Divyangana sadhna vidhi –Divyangana apsara mantra जय हो ओम नमः शिवाय सभी श्रोताओं का मैं हार्दिक स्वागत करता हूं प्रिया साधको आप सभी कुशलपूर्वक रहें यही मेरी कामना होती है और गुरुदेव भगवान शिव का आशीर्वाद आप सब पर हमेशा बनी रहेगी ऐसी मेरी कामना है आज इस post को लाने का तात्पर्य एक एक अप्सरा साधना और apsara का मंत्र और उनकी जो भी labh आप सबको प्राप्त हो सकती है
उस विषय में हम लोग चर्चा करेंगे जानेंगे आज दिव्यांगना अप्सरा के बारे में हो चुकी दिव्यांगना अप्सरा के ऊपर यह पहला वीडियो है जब मैं आप सबके समक्ष इस अप्सरा के बारे में इस गोपनीय मंत्र को उजागर करने जा रहा हूं
अतः इस अप्सरा के लाभ और इस अप्सरा का वर्णन कि वह कैसी है कैसी दिखती है सारी बातें करेंगे और अंतत उस दिव्य मंत्र को भी जानेंगे कि उस मंत्र को कैसे उपयोग करना है
जिससे आप अपने जीवन को धंय धन बना सके दिव्यांगना दूसरा मैं उन सभी श्रोताओं के लिए उन सभी साधक साधिकाओं के लिए जरूरी है जो आज के समय में बहुत तरह की दिक्कतों से प्रॉब्लम से गुजर रहे कि एक सबसे बड़ी बात है कि आज के समय पर बहुत लोग विश्वास भी नहीं करते होंगे
इन सारी चीजों पर और बहुत सारे लोग जो है उन्हें ऐसा भी लगता होगा कि संभव नहीं है अब जरा को सब के बस की बात नहीं है सिद्ध कर पाना लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है यह गलत बात अप्सरा कोई भी साधक या साधिका सिद्ध कर सकता और जो सबसे बड़ी बात मैं कहता हूं कि अप्सरा जो है
वह आप अगर आप से सिद्ध ना भी हो अगर आप उतना समय नहीं दे पाते हैं उतना नियम पालन नहीं कर पाते लेकिन फिर भी अगर आप अप्सरा के मंत्र जप को करते हैं तो भी मैं करता हूं कि आपकी कोई भी मन की इच्छा जो भी आपके मन में इच्छा रहेगी आप देखोगे कि धीरे-धीरे आपकी इच्छा पूरी होती जाएगी अब दूसरा जो है आपकी वह इच्छा पूरी कर देती है
अब आज के समय में और देखता हूं बहुत सारे श्रोताओं के कमेंट भी आते हैं बहुत लोग परेशान है बहुत-बहुत रख्या डिक रूप से प्रॉब्लम से इस लिए मैं इस तरह की साधना है लाता हूं और जिसमें से अप्सरा साधना एक सबसे सरल विशिष्ट साधना होती है
मंत्र बहुत अपने आप पर बहुत अद्भुत होते हैं मंत्र में बहुत शक्ति होती है इसलिए मैं कहता हूं कि इस यह सारे मंत्र को अगर आप मंत्र जप भी करोगे तो आपके मन की जो भी छाए हैं वह देखोगे आपके स्वत ही वह पूर्ण होगी ही होगी वह धीरे-धीरे आपको खुद प्रतीत होने लगेगा कि आपके मन में जो भी चाहती वह पूरी होंगी
चाहे वह इच्छा आपको किसी को पाने की हो अगर या कोई जॉब पाने की व पढ़ाई में अच्छे अकरने की वह चाहे घर में किसी कला से रिलेटेड कोई आपको दिक्कत हो या किसी को केस मुकद्दमा के दिक्कतें हो किसी को व्यापार के दिक्कतें हो या जिनको मिश्रा बहुत तरह के रोग बीमारियों की दिक्कत हो जो भी दिक्कतें हैं वह सारी चीजें आप सब पूरी कर देती है और ऐसा होता तो पको यह सारी अप्सराओं की साधना अगर कर सके तो बहुत अच्छा
साधना नहीं भी कर सके तो नित्य अगर आप जितना हो सके एक माला दो माला भी अगर संकल्प लेकर उस मंत्र का जप भी करेंगे तो आपकी इच्छा पूरी हो जाएगी कोई भी एक इच्छा आप हाथ में जल से संकल्प करें और संकल्प करके उनको बोल के वह आप छोड़ दें गिरा दें और उसके बाद आपको मंत्र जप करें आप देखोगे कि आप कोई भी जो इच्छा रखोगे वह की पूरी हो जाएगी
लेकिन अप्सरा साधना में क्या होती है कि एक इच्छा नहीं आपके मन में जो भी बाहर रहते हैं ना वह सारी चीजें आपको मिल जाती है और मैं इसी सब में एक सरल और सबसे सरल कर सकते हैं और जल्दी सिद्ध हो जाने वाली apsara है चीज जो है दिव्यांग अनाप-शनाप कि अप्सरा के बारे में अभी तक तो हम लोगों ने जाना है कि अप्सरा चाहे वह उर्वशी हो चाहे वह नाभि दर्शन आप दूसरा हो चाहे चाहे तिलोत्तमा अप्सरा की भी बात हम लोगों ने की है
रत्नमाला अप्सरा की बात की है तो यह सारी अब जरा इनके अलावा भी जैसे रंभा अप्सरा है और भी जो भी ऑप्शन है सारी अप्सराओं का काम यही है कि अपने साधक और साधिकाओं की हर इच्छा को पूर्ण करना उन्हें खुश रखना जब साधक के जीवन में उतरती है तो प्रत्येक साधक की या साधिका के जीवन में आनंद का अनुभव आ जाता है आपकी कल्पना शक्ति ऐश्वर्य संगीत कला सौंदर्य माधुर्य यश कीर्ति का संचार आपके अंदर हो जाता है और ऐसी ही अब सारी चीजों का संचार आपके शरीर में हो जाए
Divyangana sadhna vidhi
इस मंत्र का जाप पूर्णिंमा से अगली पूर्णमा तक करे रोज 21 माला जप करें गुरु के मार्गदर्शन में करें अप्सरा की पूजा भी नित्य करें अप्सरा को मौसमी फल का भोग लगाए कमरे में गुलाब का अतर का छिड़काव करें
योगिनी पत्नी रूप में सिद्धि Secret of Yogini Siddhi ph.8528057364
योगिनी पत्नी रूप में सिद्धि Secret of Yogini Siddhi ph.8528057364
योगिनी पत्नी रूप में सिद्धि Secret of Yogini Siddhi ph.8528057364 हमारे टेलीग्राम चैनल के हमारे एक सब्सक्राइबर है उन्होंने हमको एक क्वेश्चन किया कि आचार्य जी कि योगिनी देवी को पत्नी रूप में हमको सिद्ध करना है तो मैंने कहा कि ठीक है तो फिर उन्होंने कुछ और क्वेश्चन किया कि इस देवी को सिद्ध कैसे किया जाता है
योगिनी देवी को पत्नी बनाने का क्या क्राइटेरिया रहता है क्या हिसाब किताब रहता है कृपया इसके ऊपर थोड़ा प्रकाश डाले तो आजकल youtube योगिनी कामेश्वरी योगिनी मधुमती योगिनी बहुत प्रकार की योगिनी है जिन की साधना आजकल इंटरनेट में और youtube लोग 90 पर लोग जो लोग नए हैं youtube में या फिर प्रेमिका रूप में सिद्ध कर ले तो जब वोह लोग सिद्ध करने जाते हैं तो तीन चार चीजें होती है सबसे पहला चीज होती है
साधना सफल नहीं होती है उन्होंने किसी चैनल से एक्सेट एक्सेट चैनल से उन्होंने माला सिद्ध माला सिद्ध यंत्र आदि के नाम पर हजारों रुपए फुक वा दिए होते हैं और उन सभी यंत्र को ले आकर घर में इकट्ठा करके उसके ऊपर साधना करने लगते हैं ना साधना में अनुभव होते हैं ना कुछ होता है ना कोई चीज उनको हाथ लगती है यह पहला सिचुएशन होता है
दूसरा सिचुएशन होता है उनको कुछ छोटी मोटी चीजें सपने वगैरह में या फिर उनके साथ घटित हो जाता है और उस से उनके जीवन में नकारात्मकता का प्रवेश होने लगता है और वह लोग फिर बहुत प्रकार के इशू से सफरिंग करने लगते हैं यह दो चीजें होती है उसके बाद वो लोग बोलते हैं कि योगिनी साधना हमने किया सिद्ध हुआ नहीं देने वाला गलत है विधान गलत है
सामान या फिर जो भी सामान वगैरह हमने मंगवाया था जिसे वही गलत है फिर क्या गलत है तो सबसे पहले मैं आप लोगों को बता देना चाहता हूं कि योगिनी साधना करने का क्राइटेरिया क्या होता है जो साधक का मूलाधार चक्र जागृत हो और योग विद्या में जो साधक पारंगत हो तो वही साधक जाकर योगिनी साधना को करता है वह अलग बात है कि कोई विशेष मनोकामना लेक आप किसी योगिनी देवी की साधना कर रहे तो वह मनोकामना तो अवश्य पूरी हो ही जाती
है मनोकामना को लेकर योगिनी साधना कोई भी कर सकता है उसमें कोई क्राइटेरिया नहीं होता लेकिन योगिनी को प्रत्यक्ष सिद्ध करना है अपने साथ रखना है चाहे मित्र पत्नी माता किसी भी रूप में तो फिर आपका मूलाधार से आपका ऊर्जा उठ जाना चाहिए मूलाधार चक्र पूर्ण रूप से जागृत होना चाहिए साधक को योग विद्या का ज्ञान होना चाहिए फिर यो विद्या का ज्ञान होना चाहिए साधक योग पारंगत होना चाहिए अर्थात जो साधक है
वह यम नियमा आसन प्राणायाम ध्यान धारणा समाधि को अच्छे से जानने वाला तथा योग स्वभाव का होना चाहिए फिर योगिक साधना हों को संपन्न करने वाला होना चाहिए लगभग अपने जीवन में गुरु सानिध्य में वह पा से 10 साल रहा हो
तंत्र विद्याओं का काफी प्रैक्टिस किया हो योग विद्या में महारथ हासिल हो ऐसे साधक योगिनी को अपने साथ रखने में योग्य हैं क्योंकि आप खुद सोचिए एक योगिनी देवी हैं साक्षात जगदंब की एक अंश शक्ति वो अंश शक्ति आपको क्यों पत्नी रूप में सिद्ध होगी आपके अंदर क्या क्वालिफिकेशन ऐसा है
जो आपको वह पत्नी रूप में सिद्ध होगी आप ना अपना ब्रह्मचार्य मेंटेन कर पाते हो ना अपना मनों का भाव आप मेंटेन कर पाते हो ना आपकी जिंदगी किसी भी योग्य साधक की तरह है ना आपके जीवन में गुरु है ना आपके जीवन में सही मार्गदर्शन है
आपने मुंह उठाया किसी किताब से किसी बुक से या फिर किसी पत्नी बनाया जा सकता है और आप लग गए पत्नी बनाने के लिए ना आपने उन देवी के बारे में जाना कि वह देवी कैसी है कहां से उत्पन्न हुई है किधर से उनका स्थान है हजार चीजें होती है
योगिनी साधना में ना उन विषय में आपने कभी ध्यान दिया और आप सीधा चले गए योगिनी साधना को या फिर योगिनी देवी को पत्नी बनाने के लिए फिर क्या होगा किसी चैनल से आपको तो पता नहीं है कि योगिनी देवी का यंत्र कैसा है कौन सी माला है किस माला प जाप करनी जाती है कहां पर करना होता है ना इधर तक लोग होते हैं
जो लोग मैसेज करते हैं कि योगिनी को इस रूप में में सिद्ध करना उस रूप में सिद्ध करना है उनको जब साधारण रूप से पूछा जाता है कि क्या आपको आसन बंधन आते हैं दिग बंधन आते हैं निशान बंधन आते हैं कि आप जहां पर साधना करेंगे चाहे आप अपने घर में करें अपने स्थान में करें या फिर कहीं प भी करें
