाना भी आपकी सुरक्षा में मदद करेंगे। ध्यान रहे कि ये उपाय केवल असरदार हो सकते हैं जब आप नियमित रूप से इन्हें अपनाते हैं और पूरे मन से उन पर ध्यान देते हैं।
5 अद्वितीय पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. क्या काले जादू सच में होता है?
हां, काले जादू वास्तव में एक प्रकार का जादू है जिसमें नकारात्मक शक्तियों का प्रयोग किया जाता है। लोग इसे दूर हटाने के उपाय ढूंढते हैं ताकि वे सकारात्मक और सुरक्षित जीवन जी सकें।
2. क्या धार्मिक अभ्यास काले जादू के प्रभाव को खत्म कर सकता है?
धार्मिक अभ्यास करना नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है। धार्मिक ग्रंथों को पढ़ना, पूजा-पाठ करना, और धार्मिक संघ में शामिल होना आपकी आध्यात्मिकता को मजबूत कर सकता है जिससे आप नकारात्मकता के प्रभाव से बच सकते हैं।
3. क्या वशीकरण वाकई में काले जादू का हिस्सा है?
हां, वशीकरण एक प्रकार का काला जादू है जिसमें नकारात्मक ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है। इसके जरिए किसी व्यक्ति को अपने वश में किया जा सकता है।
4. क्या प्राकृतिक उपचार काले जादू के प्रभाव को खत्म कर सकते हैं?
हां, प्राकृतिक उपचार काले जादू के प्रभाव से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं। जड़ी-बूटियों का उपयोग, धार्मिक चिकित्सा विधियों का अनुसरण करना, और योग और मेडिटेशन का प्रयोग करना शरीर और मन को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
5. क्या सकारात्मक सोच काले जादू के प्रभाव से बचाने में मदद करती है?
हां, सकारात्मक सोच का विकास काले जादू के प्रभाव से बचने में मदद करता है। नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव को खत्म करने के लिए, आपको आत्मविश्वास को बढ़ाने और सकारात्मकता को अपने जीवन का हिस्सा बनाने की आवश्यकता होती है।
ध्यान देने वाले पाठकों, काले जादू से छुटकारा पाना आपके जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। उम्मीद है कि ये उपाय आपको इस नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति प्रदान करेंगे और आपको सकारात्मक और सुरक्षित जीवन जीने में मदद करेंगे।
इस लेख का उद्देश्य सिर्फ जानकारी प्रदान करना है और किसी भी नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए आध्यात्मिक गुरु या चिकित्सक की सलाह लेना उचित हो सकता है।
इच्छा पूर्ति गणेश मंत्र – गणेश जी का सबसे शक्तिशाली मंत्र ph.85280 57364
इच्छा पूर्ति गणेश मंत्र – गणेश जी का सबसे शक्तिशाली मंत्र
इच्छा पूर्ति गणेश मंत्र ganesh icchapurti mantra ओम नमः शिवाय दोस्तों गुरु मंत्र साधना में आपका हार्दिक स्वागत है दोस्तों कोई भी ऐसा हम कार्य करते हैं जो शुभ कार्य हो किसी की शादी हो पूजा हो पाठ हो कोई साधना हो चाहे कोई भी ऐसा शुभ कार्यऔ में गणेश का वंदन करते हैं। भगवान गणेश का नाम लेते हैं हर कार्य में भगवान गणेश का पूजन किया जाता है। ताकि उसे कार्य में आने वाले विघ्न को भगवान गणेश हर सके इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है।