तो वैसी परिस्थिति में उस स्थान के देवी देवताओं को आपको भोग लगाना आता है क्षेत्रपाल बली आती है कि कम से कम स्थान देवता क्षेत्र देवता आदि को आपको बलि देना आता है कि उनसे कैसे परमिशन लिया जाता है वो आपको आता है क्या बोलते हैं नहीं यह तो हम ने कभी नहीं जाना अगर आप लोग यह सब नहीं जानते हैं तो फिर आप कैसे योगिनी शक्ति को जागृत करेंगे सामान्य सी कोई भी पूजा जिन पूजा में आप बैठते हैं
सामान्य सी साधना हों में पहले उस साधना को चालू करने से वभ स्थान देवता क्षेत्र देवता वास्तु देवता आदि से आज्ञा लेनी होती है उसके बाद अगर आपके स्थान संरक्षिका सक्ति है जिसको ग्रामीण देवता या फिर ग्राम देवता के नाम से जाना जाता है उनसे आज्ञा लेनी पड़ती है कि हम आपके इस एरिया में साधना करें आप हमको आज्ञा दीजिए
बोलके इन सभी आज्ञा को दिए बिना आप कैसे योगिनी साधना कर सकते हैं ऊपर से और एक सबसे बड़ा प्रॉब्लम लोग घर में साधना करते हैं योगिनी साधना सबसे पहला नियम है कि योगिनी आदि की साधना घर में कभी की नहीं जा सकती और घर में की जाए तो वह साधना कभी जिंदगी भर में सिद्ध नहीं होगी इस साधना के लिए वन अरण्य या फिर आप मान लीजिए किसी पर्वत का शिखर किसी गुंफा या फिर कोई ऐसा जगह जहां पर जो सर्दी का ऋतु ज्यादा प्रभावी हो उस जगहों पर जाके योगिनी देवी की साधना को किया जाता है
या फिर किसी सिद्ध क्षेत्र शक्ति पीठ आदि में जाके योगिनी देवी को जागृत किया जाता है अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो कहां से योगिनी साधना सिद्ध होगा अगर सिद्ध नहीं हुआ तो फिर आप बोल देते हैं कि यह तंत्र साधना वगैरह फ्रॉड है यह सब एक ढकोसला है कुछ नहीं है बस मन का एक विकार है सब कुछ होता है आप गलत काम करेंगे और बोलेंगे कि यह हो गया वह हो गया योगिनी साधना करते करते कई बार ऐसा होता है स्थान देवता क्षेत्र देवता का आज्ञा ना लेने के कारण
योगिनी देवी के मंत्रों के माध्यम से कई प्रकार की नकारात्मक शक्तियां खींची चली आती हैं क्योंकि योगिनी शक्ति का जब मंत्र जपा जाएगा उसका ऊर्जा तो प्रोड्यूस होगा और वो ऊर्जा को देखते हुए कई प्रकार की नकारात्मक शक्ति आप घर में घु सेंगे फिर फिर घर में ऊपर से और नेगेटिविटी का इशू हो जाएगा जो तो पहले था जीवन में जो वस्त व्यस्तता थी
जिसकी वजह से आप साधना कर रहे तो वो अलग चीज है किंतु जब आप और उग्र साधना को उसमें इंक्लूडेड करोगे तो और शक्तियां बाहर से खींच जाएंगी वो आपको इशू करने लग जाएंगी फिर आप बोलते हो कि योगिनी साधना करने के बाद हमारे घर में तबाही मचना चालू हो गया है बिल्कुल मचेगा
इन सभी साधना हों को किसी उचित गुरु के सानिध्य में किया जाता है जिस गुरु ने योगिनी साधना को जागृत कर रखा हो वही जाक ग साधना को करवा सकता है इनफैक्ट कम से कम वह गुरु को दो से तीन महाविद्याओं की जागृति होनी चाहिए दो से तीन महाविद्याओं की प्रॉपर ओरिजिनल ऑथेंटिकेटेड परंपरा से दीक्षित होके और उन्होंने साधना कर लेनी चाहिए उसके बाद उनके गुरु सानिध में उन्होंने अगर वो योग नहीं किया हो तो वही व्यक्ति आपको उस योगिनी की दीक्षा या फिर मंत्र आदि दे सकता है यह नियम है
इस साधना का ऊपर से योगिनी मुंह उठाकर चयन नहीं किया जाता है कि आप बोल रहे हो आप मान लेते हैं कोई बहुत सारे साध तक आते हैं और बोलते हैं हमको कामेश्वरी योगिनी करना है कामेश्वरी योगिनी श्री कुल की शक्ति है आपकी इष्ट अगर काली मां है तो आप कामेश्वरी योगिनी नहीं कर पाओगे कुल का भेद हो जाएगा आपके कुल के अकॉर्डिंग आपको कौन सी योगिनी करनी चाहिए
आपके इष्ट के अकॉर्डिंग आपको कौन सी योगिनी करनी चाहिए ये सारी चीजों के बारे में आपको गुरु बताता है और गुरु को भी उतना नॉलेज होना चाहिए और आजकल के गुरु तो पता नहीं किस हिसाब से हैं मैं ऐसे कुछ टिप्पणी करना नहीं चाहूंगा लोग तो आजकल ऐसे-ऐसे हैं कि योगिनी साधना के नाम प पूरा एजन खोल दिए हैं कि हां हमारे इस वेबसाइट पर जाओ या फिर हमारे इस जगह पर जाओ और उधर जाके 200 300 में वो योगिनी का पीडीएफ परचेस कर लो और बैठो घर में साधना करते हुए ना ऑथेंटिकेटेड आपका परंपरा है ना आपको खुद पता है
कि आपकी परंपरा की योगिनी कौन है किन शक्ति आपकी परंपरा को सुरक्षित रखती है कुछ नहीं पता ना शिष्य को पता है कि आसन बंधन दि बंधन दिशा बंधन कैसे होता है यहां तक योगिनी देवी आए तो योगिनी देवी से क्या बोला जाता है क्या बोलक उनको बिठाया जाता है उनका जो अर्घ्य प्रधान है वह अर्घ्य प्रधान कैसे किया जाता है वह यहां तक नहीं पता सही बताए तो योगिनी साधना में एक अर्घ्य बैठता है उस अर्ग को कैसे बिठाया जाता है
वहां तक उनको नहीं पता कि उस अर्ग में कौन-कौन सी देवी देवताओं का स्थापना किया जा कौन सी कलाओं का पूजा किया जाता वह कुछ नहीं पता यह चलते हैं और ऐसे लोग बोलते हैं कि हां इतना गुरु मंत्र आप कर लीजिए एक सेटन मात्रा उसके बाद योगिनी को आप जाइए पत्नी रूप में सिद्ध करिए ऐसे ऐसे लोग आजकल समाज में घूम रहे हैं तो जरा बचिए उचित गुरु परंपरा में जाइए उचित जग और उचित मार्गदर्शन लीजिए जहां से आपको पता चले कि योगिनी साधना प्रॉपर किस तरह से किया जाता है
उस तरह से आप उनके पास जाके उचित मार्गदर्शन में उनसे ज्ञान लेके योगिनी साधना को करें और सबसे बड़ी चीज बिना गुरु के सानिध्य में रहे योगिनी साधना को नहीं करना चाहिए व योगिनी बहुत हानिकारक होगी क्योंकि आप खुद की मौत को आप बुलावा दोगे अगर योगिनी साधना अगर आप बिना गुरु मार्गदर्शन के कर रहे हैं दूसरी चीज यह है कि अगर आप योगिनी साधना कर रहे हैं किसी के अंडर में रह के कहीं पे भी कुछ कर रहे हैं
तो वैसी परिस्थिति में आपको यह ध्यान देना चाहिए कि जहां पर भी कर रहे हैं वह जगह पूरा सेफ्टी हो वहां पर कोई भी इंसान अपने साधना के दरमियान या फिर जो आप जितना दिन का आपका साधना रहेगा उसके दरमियान उधर कोई आना नहीं चाहिए क्योंकि अगर वह आ गया योगिनी साधना को देख लिया आप कुछ कर रहे हैं बोलके वो साधना खंडित हो जाती है इसलिए यह साधना घर में नहीं की जाती है कोई पहाड़ या फिर कोई अरण्य आदि में यह जाकर साधना को संपन्न किया जाता है गुप्त जगहों में जहां पर इंसान नहीं जाते हैं
उस जगह पर रहकर साधना को संपन्न करें हिमाचल साइड में जो लोग उनके लिए तो सर्वश्रेष्ठ है अगर आप फिर भी अगर आप कहीं पर करना चाहते हैं तो आप कामाख्या आदि जो महापीठ है जहां पे भगवती का खुद बास होता है शक्तिपीठ आदि में जाके आप यह साधना को संपन्न करें और उचित गुरु के मार्गदर्शन में यह साधना को संपन्न करें
चंडी शाबर मंत्र सबसे शक्तिशाली मंत्र काले जादू को खत्म करने वाला मंत्र
चंडी शाबर मंत्र सबसे शक्तिशाली मंत्र काले जादू को खत्म करने वाला मंत्र
ब्लैक मैजिक को वापस भेजने का मंत्र के साथ काले जादू से मुक्त हो जाओगे । चंडिका या चंडी देवी पार्वती का उग्र रूप है जिन्होंने चण्ड और मुंड का वध किया था। चंडी शाश्वत समय का प्रतीक है।
चंडी प्रकृति में परिवर्तन और बदलने की देवी है। चंडी चेतना है – अतिप्रवाहित आनंद जो ब्रह्मांड को प्रवाहित करता है, बनाए रखता है और वापस लेता है।
और उसके विनाश का दोहरा पहलू है, वह एक नए जीवन को जन्म देती है क्योंकि पुराना मृत्यु के अंधेरे में दूर हो जाता है।
इस चंडी शाबर मंत्र का उपयोग काले जादू, काला जादू, मूठ, तंत्र, बुरी नज़र और मुस्लिम काला इलम को उलटने के लिए किया जाता है। यह शाबर मंत्र साधना के 14 दिनों का है।
शाबर मंत्र की सिद्धि प्राप्त करने के बाद कोई भी साधक इसका उपयोग काले जादू को हटाने या किसी भी व्यक्ति से काले जादू को उलटने के लिए कर सकता है।
इस चंडी शाबर मंत्र का उपयोग करने की विधि या प्रक्रिया केवल गुरुजी से ही मांगी जा सकती है।
रिवर्स काला जादू चंडी शाबर मंत्र का जाप कैसे करें
चंडी शाबर मंत्र 14 दिनों का मंत्र साधना है।
मंत्र साधना की शुरुआत चांद या अमावस्या से की जा सकती है।
स्नान करें और उत्तर दिशा की ओर मुख करके पीले रंग का वस्त्र धारण करें।
ऊर्जावान से पहले अपनी इच्छाओं या ‘संकल्प’ का उच्चारण करें
चंडी यंत्र या चंडी का चित्र।
चंडी शाबर मंत्र की 11 माला का जाप करें और हकीक माला का जाप करें।
15वें दिन चंडी शाबर मंत्र की सिद्धि मिलेगी।
Chandi Chandi MahaChandi Aavat Mooth Kare NavKhandi. Ashtaa Dash Bhuja ShastrDhari Haakini Daakini Gher Mari Jadu Tona Totka Mohe Na Satave Jahan Se Aaya Vahin Ko Jaaye Jis Ne Bheja Us Ko Khaaye Chale Mantra Fure Vaacha Dekhoon Main Chandike Tere Eelam Ka Tamasha
दस महाविद्याओं में मातंगी नवमी महाविद्या कही जाती हैं। कर्ण मातंगी की सिद्धि के फलस्वरूप साधक भूत भविष्य एवं वर्तमान तीनों कालों का ज्ञाता हो जाता है
कर्ण मातंगी साधना से आपके जीवन की न्यूनता ख़तम हो जाएगी आप की ज़िंदगी हर क्षेत्र में सफलता और ख़ुशी प्रपात होगी ।
यह साधना रात्रिकाल में एकांत स्थान में विशेष विधि से सम्पन्न की जाती है।
मंत्र सिद्धि से पूर्व कानों में हवा के झोंके महसूस करना या कुछ शब्दों का सुनाई देना आरम्भ हो जाता है। मंत्र-सिद्धि के पश्चात् कर्ण मातंगी देवी अपने साधक के कान में सभी प्रश्नों का सही उत्तर देती है।
इस विद्या के मार्गदर्शन पर चलकर आप ज़िंदगी सफलता हासिल कर सकते हो।
कर्ण मातंगी साधना के लाभ
शत्रुओं और नकारात्मक शक्तिओ से सुरक्षा
साधक त्रिकालदर्शी बन जाता है
उसे दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है
जब कोई व्यक्ति साधक के सामने आता है, तो देवी उसके बारे में कान में बता देती है.
साधक को घटनाओं और दुर्घटनाओं के बारे में जानकारी मिलती है
chandi sadhana rahasya चंडी साधना रहस्य ph.85280 57364 gurumantrasadhna.com में आप सबका स्वागत है मैंने अभी तक बहुत सारी साधना के ऊपर चर्चा की है आज एक ऐसी साधना के ऊपर चर्चा करने वाला हूं जिस साधना का आपने कभी जिक्र सुना नहीं होगा वह साधना है चंडी की साधना जो चंडी है उसमें और देवी दुर्गा में फर्क है बहुत बड़ा फर्क है तो अब फर्क क्या है वह मैं आपको यहां नहीं बताऊंगा
आप मेरे को कमेंट बॉक्स में बताओगे ठीक है मैं यह जानना चाहता हूं कि आप लोगों की नॉलेज क्या है ठीक है यह अब अपने विषय की ओर आता हूं जो यह साधना है सबसे शक्तिशाली साधना है चंडी की साधना को देवताओं ने भी करा और दैत्यों ने भी करा दोनों ही इसके उपासक रहे हैं बड़े लेवल के उपासक रहे जो व्यक्ति चंडी की साधना को कर लेता है
उसको जिंदगी में कुछ और करने की जरूरत ही नहीं पड़ती सबसे खतरनाक और प्रभावशाली साधना में से एक है यह साधना फुल सात्विक साधना है इसके लिए गुरु का निर्देश और गुरु की कृपा होना आपके ऊपर अनिवार्य है उसके बगैर तो य साधना की ही नहीं जा सकती है
अगर आपने यह साधना कर ली उसके बाद जिंदगी में कुछ और करने की जरूरत ही नहीं ऐसी साधना है जो आपको शक्तिशाली बना देगी शक्ति संपन्न बना देगी जो चाहोगे वैसा ही होगा आपके जितना गुण ज्ञानी कोई नहीं होगा दुनिया में आपके जितना शक्तिशाली कोई नहीं होगा आपके जितना बुद्धिमान कोई नहीं होगा सारा कुछ आपको प्राप्त हो जाएगा आप शक्ति संपन्न हो जाओगे
दुनिया में आप के समक्ष कोई टिक नहीं पाएगा शक्ति संपन्न हो जाओगे बुद्धि की ओर से भी एक शक्तिशाली व्यक्ति के पास तीन चीजें होती है और फिर आप उस बंदे के हाथ में उ बुद्धि होती है फिर ऐश्वर्य सुख समृद्धि होती है दो चीजें होती हैं तीसरी चीज होती है शक्ति होती है
समर्थ्य होता है तो ये तीन चीजों से ही एक शक्तिशाली आदमी बनता है जिसके पास तीन चीजें हैं वो शक्तिशाली है जिसके पास बुद्धि नहीं है तो दो चीजें हैं तो उस चीज का गलत इस्तेमाल करेगा फिर उसका विनाश निश्चित है अपना विनाश तो करेगा और लोगों का भी विनाश करेगा इसीलिए बुद्धि भी होना बहुत जरूरी है बुद्धि नहीं है तो शक्ति का कैसे इस्तेमाल करना है
यह नहीं पता चलेगा बुद्धि नहीं है तो लक्ष्मी को भी आप डब दो लक्ष्मी को ऐश्वर्य को आप खत्म कर दोगे रावण के पास भी वही था ना ज्ञान भी था शक्ति भी थी और ऐश्वर्य भी था भाई सोने की लंका थी ऐश्वर्य की क्या कमी थी एक चीज की कमी थी जो थी बुद्धि नहीं थी तो इसीलिए क्या है कि सारा कुछ नष्ट हो गया कुछ नहीं बचा कुछ भी नहीं बचा भाई तो बुद्धि होना बहुत जरूरी है नहीं तो आप अपना पूरा साम्राज्य खत्म कर दोगे तो ये चंडी साधना की बात हो रही थी तो
उसमें आपको सारा कुछ प्राप्त हो जाएगा ए टू जेड जो चाहोगे बुद्धि चाहोगे बुद्धि मिल जाएगी तीन चीज प्राप्त होगी कोई आपके सामने टिक नहीं पाएगा चंडी के दूसरे नंबर पर क्या है कि ये अब लोग बहुत सारे लोग बोलेंगे कि ये सात्विक साधना है तामसिक यह फुल सात्विक साधना रहेगी इसमें लहसुन प्याज नहीं खाना है खुद ही खाना बनाना है खुद ही खाना है
तो यह चीजें भी है उसके बाद जब चंडी प्रचंड हो जाती है कहने का मतलब जब आप इस साधना को करोगे तो इतना ज्यादा क्रोध आएगा तो आप किसी की भी हत्या कर सकते हो इस लेवल तक उसको बोला जाता है चंडी प्रचंड हो गई है क्रोध बहुत आएगा उस चंडी को शांत कैसे करना है वह आपको गुरु ही बता सकता है जो
आपके अंदर चंडी तत्व है को शांत कैसे करना कौन बताएगा गुरु बताएगा तो गुरु ही बताएगा आपको इसको कैसे शांत करना है किस टाइम पर क्या करना चाहिए एक व्यक्ति जब इस साधना को कर रहा था उससे एक हो गई गलती भाई जब ये साधना की जाती तो आगे तलवार रखी जाती है तलवार ही चंडी का रूप माना गया है
अब बहुतों को यह पता ही नहीं होगा तलवार रखी जाती है और उसके सामने उसकी पूजा की जाती है चौकी पर रख के और उसके आगे प्रतिमा रहती है अब कुछ लोगों को यह बात भी हजम नहीं होगी कि यह तो नहीं बात हो गई
पर आप लोगों ने किसी उच्च लेवल के साधक की शरण में नहीं रहे ना इसीलिए आपको पता नहीं है इन चीजों का जो गलत कमेंट भी कर रहे हैं तो उनको भी क्या पता है विचारों का जितनी बुद्धि है उतना इस्तेमाल करेंगे ना अगर बड़े लेवल के साधकों के बीच में उठना बैठना होगा तो वैसी ही बुद्धि हो जाएगी तो नहीं पता है भाई तो मैं क्या करूं अगर आपको नहीं पता है
तो तो फिर मैं अपनी बात पर आता हूं तो आगे तलवार रखी जाती है तो बंदा वो साधना कर रहा था उससे कोई गलती हुई तलवार हवा में घूमने लगी अब उसको पता चल गया कि मेरा अंत है फिर उसके गुरु भी सम्रत थे तो उन्होंने बोल दिया फटाफट अपना ब्रह्म कवज का पाठ शुरू करते फटाफट अगर बचना है तो शुरू कर दिया और धीरे धीरे धीरे धीरे तलवार शांत हो गई और वहीं पर स्थापित हो गई ऐसा भी होता है
तो साधना उच्च लेवल की साधना है तो ये सब कुछ हो सकता है तो इस साधना के लिए आपके पास परफेक्ट गुरु होना बहुत जरूरी है बिना गुरु के तो बहुत ज्यादा खतरनाक हो जाएगा आपके लिए साधना करना दूसरे तरीके से आपके अंदर सात्विकता होनी चाहिए सात्विकता ऐसी चाहिए विचारों की सात्विकता चाहिए शारीरिक रूप में सात्विकता चाहिए यह चीजें चाहिए तो ये चीजें होनी चाहिए
आपके अंदर तभी आप इस चीज को कर पाओगे या चंडी प्रचंड होती है तो उसको शांत कैसे करना यह भी आना चाहिए यह गुरु बताएगा आपको जिस दिन य 40 दिन की साधना होती है 40 में दिन आगे चंडी प्रत्यक्ष हो जाती है प्रत्यक्ष हो जाती है तो कुछ कमी बचती ही नहीं है बहुत कुछ प्राप्त हो जाता है साधक को बहुत कुछ पर उससे पहले भी परीक्षा होती है
जब बंद आंखों में आप साधना करते हो तो आपको ऐसा लगता है कि बड़े-बड़े गोड़े व जंगल का माहौल पूरा जंगलों में के अंदर माहौल होता है युद्ध का माहौल होता है पूरा घड़ों की आवाज हाथियों की आवाज जैसे देवी का युद्ध नहीं हुआ था
उस टाइम महिषासुर के साथ तो कैसे कैसे जानवरों की आवाज आती थी बहुत ज्यादा जैसे घोड़े दौड़ रहे हो युद्ध का मैदान हो तो उस तरीके से आपको पूरा आभास होता है बंद आंखों में आपको यह लगता है कि मैं किसी जंग के मैदान में इसको पढ़ रहा हूं पर आपको घबराना नहीं है पढ़ते जाना है पढ़ते जाओगे
तभी कामयाब होगे डर के आगे ही जीत है अक्षय कुमार का डायलॉग है ना कि डर के आगे जीत है ये साधनाए ऐसी नहीं होती खतरों का खिलाड़ी बनना पड़ता है हर चीज में खतरा है अब लोग खतरे को देख के तो डर जाते हैं पर प्राप्ति भी देखो क्या हो रही है प्राप्त क्या हो रहा है प्राप्ति के बारे में कुछ सोचता ही नहीं डर लगता है
सबका भाई डर भी जरूरी है पर जब डरो ग तो फिर करोगे कैसे अगर ऐसे ही डरते रहोगे जिंदगी खराब हो जाएगी सामान निकल जाएगा फिर करोगे कब फिर अब आप यह सोच लिया करो कि अपनी समस्याओं के बारे में सोच लिया करो जब आपको डर लगता है क्या वह डर जो है आपकी समस्या से ज्यादा खतरनाक है आपको जवाब मिल ही जाएगा कि आपको कैसी समस्याए रोज फेस करनी पड़ती है कितना ज्यादा आपको रोज बेजत होना पड़ता है
कैसी जिंदगी है अब क्या अच्छी जिंदगी है आज भी अच्छी जिंदगी नहीं है अब अच्छी जिंदगी करने के लिए तो कुछ ना कुछ तो करना पड़ेगा ना कुछ ना कुछ करना पड़ेगा तो परीक्षा तो देनी पड़ेगी ना अब कोई बंदा कहे कि बिना परीक्षा के ही मेरे को आईपीएस ऑफिसर बना दो वैसा कि संभव है कि बिना परीक्षा के ही बिना किसी मेहनत के आप आईपीएस ऑफिसर बन जाओ हर चीज में मेहनत है ना हर जीज में परीक्षा है ना प्राप्ति भी देखो ना फर क्या हो रही है