भगवान गणेश का जो नाम है वह चाहे पंडित हो चाहे वह तांत्रिक हो चाहे वह अघोरी हो चाहे ,वह सात्विक साधना कर रहा हो, चाहे वह तांत्रिक साधना कर रहा हो बिना गुरु और बिना गणेश पूजन के कोई भी साधना कोई भी साधना पूर्ण नहीं होती।
भगवान गणेश का आवाहन भगवान गणेश का पूजन करना ही पड़ता है ,और आज मैं आपके सामने ऐसा मंत्र लेकर आया हूं। भगवान गणेश की साधना बहुत ही दुर्लभ साधना है बहुत अच्छी साधना है और ब्रह्मांड का सबसे उच्चतम मंत्र ,जो मैं आज आपको बताने वाला हूं। भगवान गणेश का को सबको पता ही है कि भगवान गणेश जो है वह भगवान भोलेनाथ के पुत्र हैं। उनके बेटे हैं माता पार्वती के अपटन से पैदा हुए और प्रथम में पूज्य देव है सबसे पहले सबसे प्रथम जो है।
वह भगवान गणेश की पूजा होती है। उसके बाद किसी और देवता की पूजा की जाती है। कोई भी साधना के समय हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान गणेश के वह समस्त विघ्नो को हमारे हर सकें और हमारी जो साधना हमारी जो सेवा है हमारे जो शुभ कार्य है। वह पूर्ण हो भगवान गणेश की जो हम साधना करते हैं तो माता लक्ष्मी का आशीर्वाद माता लक्ष्मी का आगमन पूजा करते हैं।
तो उसे घर में माता लक्ष्मी के साथ महालक्ष्मी भी विराजमान रहती हैं। और साथ ही जो रिद्धि सिद्धि हैं जो कि भगवान गणेश की पत्नियों हैं, भगवान गणेश की आज्ञा के बिना उसे घर में प्रवेश नहीं करती। जिस घर में भगवान गणेश का नाम ले जाता जो साधक जो सेवक जो पूजा पाठ है साधना करते हैं ,भगवान रिद्धि सिद्धि स्वयं स्थापित हो जाती है और साधक की हर इच्छा पुरी होती है ।
समस्त सिद्धियां प्रदान होती है और बुद्धि के देवता कहे जाने वाले भगवान गणेश बल बुद्धि को अगर पितरों को प्रसन्न करना हो तो सुबह सुबह ब्रह्म मुहूर्त में गणेश पाठ किया जाता है। और सूर्य को अर्घ दिया जाता है। जिससे कि भगवान गणेश की चालीसा और सूर्य को अर्घ देने से हमारे पितर हैं वह प्रसन्न होते हैं।
जितने भी हमारे पितर दोष हैं, वह सभी पितर दोष जो है वह समाप्त होते हैं। भगवान गणेश के बारे में जितनी महिमा का गुणगान किया जाए उतना कम है। जिन्हें बेसन के लड्डू प्रिय हैं तो आज मैं आपको भगवान गणेश की साधना के बारे में बताने जा रहा हूं कि किस तरीके से आप भगवान गणेश की साधना करके आप हर एक इच्छा जीवन पूरी कर सकते हो सुख में जीवन व्यतीत कर सकते हो साथ साथ में अपने घर में दुकान में नौकरी में साथ साथ में आपके घर में जो बिगड़े हुए काम है, वह आपके बन सकते हैं।
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इच्छा पूर्ति गणेश मंत्र – गणेश जी का सबसे शक्तिशाली मंत्र यह शाबर मंत्र हर अच्छा को करेगा पूरी ph
इच्छा पूर्ति गणेश मंत्र – गणेश जी का सबसे शक्तिशाली मंत्र साधना विधि
गणपति मन्त्र सामग्री – जलपात्र, लाल पुष्प, गणपति की मूर्ति या चित्र, सुगन्धित अगरबत्ती, शुद्ध घृत का दीपक । माला – मूंगे की या लाल रक्त चन्दन की माला । समय- दिन का कोई भी समय | आसन – लाल रंग का सूती या ऊनी आसन दिशा- पूर्व । साधक पूर्व की तरह मुंह करके बैठे। जपसंख्या – सवा लाख । अवधि- पाँच, ग्यारह या इक्कीस दिन । गणेश के 12 नामो का जप करें