एक आईपीएस ऑफीसर को क्या प्राप्त होता है यह देखो ना आप प्राप्ति को तो आप बोलही जाते हो बस खतरों को आप याद रखते हो अब कुछ लोग बोलेंगे कि अब मैं तो खतरा उठाने के लिए तैयार हूं पर क्या मेरे परिवार भी को खतरा होगा आपके परिवार को खतरा क्यों होगा गलती आप करो
तो आप आपके परिवार को सजा थोड़ी मिलेगी सजा तो आपको मिलेगी इस चीज में परिवार को कोई खतरा नहीं होगा ठीक है आपको भी कोई खतरा नहीं होगा वैसे तो अगर आप गलती नहीं करते हो बहुत ध्यान से चीजों को करते हो तो क्या खतरा है भाई अगर आप जानबूझ के कोई बड़ी गलती कर रहे हो
तो फिर तो खतरा तो हो ग क्योंकि यह चीजें कभी क्षमा नहीं करती है ठीक है देवी का क्रोध का स्वभाव है देती है तो बहुत कुछ देती है जब लेती है तो बहुत कुछ ले लेती है ठीक है लेने से मतलब यही है कि थोड़ा मानसिक रूप में परेशान हो जाओगे आपको दंडित करेगी लेती तो कुछ नहीं है ये आपको दंडित जरूर करेगी
अगर आप गलती करते हो तो अगर आप गलती नहीं करते हो तो फिर किस चीज किस लिए आप डरते हो अगर आपके अंदर सच्चाई है तो फिर तो आपको डरना नहीं चाहिए ठीक है डरता वही है जो गलत होता है ठीक है सच्चाई के साथ करोगे फिर तो कोई दिक्कत नहीं आप लोगों से बात करके ना मेरे को बहुत अच्छा लगता है जो आप लोगों के साथ मैं ज्ञान शेयर करता हूं ना अपना तो मेरे ही ज्ञान की वृद्धि हो रही है मेरे को ऐसा लगता है
तो बातें करनी मेरे को अच्छी लगती है पर समा हो गया है कुछ लोगों की शिकायत यह होती है भाई क्या आप बहुत लंबा वीडियो बना देते हो हमें परेशानी होती है अगर दो घंटे की किसी को मूवी देखनी हो तो फिर कोई परेशानी नहीं है दो घंटे ऐसे बर्बाद कर देते मूवी में ठीक है वहां पर कोई परेशानी नहीं हो रही है य वीडियो देखने में परेशानी हो रही है
वहां पर तो आपको कुछ सीखने को मिलता नहीं यहां पर तो मैं आपको फ्री में कितना कुछ सिखा रहा हूं आपको पता ही नहीं है यह ज्ञान ऐसे नहीं मिलाए बड़े-बड़े साधकों के बीच में रह कीय बातें पता चलती है ठीक है ये चीजें ऐसे फालतू नहीं है
इसीलिए तो आप परेशान हो क्योंकि आपने तो इन चीजों को छोड़ दिया है अच्छा एक बात आप नोट करना जिस आदमी ने ऋषि मुनियों की परंपरा को छोड़ा है घर में तो वह लोग कितने परेशान है आपको पता चल जाएगा ठीक है बहुत ज्यादा परेशानी आती है
आज उनको पता नहीं लगेगा आने वाले टाइम में जरूर पता लगेगा तो ऋषि परंपरा थी जिस तरीके का खाना था जिस तरीके के नियम थे आज उन सब नियमों को अंग्रेज लोग मानते हैं पहले योगा मेडिटेशन को कोई नहीं जानता था आज इंटरनेशनल लेवल पर योगा मेडिटेशन को जाना जाता है योगा किया जाता है
पहले किसी को पता नहीं था कुंडलिनी क्या चीज होती है अब बड़े-बड़े वैज्ञानिक मान चुके हैं कि इस भौतिक शरीर के अलावा अंदर भी कुछ बहुत कुछ छिपाए जो किसी को पता नहीं है ठीक है तो हर चीज को अंग्रेज लोग मान रहे हैं पर हम लोग मूर्ख हैं उनके पीछे भागे जा रहे हैं
अब संस्कृत को हमने छोड़ा अब नासा में संस्कृत पढ़ाई जाती है अमेरिका में पढ़ाई जाने लगी है नासा में कोडिंग के रूप में संस्कृत का यूज हो रहा है कोडिंग के रूप में कोड लिखे जाते हैं
यह विज्ञान है तो यह कोई फालतू की बातें नहीं है यह ज्ञान है ज्ञान आपको ऋषि मुनियों का ज्ञान आप इसको आप सेप्ट ऐसे नहीं करोगे जिन अंग्रेजों के पीछे आप लगे पड़े हो तो वह इस चीज को मानेंगे तब उनको देख के आप उस चीज को मानोगे अब यह सिस्टम है तो आज तो वीडियो थोड़ा लंबा हो गया बस आज के लिए बस इतना ही जय श्री महाकाल
कामदेव मंत्र साइड इफेक्ट्स Kaamdev Mantra Side Effects and Who is Kaamdev
कामदेव मंत्र साइड इफेक्ट्स Kaamdev Mantra Side Effects and Who is Kaamdev
कामदेव मंत्र साइड इफेक्ट्स Kaamdev Mantra Side Effects and Who is Kaamdev दोस्तों आज के इस वीडियो में हम आपको कामदेव के बारे में बताएंगे जो मनुष्यों को कामुक बनाते हैं दोस्तों पुरातन कल की कथाओं के अनुसार कामदेव श्री नारायण और देवी लक्ष्मी के पुत्र हैं जिनका विवाह रती नाम की देवी से हुआ था जिन्हें प्रेम और आकर्षण की देवी माना जाता है
वहीं कुछ कथाओं में ये भी बताया गया है की कामदेव स्वयं ब्रह्मा जी के पुत्र हैं और इनका संबंध भोलेनाथ से भी है कुछ स्थान पर धर्म की पत्नी श्रद्धा से उत्पत्ति मणि जाती है दूसरा प्रेम के देवता जैसे की पश्चिमी देशों के क्यूपीआईडी और यूनानी देशों में यूरोस को प्रेम का प्रतीक माना जाता है वैसे ही सनातन धर्म में कामदेव को प्रेम और आकर्षण का देवता कहा जाता है नाम से भी जाना जाता है
इसके अलावा उन्हें अर्थ देव या गंधर्व भी कहा जाता है जो स्वर के वीडियो में कामाख्या उत्पन्न करने के लिए उत्तरदाई होते हैं और तो और कहीं-कहीं कामदेव को यक्ष की संज्ञा भी दी गई है चौथा कामदेव का स्वरूप इसी के साथ ही हम आपको बताते हैं कामदेव का स्वरूप कैसा है उनका वर्णन सुनहरे पंखों से युक्त एक सुंदर नवयुक की तरह किया गया है
जिनके हाथ में धनुष और बढ़ है ये तोते के रथ पर मकर के चिन्ह अंकित लाल ध्वज लगाकर भ्रमण करते हैं इसके साथ ही कुछ शास्त्रों में हाथी पर बैठे हुए भी बताया गया है पांचवा कामदेव के धनुष और बढ़ प्रभु का धनुष मिठास से भरे गाने का बना हुआ है जिसमें मधुमक्खियां के शहर की रस्सी लगी हुई है
उनके धनुष का बढ़ अशोक के पेड़ के खुशबू दर फलों के साथ ही सफेद नीले कमल चमेली और आम के पेड़ों पर लगने वाले फूलों से बने होते हैं तो देखने में काफी आकर्षक लगता है कामदेव के पास खासतौर से पंच प्रकार के बढ़ है
उनके नाम हैं मारन स्तंभन छठ करम कामदेव मंदिर असम का खजुराहो मंदिर मदन कामदेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है वहां की महत्वपूर्ण आकृतियों खजुराहो के मंदिर का स्मरण करती है कम के देवता कामदेव और उनकी पत्नी रति की कथा आज भी सभी के मैन में बसी हुई है ये मंदिर गाने जंगलों के अंदर वर्षों से छुपा हुआ है
ऐसा कहते हैं की हम सबके आराध्या भगवान शंकर द्वारा अपने तृतीया नेत्र खोलने पर कामदेव भस्म हो गए द और इसी स्थान पर उनका punarjan तथा उनकी पत्नी रति के साथ पुनः मिलन हुआ था सत्व कामदेव की रितु बसंत दोस्तों बता दें की हिंदू धर्म में वसंत पंचमी के दिन ही कामदेव को पूजा जाता है वसंत कामदेव भगवान का मित्र हैं इसीलिए कामदेव का धनुष फूलों से बना हुआ है इस धनुष की कमान सर्व विहीन होती है
जिसका अर्थ है की जब कामदेव कमान से तीर छोड़ते हैं तो उसकी आवाज़ नहीं आती है मित्रों कामदेव को आनंद भी कहा जाता है जिसका अर्थ है की बिना शरीर के ये प्राणियों में बसते हैं वहीं एक नाम मैन है यानी की ये इतने मारक हैं की इनके बाद का कोई कवच नहीं है इसीलिए वसंत रितु को प्रेम का रितु माना जाता रहा है आठवां यहां रहता है
कामदेव का वास मुंढाल पुराण की माने तो कामदेव का वास युवान स्त्री सुंदर फूल गीत परगना या फूलों का रस पक्षियों की मीठी आवाज़ सुंदर बाग बगीचों वसंत रितु चंदन kamvasnaon में लिप्त मनुष्य की संगति छुपे हुए अंग सुहागनी और मंद हवा रहने के सुंदर स्थान आकर्षण वस्त्र और सुंदर गहने धारण किए शरीरों में रहता है