साधक किसी भी बुधवार से यह साधना प्रारम्भ कर सकता है। यह प्रयोग जीवन में कल्याण-कामना के लिए किया जाता है। घर में विवाह कार्य सफलतापूर्वक सम्पन्न हो जाये, घर में सुख-शान्ति बनी रहे या किसी कार्य में विघ्न न आवे, इसके लिए यह प्रयोग किया जाता है।
बुधवार के दिन प्रातः स्नान कर सामने गणपति की मूर्ति या चित्र स्थापित कर उसका सामान्य पूजन करें और इसके बाद मन्त्र का जप प्रारम्भ कर दें। जितने दिन में यह साधना सम्पन्न करनी हो, उसी अनुपात में नित्य- मन्त्र जप सम्पन्न करें।
साधना समाप्त होने पर किसी ब्राह्मण-पुत्र या कुंवारी कन्या को भोजन कराकर उसे दक्षिणा, वस्त्र आदि भेंटस्वरूप प्रदान करें और गणपति का विग्रह या मूर्ति अपने पूजा-स्थान में या घर में स्थापित कर दें। ऐसा करने पर निकट भविष्य में होने वाला कोई विघ्न उपस्थित नहीं होता ।
riddhi siddhi shabar mantra रिद्धि सिद्धि शाबर मंत्र साधना भगवन गणपति की प्राचीन साधना ph.85280 57364
riddhi siddhi shabar mantra रिद्धि सिद्धि शाबर मंत्र साधना भगवन गणपति की प्राचीन साधना ऋद्धि सिद्धि ये दो बहने हैं। ये जहां भी जाती हैं, एक साथ जाती हैं।भोज-भंडारा सबको खिलाने से पहले, पांच बूंदी के लड्डू निकालकर, उन परकामिया सिंदूर लगाएं। श्री गणपति का पूजन करें। एक कलश में एक लड्डू रखकर कुएं पर जाकर जल भरें और मंत्र पढ़कर चारों लड्डू कुएं में छोड़ दें। फिर ‘कलश स्थापन’ कर, उपर्युक्त मंत्र को एक हजार बार जपकर ब्राह्मणों को भोजन खिलाएं, तो भंडार में अन्न न घटे।
shamshan paryog श्मशान जगाना – श्मशान जगाने का प्रयोग ph.8528057364
श्मशान जगाने का प्रयोग shamshan jagane ka prayog श्मशान जगाने का प्रयोग विद्वेषण, उच्चाटन, मारण सभी इस एक मंत्र से संभव हैं। श्मशान ले जाने वाले पुरुष के शव को मार्ग में ही कच्ची हल्दी से रंगे चावलों से न्यौता दें। फिर जब श्मशान से लोग लौट आएं, तब वहां जाकर एक देशी अंडा और कच्ची शराब 21 बार मंत्र पढ़कर अर्पित करें।
अब एक सफेद कोरे कपड़े में कच्ची हल्दी, एक सुपारी और चिता के बूझे कोयले का एक टुकड़ा बांधकर मिट्टी के कोरे बर्तन में रखकर चिता के समीप ही दबा दें। उसी दिन रात के अंतिम पहर में पुनः श्मशान में जाएं और पुनः अंडे तथा मदिरा को 7 बार मंत्र से अर्पित करें। फिर गाड़े हुए बर्तन को निकालें ।
कपड़े में बंधी सारी सामग्री वहीं फेंक दें और उस चिता की एक मुट्ठी राख उस कपड़े में बांधकर आए। श्मशान जाते समय यथा संभव किसी से बोले नहीं और लौटते समय पीछे मुड़कर कदापि न देखें, अन्यथा विपत्ति आ सकती है। श्मशान से लाई राख की पोटली को घर के भीतर कभी न रखें, अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर रखें। एक चुटकी राख 31 बार अभिमंत्रित करके जहां डाली जाएगी, वहां उत्पात होने लगेंगे। इस अभिचार प्रयोग को अत्यंत आवश्यक होने पर ही किया जाए।