इसके साथ ही कामदेव स्त्रियों के शरीर में भी वास करते हैं श्रीकृष्ण और कामदेव पौराणिक कथाओं की माने तो श्री हरि के आठवें अवतार श्री कृष्ण को भी कामदेव ने अपने नियंत्रण में लाने की कोशिश की थी कामदेव ने प्रभु गोपाल से यह शर्त लगाई थी की वो उन्हें भी स्वर्ग की अप्सराओं से भी सुंदर गोपियों के प्रति आकर्षित कर देंगे नंदलाल ने कामदेव की सभी शर्त स्वीकार की
कामदेव मंत्र साइड इफेक्ट्स Kaamdev Mantra Side Effects and Who is Kaamdev
कामदेव मंत्र साइड इफेक्ट्स
इस के मंत्रका गलत प्रयोग करने पर पराई पर करने से और उनके से साथ भोग करने से आप के घर में ख़ुसरा पैदा हो सकता है इसका गलत प्रयोग करने से व्यक्ति पागल हो सकता है इया आप किसी कोर्ट केस में भी फस सकता है। इसका प्रभाव आप की संतान पर भी हो सकता है वो गलत काम में पड़ सकती है जिसे आपको समाज में शर्मिंदा होना पड़ सकता है । पति पत्नी में अनबन हो सकती है या तलाक हो सकता पूरा परिवार बिखर सकता है
क्या हम मृतात्माओं से बातें कर सकते हैं ? | मरे हुए इंसान से बात करने का तरीका how to talk to a dead person
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क्या हम मृतात्माओं से बातें कर सकते हैं ? | मरे हुए इंसान से बात करने का तरीका how to talk to a dead person हमारे-आपके चारों ओर एक ऐसी भी दुनिया है जो दिखाई नहीं देती लेकिन उतनी ही वास्तविक है जितनी कि यह धरती। इस अदृश्य दुनिया के अनदेखे प्राणी बराबर इस प्रयत्न में रहते हैं कि वे आपके माध्यम से अपनी बातें कह सकें और अपनी इच्छाएं पूरी कर सकें।
तो आइए, इस रोचक लेख में इस अनदेखे प्राणियों के बारे में जाने-समझें… प्रेतात्माओं के अस्तित्व और स्वरूप को समझने से पूर्व सृष्टि की संरचना समझ लेनी आवश्यक है। हमारी धारणा यह है कि जो इन्द्रियों की पकड़ में है, वही वास्तविक है।
वास्तविकता तो यह है कि जो हमें दिखाई देता है, या जो हमें सुनाई पड़ता है, वह तो इस सृष्टि का लाखवां हिस्सा ही हो सकता है। इसके परे भी सृष्टि है, जो इन चर्मचक्षुओं से न तो दिखाई देती है और न मानव कर्ण उनकी ध्वनियों को सुन सकते हैं। पाश्चात्य विद्वान् ब्लास्की, मैडम जोन, कर्नल आंत और भारतीय मनीषी स्वामी विवेकानन्द, योगीराज सच्चिदानन्द आदि ने यह स्वीकार किया है कि इस सृष्टि से परे भी विशाल सृष्टि है और कई लोक हैं।
इन लोकों को भारतीय दर्शन मूलांक, भूलोक, भुवलोक आदि के नाम से पुकारता है। इन साधकों ने इन लोकों को देखा है, समझा है और अपने ग्रन्थों में इनका विस्तार वर्णन किया है। मिस्टर डब्ल्यू वीटर की ‘अदर साइड ऑफ़ डेथ’, श्रीमती एनी बेसेन्ट की ‘लाइफ आफ्टर डेथ’ आदि ग्रन्थ इसके उदाहरण हैं।
1 मरे हुए इंसान से बात करने का तरीका – स्थूल से भी परे सूक्ष्मतर
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वास्तविकता यह है कि हम जो कुछ भी देखते है, सुनते हैं या स्पर्श करते हैं, वही राय कुछ नहीं है। यह तो केवल स्थूल है। इस स्थूल शरीर के परे भी अन्य सात प्रकार के शरीर हैं, जो क्रमशः सूक्ष्मतर होते जाते हैं। इन शरीरों को इच्छा-शरीर, भावना-शरीर, या सूक्ष्म शरीर के नामों से पुकारा गया है।
इसी पृष्ठभूमि में हम मृत्यु को समझें। ज्यों ही हमारा भौतिक शरीर समाप्त होता है, इसका विखण्डन हो जाता है। ऐसा होते ही इच्छा-शरीर स्वतः ही सक्रिय हो जाता है और अपनी ही गति से कार्य करने लग जाता है। इस इच्छा शरीर की भी एक सीमा है, एक निश्चित जीवन है।
इसके बाद इस इच्छा शरीर का भी विखण्डन हो जाता है और इससे भी सूक्ष्म शरीर क्रियाशील हो जाता है। इस प्रकार से यह निश्चित है कि जो मृत्यु होती है, वह केवल इस शरीर के बाह्यकार की होती है । इसके मूलाधार आत्मा की मृत्यु नहीं होती।
आत्मा इससे सूक्ष्म शरीर में जाकर क्रियाशील हो जाती है। सूक्ष्म शरीर भौतिक उसमें भी इच्छाएं, शरीर का सूक्ष्म रूप है। अतः आकांक्षाएं, भावनाएं बराबर सूक्ष्म शरीर इन इच्छाओं- आकांक्षाओं की पूर्ति में बराबर संलग्न रहता है। जीवित रहती हैं।
इतना होते हुए भी वह सूक्ष्म शरीर अक्षम है। मानव शरीर इच्छाओं की पूर्ति का प्रयत्न कर सकता है, परन्तु सूक्ष्म शरीर में यह क्षमता नहीं है। सूक्ष्म शरीरों में स्थित आत्माएं व्यग्र रहती हैं, इच्छाओं की पूर्ति के लिये । वे आत्माएं इसी संसार के आस-पास भटकती रहती हैं और इस प्रयत्न में रहती हैं कि जैसे भी हो, कोई मानव शरीर मिल जाए, जिसके माध्यम से वे अपनी इच्छाएं पूर्ण कर सकें।
जिस व्यक्ति में जितनी ज्यादा संवेदनशीलता होती है, वह व्यक्ति उतना ही अच्छा माध्यम बनता है। कई बार माध्यमों के बगैर ही इन सूक्ष्म शरीरों की वाणी को समझा जा सकता है। योगीजन ऐसा कर सकते हैं। इसके लिए मन की एकाग्रता जरूरी है, जो ध्यान, योगासन, आदि के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।
इसलिये योगी सीधे ही माध्यम बन जाते हैं। सूक्ष्म शरीर कुछ समय के लिए उनके शरीर को अधिकृत कर लेता है। यह बात भी निश्चित है कि यह सूक्ष्म शरीर एक प्रकार से इच्छा- शरीर है। यह क्षण भर में दूर की घटनायें देख-सुन सकता है। अतः योगी जब भविष्यवाणी करते हैं तब सूक्ष्म शरीरों की इन आत्माओं के माध्यम से ही करते है ।
इन आत्माओं को कोलाहल या तीव्र प्रकाश सह्या नहीं होता । अतः ये मद्धिम रोशनी तथा बिल्कुल शान्त वातावरण में ही आती है और पूछने पर बात कहती हैं तथा अपने अनुभव सुनाती हैं।
इन आत्माओं से सम्पर्क स्थापित करने के लिए कई साधन है, जिनमें प्लेंचित प्रयोग, तिपाई प्रयोग,उंझा बोर्ड प्रयोग, स्वतः लेखन प्रयोग, माध्यम प्रयोग आदि प्रचलित है।
2 मरे हुए इंसान से बात करने का तरीका – प्लेंचित
आत्मायों से सम्पर्क स्थापित करने के लिए प्लॅचित का प्रयोग काफी समय से किया जाता रहा है। प्लेंचित लकड़ी का सपाट तख्ता होता है, जो चौकोर या पान की शक्ल का होता है।
इसमें नीचे की तली में दो बालबियरिंग लगा दिए जाते हैं, जिसके छर्रे ऊपर की ओर रहते हैं। इससे चारों तरफ घूमने में आसानी रहती है। नीचे नोक वाले भाग में एक सुराख़ होता है जिसमें पेंसिल खोंस दी जाती है। इस प्रकार बालबियरिंग और पेंसिल का छिला हुआ सिरा एक सीधी स्थिति में आ जाते है । शान्त वातावरण में विशेषकर रात्रि में एक कमरे में चार-पांच व्यक्ति मद्धिम रोशनी में बैठ जाते हैं।
प्रयोग से पूर्व यदि कमरे को धोकर साफ कर लिया जाए और प्रयोग के समय कोई सुगन्धित अगरबत्ती लगाई जाए, तो अच्छा रहता है। चार- पांच व्यक्तियों में यदि एक-दो औरतें हों तो उचित रहा है। औरतें अपेक्षाकृत ज्यादा संवेदनशील होती है, और आत्माओं के लिए अच्छा माध्यम बन सकती हैं । जब यह प्रयोग प्रारम्भ करना हो तब तीन या पांच व्यक्ति उस प्लेंचित पर अपनी एक-एक उंगली हल्के से रख दें और फिर अपने मन में किसी मृतात्मा का आह्वान करें।
यह कोई आवश्यक नहीं है कि जिस मृतात्मा का आह्वान करें वह वहां आ ही जाए क्योंकि कई बार जिस मृतात्मा का हम आह्वान करते हैं, वह सुक्ष्म शरीर से भी कोई और किसी अन्य ऊँचे लोक में चली गई होती है। ऐसी स्थिति में उसका आना सम्भव नहीं होता ।
प्रत्येक व्यक्ति अपने मन में एक-एक मृतात्मा का आह्वान करता है। उनमें से कोई एक मृतात्मा अवश्य ही कुछ मिनटों के अन्दर आ जाती है। इसका प्रमाण यह है कि जब मृतात्मा आती है, तब वह पेंसिल स्वतः ही घूमने लगती है। इसकी जांच के लिए आप धीरे से प्रश्न कीजिए कि क्या आप आ गए हैं ?