shaabar mantra utpatti शाबर मंत्र उत्पत्ति की कथा और रहस्य ph. 858280 57364
shaabar mantra utpatti शाबर मंत्र उत्पत्ति की कथा और रहस्य शाबर मंत्र प्रयोग की यह शृंखला आगे बढ़ाने से पहले एक प्रसिद्ध कथा लिख दूं । द्वारा विजय पाने का निर्देश दिया। अतः अर्जुन को घोर जंगल में तप करना यह ‘महाभारत’ की कथा है कि महर्षि व्यास ने अर्जुन को ‘पाशुपतास्त्र‘ पड़ा।
किरात वेश में भगवान शंकर ने उनकी परीक्षा ली। प्रसन्न होकर शंकर ने उन्हें कौरवों पर विजय पाने हेतु अपना अस्त्र प्रदान किया। उसी समय माता पार्वती ने भी शबरी का रूप धारण किया था। दीर्घकाल तक शबर-सेवकों द्वारा सेवित होने पर मां ने प्रसन्न होकर उनसे वर मांगने को कहा। उन लोगों ने निवेदन किया- “मां!
अगर आप प्रसन्न हो तो भोले को मनाकर हम सबको ऐसे मंत्रों का उपदेश दो, जिससे हम अपढ़, अनभि के भी पाप सरलता से मिट जाएं।” माता पार्वती ने भगवान भूतनाथ को प्रसन्न देखकर अपने भक्तों की आकांक्षा कह सुनाई।
फलस्वरूप शबर-रूपी शंकर एवं शबरी रूपिणी माता पार्वती के मुखारविंद से जो अक्षर निकले, उनके उच्चारण मात्र से सभी सिद्धियां तत्काल मिलने लगीं। इन मंत्रों में वैदिक मंत्रों की तरह उच्चारण एवं स्वर-क्रम की न तो कंठिनता होती है और न फल- सिद्धि में विलंब होता है।
इसका एक कारण यह भी है कि अन्य सभी मंत्रों को ‘कीलित’ किया गया है, अतः वे ‘उत्कीलन’ किए जाने पर ही अपना प्रभाव दिखाते हैं, परंतु शाबर मंत्रों को कीलित नहीं किया गया है, इसलिए अन्य मंत्रों की अपेक्षा कम समय में और अल्प साधना से ही वे सिद्ध हो जाते हैं। कुछ शाबर मंत्र तो ऐसे होते हैं, जिन्हें सिद्ध करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। उनके उच्चारण से ही लाभ होता है।
नीम करोली बाबा और रामदास कथा Neem Karoli Baba and Ramdas Katha
नीम करोली बाबा और रामदास कथा Neem Karoli Baba and Ramdas Katha मैं शायद, मेरा ख्याल है मैं बस उस व्यक्ति का एक वीडियो देख रहा था जिन्हें अमेरिका में आज रामदास के नाम से जाना जाता है वो अपने आप में 70 के दशक में एक कारनामा बन गए धे। वो 70 का दशक था, 60 या 70 मझे लगता है 60 के दशक में तो वो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के उन प्रोफेसरों में से एक थे जो एल एस डी पर बड़े पैमाने पर प्रयोग कर रहे थे।
यहाँ तक की वो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एल एस डी बना भी रहे थे। उनका सोचना था कि यही निर्वाण का रास्ता है। ये तब की बात है जब कैलिफ़ोर्निया बड़े जोर शोर से प्रचार कर रहा था भारत में इसमें 12 साल लगते हैं। यहाँ ये तुरंत होता है। रामदास भारत भी आए।
और अपनी एल एस डी का कोटा लेकर आये। वो अब धुरंदर हो चुके हैं। वो 2- 3 एल एस डी निगल जाते हैं एक ही दिन में। तो वो नीम करोली बाबा के पास आए जो एक दिव्यदर्शी हैं और अपार सिद्धियों वाले एक तांत्रिक हैं।
और मैं चाहता हूँ आप अच्छे से समझ लें कि एक तांत्रिक कौन होता है। वो आदमी जिसके पास सिद्धियाँ होती हैं वो एक तांत्रिक होता है। जिसके पास कोई सिद्धि नहीं होती जिसके पास बस किताबी ज्ञान है वो तांत्रिक नहीं है ना ही वो किसी भी तरह से एक गुरु है।
न ही वो किसी भी तरह से एक गुरु बनने योग्य है। तो नीम करोली बाबा एक तांत्रिक हैं। वो भारी भरकम आदमी हैं। वो उपासक हैं हनुमान के। वो नीम करोली बाबा के पास आए और बोले मेरे पास थोडा सा स्वर्ग का असली माल है।
आप इसको लीजिये और वो सब कुछ जो जानने लायक है खुल जाएगा। आपको इसके बारे में कुछ पता है? नीम करोली बाबा बोले क्या है वो दिखाओ मुझे। तो उसने उन्हें इतनी सी दे दीं। वो बोले तुम्हारे पास कितनी हैं दिखाओ मुझे।
उसके पास इतनी थीं जो कि कई दिनों या महीनों तक रामदास के लिए चल जातीं। वो बोले लाओ ये मुझे दो। तो उसने उन्हें पूरी मुट्ठी भर के सारी एल एस डी दे दीं उन्होंने सारी मू में डाल लीं और निगल गए। और बस वहीं बैठे रहे और जो कर रहे थे करते रहे।
रामदास वहां बैठे-बैठे ये उम्मीद कर रहे थे कि इस आदमी में विस्फोट होने वाला है और ये मरने वाले हैं। पर बन्दे में एल एस डी का एक लक्षण तक दिखाई नहीं दिया। वो बस अपना काम करते रहे बस रामदास को ये दिखाने के लिए कि तुम अपना जीवन इन बकवास चीज़ों में बर्बाद कर रहे हो।
ये फालतू चीज़ें तुम्हें कहीं पार लेकर जाने वाला। तो रामदास के लिए उनके प्रेम के कारण या रामदास की खुद की अपनी लगन और ग्रहण करने की इच्छा के कारण निश्चित ही एक आयाम उनमें उतर गया। क्योंकि रामदास अपनी ख़ुद की क्षमताओं के कारण रामदास नहीं बने।
रामदास अपनी साधना से रामदास नहीं बने। रामदास रामदास बन पाए सिर्फ़ इसलिए कि उन्होंने अपने जीवन में एक समझदारी का काम किया कि वो नीम करोली बाबा जैसे व्यक्ति के साथ बैठे और उनके एक ख़ास पहलू को आत्मसात किया। और नीम करोली बाबा कई खिड़कियां खोलना चाहते थे। तो उन्होंने एक खिड़की बनाकर उन्हें अमेरिका भेज दिया।
अघोर पंथ और अघोरी साधना रहस्य Aghor Panth and Aghori Sadhana Secrets ph.85280 57364
अघोर पंथ और अघोरी साधना रहस्य Aghor Panth and Aghori Sadhana Secrets अघोरी का मतलब होता है… ‘घोरा’ का अर्थ है भयानक, ‘अघोरी’ का अर्थ है वह जो भयानक से परे है। तो क्या कोई अघोरी पथ है? निश्चित रूप से, अभी भी एक बहुत सक्रिय आध्यात्मिक प्रक्रिया है। लोग कई अलग-अलग चीजों को करने के लिए विभिन्न पदार्थों का उपयोग करते हैं।
हाल ही में मृत शरीर में कुछ संभावनाएं हैं, इसलिए कुछ प्रणालियां इसका उपयोग करती हैं। तो, वे क्या कर रहे हैं – शरीर में अभी भी प्राण है जो मर चुका है। तो वे वहां बैठे हैं – अगर आप मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर जाएंगे, तो अघोरी वहां बैठे होंगे, देख रहे होंगे।
हर कोई जो आएगा, वे पूछते हैं, “इस व्यक्ति की उम्र क्या है? उसकी मौत कैसे हुई?” यही कारण है कि उनमें से कुछ जो नहीं चाहते कि यह ज्ञात हो, वे प्लास्टिक की चादरों से ढके हुए हैं, आप जानते हैं, जहां लोग नहीं देख सकते हैं। “उस व्यक्ति की उम्र क्या है?