तब मृतात्मा पेंसिल की नोंक से ‘हाँ’ या ‘येस’ शब्द लिखेगी। ऐसी स्थिति में आपको यह आभास हो जायगा कि मृतात्मा आपके पास मौजूद है। इसके बाद जब आप उसका नाम पूछेंगे तब आप देखेंगे कि आपके हाथों की उंगलियों के स्पर्श से ही वह पेंसिल घूम रही है और अपना नाम लिख रही है।
जब प्लेंचिट या पेंसिल रुक जाए तब आप कागज पर उसका नाम आसानी से पढ़ सकते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि मृतात्मा अत्यन्त ही भावुक और संवेदनशील होती है, इसलिये उसे छोटी सी अवज्ञा या अपमान से क्रोध आ जाना स्वाभाविक है |
इसलिये अत्यन्त विश्वासपूर्वक और श्रद्धापूर्वक नम्रता के साथ प्रश्न करना चाहिए। इस प्रयोग में मृतात्मा का पढ़ा-लिखा होना आवश्यक है।
कई बार ऐसा भी अनुभव में आया है कि ज्यों ही हम यह प्रयोग प्रारम्भ करते हैं, त्यों ही स्वतः ही कागज पर उल्टी-सीधी लकीरें बन जाती है या पेंसिल थरथराती है, परन्तु वह लिखती कुछ भी नहीं है। ऐसी स्थिति में यह समझ लेना चाहिए कि मृतात्मा पढ़ी-लिखी नहीं है। जब यह ज्ञात हो जाए तब उसे नम्रता पूर्वक विदा करके किसी अन्य मृतात्मा का आह्वान करना चाहिए।
3 मरे हुए इंसान से बात करने का तरीका- तिपाई
इंग्लैण्ड आदि देशों में टेबल का या तीन पैरों बाली तिपाई का ही प्रयोग किया जाता हैं । इसमें तिपाई के दो पैरों के नीचे कागज को मोड़ कर रख दिया जाता है तथा तीसरे के पैर के नीचे कोई चीज न रहने से वह सामान्यतया कुछ ऊँचा उठ जाता है। यदि तिपाई के उस कोने को हल्के से कम्पन के साथ दबाया जाए तो नंगे फर्श पर उस टेबल के पैर से खट-खट की ध्वनि निकलती है। शान्त वातावरण में ३ से ५ व्यक्ति टेबल के इर्द- गिर्द बैठ जाते हैं।
जब मृतात्मा का आह्वान किया जाता है तब स्वतः ही यह टेबल पैर से खट की ध्वनि करता है। इससे यह ज्ञात हो जाता है कि उस कमरे में मृतात्मा का आह्वान हो चुका है। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि उन तीन या पांच व्यक्तियों के हाथों का हल्का सा स्पर्श टेबल पर बना रहे । इसके बाद थोड़े से उच्च स्वर में मृतात्मा को समझा दिया जाता है कि यदि प्रश्न का उत्तर हाँ में देना हो तो एक बार खट की ध्वनि की जानी चाहिए और यदि नहीं में उत्तर देना हो तो दो बार ध्वनि होनी चाहिए।
अब आप अपने प्रश्न कर सकते हैं। प्रश्नों का क्रम स्पष्ट और सही तरीके से होना चाहिए। उदाहरण के लिए- १. क्या आप आ गए हैं ? खट | इ२. क्या आप हमारे प्रश्नों के उत्तर देना चाहेंगे ? – खट । ३. क्या राजेन्द्र इस समय दिल्ली में है ?- खट-खट । ४. क्या वह इस शहर में ही है? खट |
4 मरे हुए इंसान से बात करने का तरीका- उंझा
इस प्रयोग में एक बोर्ड का उपयोग होता है, जो कि अण्डाकार लकड़ी का तख्ता होता है और इसके नीचे एक लकड़ी से तख्ते पर घिर्निया बंधी हुई होती है जिससे कि यह हल्के से स्पर्श से ही बाएं या दाएं घूम सकती है।कोई मानव शरीर मिल जाए, जिसके माध्यम से वे अपनी इच्छाएं पूर्ण कर सकें।
इसके सामने एक नोकदार चिन्ह होता है तथा सामने एक तख्ती लगी रहती है जिस पर ‘ए’ से लेकर ‘जेड’ तक अक्षर समान दूरी पर लिखे होते हैं तथा १ से ९ तक के तथा शुन्य के अंक भी लिखे होते हैं | जब प्रयोग करना हो, तब एक साफ धुले हुए कमरे में एक या तीन या पांच व्यक्ति बैठ जायें और कमरे का दरवाजा थोड़ा-सा खुला रखें। इसके बाद किसी मृतात्मा का आह्वान करें जो कि सामान्यतः अंग्रेजी पढ़ा-लिखा हो। (ऊंझा बोर्ड पर अंग्रेजी के ही अक्षर लिखे होते हैं। यदि उस बोर्ड पर हिन्दी के अक्षर लिखे हों तो हिन्दी पढ़े-लिखे किसी मुतात्मा का आह्वान भी किया जा सकता है ।)
इसके बाद प्रयोग करने वाला उंझा बोर्ड के सामने बैठ जाए और अपना दाहिना हाथ धीरे से उंझा बोर्ड पर रख दे। इस बात का ध्यान रखे कि हाथ अत्यन्त हलके रूप में बोर्ड को स्पर्श करता हो। इसके बाद किसी मृतात्मा का आह्वान करे और उससे प्रश्न करे।
प्रश्न करने के बाद आप अनुभव करेंगे कि वह बोर्ड स्वतः ही चलने लग गया है, और बोर्ड के सामने की सूई एक-एक अक्षर पर टिककर दाएं- बाएं घूमकर अगले अक्षर पर टिक जाती है और इस प्रकार आपके पूछे गए प्रश्न का उत्तर दे देती है। कई बार प्रश्नों के उत्तर देने के बाद मृतात्मा उत्तर देना बन्द कर देती है।
इससे यह समझ लेना चाहिए कि या तो मृतात्मा इस प्रश्न का उत्तर देना नहीं चाहती या वह थक गई है। ऐसी स्थिति में उससे यह प्रश्न पूछ लेना चाहिए कि क्या आप थक गए हैं? उत्तर हां में मिलने पर उस मृतात्मा को विदा कर देना चाहिए और किसी अन्य मृतात्मा का अह्वान किया जाना चाहिए।
5 मरे हुए इंसान से बात करने का तरीका स्वतः लेखन
इस पद्धति का पाश्चात्य देशों विशेष रूप से इंगलैण्ड में बहुत अधिक प्रयोग होता है। इस सम्बन्ध में यूरोप के प्रसिद्ध विद्वान मिस्टर होम के प्रयोग विश्वविख्यात हैं। इस प्रयोग में किसी ऐसे माध्यम की आवश्यकता होती है जो शान्त, सरल और निष्कपट हो |
यदि वह बालक हो तो उत्तम होगा। उनके मन में इस विद्या से संबन्धित किसी प्रकार की उपेक्षा या घृणा के भाव न हों। उसके हाथ में एक पेंसिल और खाली कागज दे दिया जाता है। उसके बाद किसी मृतात्मा का आह्वान किया जाता है और यह प्रार्थना की जाती है कि वह बालक के माध्यम से प्रश्नों के उत्तर दे । आह्वान करने के कुछ समय बाद वह बालक अर्धचेतन सा लगने लगेगा। ऐसा अनुभव होगा कि उस बालक को नींद सी आ रही है।
वह लगभग तन्द्रावस्था में दिखाई देगा। जब ऐसी स्थिति आ जाए तब यह समझ लेना चाहिए कि उस बालक के शरीर में मृतात्मा का आह्वान हो चुका है। इसके बाद आप उससे प्रश्न कीजिए और वह आपके प्रश्नों के उत्तर उस कागज पर बराबर देता रहेगा।
इससे कई हत्याकाण्डों के गुप्त रहस्य, षड़यंत्र और भविष्य में होने वाली अनेक अद्भुत बातें स्पष्ट हुई हैं। श्रीमती अरुणा कुमारी भारत में विख्यात महिला है। उनके पति श्री नरपतसिह का कुछ समय पहले निधन हो गया था तब से वह पूर्णतः साधु जीवन व्यतीत करती है।
स्वतः लेखन प्रयोग का यह महिला एक जीता जागता उदाहरण है। इस महिला के माध्यम से उसके पति ने ८०० पृष्ठ लिखे थे, जिसमें इस बात का वर्णन था कि उसकी हत्या किन परिस्थितियों में हुई। इसी सूचना के आधार पर हत्यारे पकड़े जा सके थे। यह बात ध्यान देने योग्य है कि ये पृष्ठ अंग्रेजी भाषा में लिखे गए थे और स्वयं माध्यम ( अरुणा कुमारी) को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान नहीं है।
गत वर्ष मेरे एक परिचित व्यक्ति ने मुझ से इस प्रकार का प्रयोग सीख कर अपने घर में एक व्यक्ति के माध्यम से मृतात्मा का आह्वान किया । जो व्यक्ति माध्यम बना था उसकी उम्र लगभग २२ वर्ष की थी परन्तु वह माध्यम सरल, निष्कपट और भोला-भाला था। व्यक्ति ने आह्वान तो किसी अन्य मृतात्मा का किया था, परन्तु उससे पूर्व ही किसी दुष्ट मृतात्मा ने उस युवक के शरीर में प्रवेश कर लिया और प्रयोग कर्त्ता के प्रश्नों के उत्तर देने शुरू कर दिए।
जब प्रश्नोत्तर समाप्त हो गए और प्रयोगकर्त्ता ने उसे जाने के लिए कहा तब मृतात्मा ने जाने से इंकार कर दिया और कहा कि मैं इस घर को बरबाद करके ही जाऊंगा परन्तु मेरी इच्छा पूरी कर दी जाय तो मैं तुरन्त चला जाऊंगा | प्रयोगकर्त्ता ने जब उसकी इच्छा पूछी, तो माध्यम द्वारा उत्तर दिया कि मैं तुम्हारी पुत्री के साथ सम्भोग करने की इच्छा रखता हूं। उसकी वह मांग नितान्त अनुचित थी । जब प्रयोगकर्ता ने यह बात मानने से इन्कार कर दिया, तब उसने देखा की कुछ समय बाद ही माध्यम की आँखें पथरा गई हैं। और उसके मुह से सफेद-सफेद झाग निकल रहा है।
ऐसा लग रहा था जैसे उस माध्यम का गाला दबाया जा रहा हो। यही नहीं, कुछ समय बाद प्रयोगकर्त्ता के घर के पर्दों में आग लग गई और दूसरे दिन तो घर में बहुत अधिक उपद्रव हुआ। मृतात्मा की एक मांग थी कि यदि मेरी इच्छा पूरी नहीं की गई तो मैं तुम्हारे घर के सभी सदस्यों की हत्या कर दूंगा और इसके लिए मैं केवल तीन दिन का समय देता हूँ ।
प्रयोगकर्त्ता घबरा गए और उन्होंने तुरन्त मुझे टेलीफोन किया। दूसरे ही दिन मैंने वहां जाकर उस मृतात्मा से बात की और समझा-बुझा कर उसे जाने के लिये कहा परन्तु उसने जाने से मना कर दिया। तब कुछ विशेष मन्त्रों के प्रयोग से उस मृतात्मा को हटाना पड़ा। जब ऐसी विकट परिस्थिति उत्पन्न हो जाए तब क्रोध या जिद्द न करके नम्रतापूर्वक उस मृतात्मा को प्रस्थान करने के लिए कहना चाहिए।
6 मरे हुए इंसान से बात करने का तरीका – माध्यम प्रयोग
इस प्रयोग को कहीं पर भी किसी भी समय किया जा सकता है। भारत में अधिकतर यही प्रयोग किया जाता है। इसमें किसी साफ, चिकनी सतह पर चाक से या किसी रंग से एक सफेद घेरा बना लेना चाहिए और उस घेरे के चारों तरफ अक्षर लिख लेना चाहिए तथा १ से ९ तक के अंक भी इसी घेरे के बाहर क्रम से लिख लेने चाहिए। जब प्रयोग करना हो तो एक साफ कटोरी घेरे के बीच में उल्टी रख देनी चाहिए । रखने के पूर्व एक माचिस की तीली जलाकर उसे कटोरी में घुमा कर वह कटोरी शुद्ध कर लेनी चाहिए तथा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कमरे का वातावरण पूर्णतया शान्त हो ।
बहुत ही हल्की रोशनी हो तथा कमरे में कोई सुगन्धित अगरबत्ती लगी हुई हो। इस प्रयोग में तीन व्यक्ति भाग ले सकते हैं। तीनों व्यक्तियों को चाहिए कि वे अपनी तर्जनी उंगली का हल्का सा स्पर्म उस कटोरी पर रखें और किसी ऐसी प्रेतात्मा का आह्वान करें जो सामान्य पढ़ी-लिखी हो ।
जब वह मृतात्मा आ जाएगी तब उस कटोरी में स्वतः कम्पन प्रारम्भ हो जायेगा और वह बिना दबाव दिए ही अपने स्थान से अक्षरों तथा अंकों के बीच घूमने लग जाएगी या सरकने लग जाएगी। अब ऐसी स्थिति का जाए तब हमें प्रश्न करने चाहिए। इसी प्रकार के एक प्रयोग में मैंने एक मृतात्मा का आह्वान किया और उससे निम्न प्रकार से प्रश्नोत्तर हुए
: १- इस घर में चोरी कब हुई ?
उत्तर मिला — परसों।
२- क्या सोने का जेवर इस घर से बाहर ले जाया गया है ?
उत्तर मिला — नहीं।
३- क्या चोर इस घर का है, या बाहर का ?
उत्तर — घर का ही। मिला
४- चोर कौन है ?
उत्तर मिला — राकेश |
५- राकेश तो गृह स्वामी का पुत्र है ?
उत्तर मिला – – हाँ ।
६- क्या उसने चोरी की है ?
उत्तर मिला — हाँ ।
७- उसने सोने का गहना कहाँ रखा है ?
उत्तर मिला — छत पर कबाड़खाने में ।
जब ऊपर जाकर कबाड़खाना खोला गया, तो कोने में एक डिब्बे में छिपाया हुआ सोने का आभूषण मिल गया। इस प्रकार मृतात्मा के माध्यम से खोए हुए व्यक्ति, चोरी की हुई वस्तु, परीक्षा का परिणाम आदि कई प्रश्नों के उत्तर ज्ञात कर सकते हैं। वास्तविकता यह है कि हम में और प्रेतात्मा में कोई अन्तर नहीं है।
हमारे पास भौतिक शरीर है, जबकि उनके पास सूक्ष्म शरीर है। सूक्ष्म शरीर के माध्यम से ये बहुत शीघ्र अत्यन्त दूर जा सकते हैं और सम्बन्धित सूचना एकत्र करके हमारे प्रश्नों के जवाब दे सकते हैं। हम इस भौतिक शरीर से ऐसा नहीं कर पाते।
कामदेव बीज मंत्र के फायदे | ओम क्लीम कामदेवाय नमः मंत्र लाभ ph.85280 57364
कामदेव बीज मंत्र के फायदे | ओम क्लीम कामदेवाय नमः मंत्र लाभ
कामदेव बीज मंत्र के फायदे | ओम क्लीम कामदेवाय नमः मंत्र लाभ दोस्तों कैसे हैं आप सब हो बहुत अच्छा आज की लेख में बात करूंगा कि बारे में दोस्तों हमारे अंदर की प्रेम और प्यार खत्म हो जाएगा अगर आप पास काम की ताकत उनका आशीर्वाद है तो आप अपने जीवन में अपने चारों तरफ प्यार ही प्यार महसूस करते अपने मनचाहे जीवनसाथी को आप अट्रैक्ट कर सकते हैं
कामदेव बीज मंत्र के फायदे | ओम क्लीम कामदेवाय नमः मंत्र लाभ
प्यार में किसी को भी अपनी तरफ खींच सकते हैं जो साधक पर अपना अगर हमेशा कामदेव की अराधना करते हैं उनकी साधना करते हैं उनके चारों तरफ इस तरह का और बन जाता है जो और उनके जीवन में अट्रैक्शन का काम करता है चुंबक पृथ्वी तत्व तौर पर काम करता है जिन लोगों की तरफ प्राप्त होते हैं कि उनका प्यार उनके तरफ अट्रैक्ट होता है अपोजिट सेक्स के लोगों को उनके तरफ जिसे वह चाहे अगर उसे ध्यान में रखकर जो मंत्र आज में बताने वाली हूं
उसी उसकी साधना करते हैं तो आप उन्हें बहुत आसानी से एक्सट्रेक्ट कर सकते हैं जिससे आप प्यार करते हैं प्यार के बिना तो जीवन व्यर्थ चाहे शादीशुदा व्यक्ति चाहे प्रेमी प्रेमिका हो अगर प्यार खत्म हो जाए तैयार कमता रहता है तो वह जीवन व्यर्थ है जीवन में उत्साह बढ़ता है
प्यार जीवन को जीने लायक बनाता है और उसी प्यार को आप बढ़ा सकते हैं बहुत ही साधारण उपाय और साधना करके बताऊंगी कि अगर सिर्फ आप रोज 108 बार कामदेव मंत्र का जाप करते हैं तो मंत्र के जाप से क्या फायदे होते हैं कि क्या लाभ होगा कामदेव मंत्र जाप करने से आपके जीवन में किस तरह का लाभ होगा
कामदेव बीज मंत्र के फायदे | ओम क्लीम कामदेवाय नमः मंत्र लाभ
वह जाने गांम देव मंत्र का जाप करते हैं तो आपके जीवन में किसी भी तरह की परेशानी सोचने लगा सोच में अगर कोई किसी समस्या में आप फंसे हुए हैं इसी यह चिंता में हमेशा आप व्यथित रहते हैं तो वह आपकी खत्म हो जाएगी अपना खुद का आत्मविश्वास इतना बढ़ जाता है कि वह ट्रक दिखने लगता है
उनकी इच्छा जीने की इच्छा और के अंदर की खुशी बढ़ जाती है हमेशा खुश रहने लगता है ऐसा व्यक्ति जो कामदेव मंत्र की साधना 108 बार रोज उनका मंत्र चैट करता है अकाउंट शक्ति बढ़ने लगती है
उस सच्चे प्यार के मिलने की रास्ता जो उनके सच्चे प्यार तक मेरे ले जाएगा अगर सच्चा प्यार अगर आप किसी से प्यार करते हैं तो आपको वह रास्ते दिखेंगे जो रास्ते आपको वहां तक ले जाएगा या फिर अगर आपको भी किसी से प्यार नहीं करते हैं तो आपके प्यार तक यानि कि जिस जो आपके जीवन में सबसे उत्तम होगा
वहां तक आपको यह मंत्र लेकर जाएगा क्योंकि हमारे हिंदू शास्त्र में हर आयाम का अपने जीवन को जीने के तरीके के लिए देवी देवताओं के मंत्रों का जाप करते हैं तो बहुत जल्दी प्रभाव दिखते हैं और आपको फायदा होता है दोस्तों वह चीज जो तरीके से काम करता है और बहुत तेजी से आपके इच्छाओं को पूरा करता सब्सक्राइब नहीं किया तो छोड़ दे चार दिन छोड़कर फिर दो दिन कर लिया अगर आप इसे रेगुलर करेंगे ना तो आपके जीवन में मंत्रों की दिखाई देगी
आपको पॉजिटिविटी कि वह जो आज तक आपने महसूस नहीं की होगी कि समाज में मान सम्मान मिलने रखता है आप समाज में यह चीज इस मंत्र की वजह से आप कि इन थे पॉजिटिव एनर्जी आने लगती है कि आप जिस भी क्षेत्र में काम कर रहे हैं उस क्षेत्र में ऊंचाइयों तक पहुंचने में बहुत हेल्प करता है
यह मंत्र क्योंकि आप लोगों की नजर में आने लगते हैं तो आपको पॉजिटिव दिखने लगती है जिस अपॉर्चुनिटी को पकड़कर आप अपने जीवन में ऊंचाइयों तक जा सकते हैं तो उन लोगों की नजर में जब आप आने लगते हैं आपका काम दिखने लगता है कई बार ऐसा होता है कि आप काम तो बहुत करते हैं लेकिन उस काम का श्रेय आपको नहीं मिलता वह काम करे कोई और लेकर जाता है
कामदेव बीज मंत्र के फायदे | ओम क्लीम कामदेवाय नमः मंत्र लाभ
अगर आप इस मंत्र की साधना करते हैं तो यह आपको उस काम का श्रेय आप लोगों की नजर में आने लगेंगे आपका काम का श्रेय आपको मिलने लगेगा आप खुद से प्यार करने लगेंगे और आपका प्यार आपके साथ उसका संबंध बेहतर होने लगेगा चाहे वह पति पत्नी का रिश्ता हो चाहे वह प्रेमी-प्रेमिका का रिश्ता उपयुक्त किसी भी रिश्ते को आप सुधारना चाहते हैं
तो यह एक मंत्र आपके जीवन में वह करके दिखा सकता है छोटा सा मंत्र है और इसके बेनिफिट बहुत बड़े बड़े हैं कामदेव मंत्र के बहुत सारे फायदे हैं कामदेव मंत्र पेग गिनते-गिनते थक जाएंगे कि का विवाह में बहुत समस्या आ रहे हैं या तो विवाह जिससे वह चाहते हैं उससे ही नहीं रहा है अच्छे रिश्ते नहीं आ रहे हैं या फिर विवाह करने से डर लगता है
अगर वह इस मंत्र का जाप करते हैं तो उनके जीवन में उनके मन लायक जीवनसाथी आता है वह अपने अंदर जो कमियां हैं उनके जो भी प्यार संबंधित कुछ कमियां दूर हो जाती हैं और जीवन में प्यार भर जाता है
इस मंत्र के जाप से पति-पत्नि बहुत सारी झगड़े चल रहे हैं बेवजह बहुत सारे तनाव उत्पन्न होने लगे हैं बात यहां तक पहुंच गई है कि से प्रेषण तक बात पहुंच गई है तो भी अगर इस मंत्र की साधना आप करते हैं तो पति-पत्नी के बीच का प्यार बढ़ने लगेगा और आपके जीवन में वह प्यार जो आप चाहते थे कि हमेशा से रहे और नहीं था
वह प्यार बढ़ने रहेगा बस इसे एक मंत्र के जाप अब मंत्र जान लेते हैं वह मंत्र दोस्तों ओम क्लीम काम देवाय नमः ध्यान दूं ओम क्लीम काम देवाय नमः इस मंत्र का जाप आपको करना है सुबह 108 बाद शाम को 108 बार ओम क्लीम काम देवाय नम कैसे करना है या तो आप काम देव भगवान की मूर्ति अपने सामने रख लें अगर वह नहीं मिलता है
तो आप श्रीकृष्ण की मूर्ति भी रख सकते दोनों में से कोई भी मूर्ति या प्रतिमा फोटो कुछ भी आप उनके अपने सामने रख लें लाल रंग का आसन बिछा ले नहा कर स्वच्छ वस्त्र पहनकर वहां आप बैठ जाएं और तब अपनी साधना शुरू करें जिससे आप पाना चाहते हैं या फिर अपने जीवन में अट्रैक्शन बढ़ाना चाहते जो भी आपकी मनोकामना है
इस हेयर मंत्र के पास करने के बावजूद मनोकामना पूरा करना चाहते हैं अपने अंदर की ताकत बढ़ाना चाहते हैं तो आप बस उस समय बैठ जाएं उसे इच्छा को अपने मन में लाए प्रभु को धन्यवाद करें ताकि आप यह मंत्र करने के लिए सक्षम है और कि इस मंत्र की सेटिंग करें कि यह आपको 108 बार करना है
सुबह और 108 बार करना है सामग्री Avatar आपने सिक्स मंथ इसे कर लिया इसी बढ़ा सकते हैं इस साल भर कर सकते हैं लेकिन कम से कम तो जरूर कीजिए इसके रिजल्ट दिखने लगेंगे आपको अगर आपने सिक्स मंथ लिए तो डेफिनेटली इसका रिजल्ट आपको नजर आ जाएगा जिससे आप प्यार करते हैं वह आपको पास आ जाएगा