वे यह नहीं कहेंगे – वह व्यक्ति कितना पुराना था। लेकिन अघोरी जानना चाहते हैं। अगर यह एक युवा व्यक्ति है, कोई ऐसा व्यक्ति जो जीवंत जीवन था और किसी कारण से उसकी मृत्यु हो गई, तो वे उस तरह के चाहते हैं। जब ऐसा होता है, तो वे वहां काम करना चाहते हैं।
वे जारी की गई ऊर्जा का उपयोग करना चाहते हैं। एक बार जब शरीर जलने लगता है, तो इस प्राण को तुरंत बाहर निकलना पड़ता है। जब वह बाहर निकलता है, तो वे खुद के साथ कुछ करने के लिए उस जीवन ऊर्जा का उपयोग करना चाहते हैं।
यदि आप उस विज्ञान को नहीं जानते हैं, तो आप यह नहीं सोच सकते कि यह सब विचित्र है। हां, यह चीजों को करने का एक चरम तरीका है; यह हर किसी के लिए नहीं है। किसी को ऐसा रास्ता क्यों चुनना चाहिए? क्योंकि वे जीवन को अच्छे और बुरे के रूप में नहीं देखते हैं, वे जीवन को परम की ओर एक संभावना के रूप में देखते हैं।
वे परवाह नहीं करते कि कैसे; उन्हें परवाह नहीं है कि वे वहां कैसे पहुंचते हैं। अघोरा कभी भी सामाजिक रूप से स्वीकार्य मार्ग नहीं रहा है क्योंकि वे जो चीजें करते हैं वे पूरी तरह से किसी भी चीज से परे हैं जिसकी आप कल्पना करेंगे।
इसलिए, वे विभिन्न प्रकार की चीजें करते हैं, ये एक प्रकार के लोग हैं… यदि आप वास्तव में मृतकों और उस तरह की चीजों को उठाते हुए देखना चाहते हैं, तो ये लोग हैं। मैं कहूंगा कि यह एक बहुत ही अपरिष्कृत प्रौद्योगिकी है।
यदि आप आध्यात्मिकता की सभी प्रणालियों को एक तकनीक के रूप में देखना चाहते हैं, तो यह एक बहुत ही कच्ची तकनीक है, लेकिन फिर भी एक तकनीक है। यह काम करता है, लेकिन बहुत कच्चा।
देखिए, अब आप पानी खोजना चाहते हैं, आप अपने नंगे हाथों से एक कुआं खोद सकते हैं या आप एक कौवाबार और एक फावड़ा का उपयोग कर सकते हैं और खुदाई कर सकते हैं, या आप किसी अन्य प्रकार के अधिक परिष्कृत ऑगर या जो कुछ भी खोदसकते हैं या आप ड्रिलिंग मशीन का उपयोग कर सकते हैं और खुदाई कर सकते हैं।
आज आप वास्तव में इसे लेजर में कर सकते हैं, यह महंगा है इसलिए कोई भी ऐसा नहीं करता है, अन्यथा लेजर के साथ आप सिर्फ एक कुआं खोद सकते हैं। वही ठीक है, वही पानी है, लेकिन जिस तरह से आप इसे करते हैं वह अलग है।
इसलिए यदि आप इसे अपने नंगे हाथों से करते हैं, तो जब तक आप पानी पीते हैं, तब तक आपके हाथों पर न तो नाखून होंगे और न ही त्वचा बची होगी, लेकिन आपको परवाह नहीं है क्योंकि आप प्यासे हैं।
आप प्यासे हैं और यह भी एक बहुत लंबी प्रक्रिया होने वाली है, लेकिन फिर भी आपको परवाह नहीं है, आप कहीं भी देखना नहीं चाहते हैं सिवाय इसके कि पानी कहां है, आप बस जाना चाहते हैं। यदि आप इस तरह की चीज में हैं, तो हाँ।
लेकिन इस तरह की चीजों के साथ समस्या यह है कि आपके हाथ पानी तक पहुंचने से पहले खराब हो सकते हैं। लोग पहुंच गए हैं, ऐसा नहीं है कि वे नहीं पहुंचे हैं। नंगे हाथों से लोगों ने कुएं खोदे हैं और पानी पाया है, लेकिन अगर आपके पास पर्याप्त मजबूत हाथ नहीं हैं, तो वे पानी में जाने से पहले हड्डी तक टूट सकते हैं और आपकी त्वचा के छिलके के बाद, आपके पास अब खुदाई करने की ताकत नहीं हो सकती है।
तो वे ऐसे रास्ते हैं, अगर एक हजार लोग इसे गंभीरता से लेते हैं, तो एक इसे बना सकता है, अन्य खो जाएंगे। इसलिए इन रास्तों को आम तौर पर मनोगत शक्तियों को प्राप्त करने के लिए आध्यात्मिक आयाम से अधिक लिया जाता है, यही कारण है कि वे उस मार्ग पर चलते हैं।
एक आध्यात्मिक प्रक्रिया के रूप में भी यह एक संभावना है, लेकिन अधिकांश लोग वहां नहीं पहुंच सकते हैं क्योंकि ज्यादातर लोगों में उस तरह की दृढ़ता नहीं है, न ही उनके पास उस तरह का साहस है, न ही वे घृणा को संभालने में सक्षम हैं, क्योंकि आपको अघोरी मार्ग में सबसे घृणित काम करना है।
लेकिन वे उन लोगों द्वारा किए जाते हैं जो कुछ शक्तियों को प्राप्त करना चाहते हैं, जीवन पर हावी होना चाहते हैं, अन्य मनुष्यों पर हावी होना चाहते हैं। उस संदर्भ में, हाँ, यह एक सक्रिय और प्रभावी मार्ग रहा है।
यह कुछ लोगों के लिए एक सक्रिय और प्रभावी आध्यात्मिक प्रक्रिया भी रही है, लेकिन यह बहुत दुर्लभ है, दूसरों के लिए नहीं। अन्य लोग बस इस तरह के रास्तों पर टूट जाएंगे, वे बस टूट जाएंगे क्योंकि यह एक अलग तरह की मांग करता है। वे एक ऐसी जगह पर विकसित होना चाहते हैं जहां आप जो कुछ भी रखते हैं उसे आप घृणा करते हैं, वे उससे दोस्ती करने की कोशिश कर रहे हैं।
क्योंकि जिस क्षण आप किसी चीज को पसंद करते हैं और जिस क्षण आप किसी चीज को नापसंद करते हैं, आप अस्तित्व को विभाजित कर देते हैं। और एक बार जब आप अस्तित्व को विभाजित कर लेते हैं, तो आप इसे गले नहीं लगा सकते।
इसलिए वे उस चीज के साथ जा रहे हैं जो आप खड़े नहीं हो पाएंगे। जो आपके लिए सबसे घृणित है, वही है जिससे वे दोस्ती करते हैं। क्योंकि, वे जो पसंद करते हैं और जो उन्हें पसंद नहीं है, उसे दूर करना चाहते हैं; उनके लिए सब कुछ समान है। यह ब्रह्मांड को गले लगाने का एक तरीका है।