बस एक बात ध्यान रखिएगा कि किसी की गलत इरादे से किसी भी गलत इरादे से इन मंत्रों का जाप मत कीजिएगा बहुत इच्छा के साथ आपके विश्वास के साथ विश्वास में ताकत बहुत है जरूर होगा लेकिन अगर निगेटिव एनर्जी के साथ आपने सेंड किया वह आपको प्रभाव क्यों क्योंकि जो एनर्जी है अगर किसी के साथ इस मंत्र का चयन किया तो शहर की पूरी हो जाए लेकिन उसके बाद नकारात्मक प्रभाव को झेलने पड़ेंगे
इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आप जिस कि युवा करें वुफर आपसे प्यार कर लीजिए या फिर आप किसी के लिए भी गलत इरादों के साथ यह है कि आप किसी भी तरह की कमजोरी को ठीक कर सकता है पति-पत्नी की जो भी मतलब पति-पत्नी एक दूसरे से संतुष्ट रहते हैं अगर इस मंत्र की साधना पति-पत्नी दोनों करें तो और भी बेहतर होता है लेकिन करता है
तो उसके लिए फायदेमंद है इस मंत्र की अगर करते हैं तो किसी भी तरह का विकार है वह भी खत्म हो जाता है जीवन में आपके प्रेम वापस आ जाता प्यार आप चाहते हैं प्यार वापस आ जाता है तो दोस्तों इस मंत्र को चेंज करके
देखिए कामदेव मंत्र बहुत ही पावरफुल है और वह आपके जीवन में प्यार को लेकर आए तो दोस्तों मंत्र के जाप आपके लिए बहुत ही यह वीडियो पसंद आए तो जरूर दोस्तों को शेयर कीजिए फिर मिलेंगे ऐसे ही किसी समस्या के समाधान के साथ
कामदेव वशीकरण मंत्र सिद्धि | मोहिनी कामदेव मंत्र – साधना ph. 85280 57364
कामदेव वशीकरण मंत्र सिद्धि | मोहिनी कामदेव मंत्र – साधना कुछ मंत्र ऐसे होते हैं जो अपने आप में ही बेहद शक्तिशाली और खास होते हैं बहुत सारे लोगों के जीवन में प्रेम की कमी रहती है जिसके कारण उनके जीवन में चिंताए घबराहट और डर बढ़ता ही चला जाता है
कई लोग तो ऐसे होते हैं जिनको बहुत ज्यादा धोखा मिला होता है और कई लोग ऐसे भी होते हैं जो सब को अच्छा चाहते हैं सब की भलाई करते हैं सब की मदद करते हैं लेकिन फिर भी उन्हें कोई पसंद नहीं करता है यानि कि कोई भी उनकी तरफ आकर्षित होता ही नहीं है
तो दोस्तों आज की इस वीडियो में एक ऐसे खास मंत्र प्रयोग के बारे में हम आपको बताएंगे इसको इस्तेमाल करने से जिसमें व्यक्ति को आप अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं उसी व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं अगर आपके जीवन में कोई ऐसी समस्या है जिसमें आपका पार्टनर आपका साथ नहीं देता है
क्योंकि ऐसे काफी लोग हमसे इस बारे में पूछते हैं कि उनका जो पाटनर है उनको छोड़कर चला गया है या फिर उन्हें धोखा दे दिया है तो ऐसे में उन्हें वापस पाने के लिए क्या करना चाहिए तो दोस्तों इस मंत्र प्रयोग को करके
आप उन्हें वापस पा सकते हैं या फिर अगर आपका पति कि आपकी पत्नी है जो आपके बातों को नहीं सकते हैं ना ही आपको यह जब देते हैं एक ही घर में रहते हुए हमेशा लड़ाई झगड़ा चलता रहता है तब आप इस मंत्र का प्रयोग अवश्य करके देखें क्योंकि इससे सामने वाला जो भी पार्टनर होता है
जिसका प्रेम आप चाहते हैं जिसमें व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं उस व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं लेकिन ऐसे ही इस मंत्र का प्रयोग नहीं करना है कुछ खास क्रियाओं द्वारा ही इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है
जो इस पोस्ट हम आपको बताएंगे लेकिन उससे पहले पोस्ट को लाइक करके कमेंट बॉक्स में ओम नमः शिवाय हर-हर महादेव अवश्य ही लिख दे जिससे भगवान शिव की कृपा आप पर हमेशा बनी रहे तो दोस्तों आपको बता दें कि अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को आकर्षित करना चाहते हैं जो आपके आसपास ही रहता है या कभी-कभार आपसे उसका मिलना-जुलना होता ही रहता है
तब इस मंत्र का इस प्रकार प्रयोग करना है कि आपको एक गिलास में पानी लेना है यह तलाशी का होना चाहिए कोई भी मैटल का इस्तेमाल आपको नहीं करना है शीशे का गिलास लेना है और उसमें जल भर कर आपको अपने हाथ में पकड़ते हुए उस जल में अपनी परछाई को देखना है यानी के उसी जलमें देखना है आपको और उस व्यक्ति का ध्यान करना है
जिस व्यक्ति को आप अपनी और आकर्षित करना चाहते हैं बस उस व्यक्ति का ध्यान करते हुए आप इस मंत्र का 1 माला जाप कर लें उसी पानी में देखते हुए यह मंत्र पढ़ा ही आसान सा है लेकिन बहुत तीव्र मंत्रा है कि सामने वाले व्यक्ति को आकर्षित करता है यह मंत्र इस प्रकार है
बस इस प्रकार एक माला यानी 108 बार पानी में देखते हुए इस मंत्र को पढ़ ले और उस व्यक्ति को यह पानी पीने को दे दें इस व्यक्ति को आकर्षित करना चाहते हैं अगर लगातार या फिर बीच-बीच में गैप करते हुए भी कुल मिलाकर 11 दिन भी उस व्यक्ति को आपने यह जल अपने हाथों से पिला दिया कि सामने वाला व्यक्ति कभी आपसे धोखा नहीं कर सकता है
कभी आपको छोड़कर नहीं जा सकता है बल्कि आपके प्रेम व ऐसा दीवाना हो जाएगा कि 24 घंटे ही केवल आपके बारे में ही सोचने लग जाएगा यह इतना तीव्र प्रयोग है कि एक बार के प्रयोग से आप स्वयं असर को देखेंगे कि सामने वाला आपसे इतने प्रेम से बात करने लगेगा आपकी ओर आकर्षित होने लगेगा और 24 घंटे ही आपके बारे में सोचता रहेगा आपसे दूर नहीं जाना चाहेगा तो इस प्रकार उन लोगों के साथ अगर आप रहते हैं जिनको आकर्षित करना चाहते हैं
तो यह क्रिया कर सकते हैं या फिर अगर आप कभी कभार भी मिलते हैं तो यह जल बनाकर बस आप लेकर चले जाएं एक बोतल में भर लें यह भी बात ध्यान रखें कि इस जल को आप भी पी सकते हैं और उसे भी पहन सकते हैं अगर आप लेंगे तो इससे कोई भी प्रभाव नहीं है
क्योंकि खुद से तो आप प्रेम करते हैं सामने वाले को अपनी ओर आकर्षित करना है तो यह प्रयोग आप कर सकते हैं अब दूसरी चीज यह है कि काफी लोगों के साथ यह समस्या होती है कि जिससे वह प्रेम करते हैं
जिस भी व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं तो वह व्यक्ति उनके आसपास नहीं होता भिलाई उनसे कभी मिलना जुलना होता है तो ऐसे में उन्हें क्या करना चाहिए तो ऐसे में दूसरी क्रिया है कि अगर आपके पास उस व्यक्ति का फोटो है तो उस व्यक्ति के फोटो का प्रिंटआउट आपको निकालना है या फिर उसे निकलवा भी सकते हैं
बस उसकी फोटो को देखते हुए यही मंत्र आपको बोला है और हर एक मंत्र के जाप के बाद उसकी फोटो पर फूंक आपको मारनी है और यह कार्य आपको उस समय करना है जिस समय व्यक्ति सो रहा होता है यानि कि रात के समय आप चुन ने क्योंकि सभी लोग रात में सोते हैं
और यह भी आपको बता दे कि इसमें आपको एक माला नहीं बल्कि 11 माला करनी है रोज करनी है लगातार 11 दिनों तक करनी है 11 दिन के बीच में व्यक्ति कभी भी आपसे संपर्क करेगा बिल्कुल आपके प्रेम में दीवाना हो जाएगा और आपके ही बारे में सोचने लग जाएगा बल्कि जिस समय आप यह क्रिया कर रहे होंगे और अगर वह सो रहा होगा तो बस केवल आपके ही सपने देखने लग जाएगा और आपसे मिलने के लिए बिल्कुल बेचैन हो उठे का यह बात आपको ध्यान रखनी है कि इस क्रिया को बिल्कुल सात्विक होकर कि मैं मांस मदिरा आदि का सेवन करके
इस क्रिया को बिल्कुल भी ना करें और ना ही स्क्रीन का मिस यूज आपको करना है क्योंकि साथ विक्रिया है तो अच्छे कार्यों के लिए ही केवल इसका इस्तेमाल करना है ऐसे ही किसी को इस्तेमाल करने के लिए यह क्रिया आपको नहीं करनी है नहीं तो यह बैक अफेयर भी करती है इसका मतलब है कि अगर किसी को आकर्षित करने में नुकसान उसका होता है
तब यह क्रिया बिल्कुल भी नहीं करनी है जैसा कि हम हर वीडियोस में आपको बताते हैं कि कभी भी किसी को नुकसान पहुंचाने के बारे में दुख देने के बारे में नहीं सोचना चाहिए क्योंकि जो भी चीज आप देते हैं
वह आप एक बार देते हैं लेकिन आपके पास वह पैक होकर 100 गुना अधिक होकर लौटती है और यही कर्मों का खेल होता है अगर सामने वाला व्यक्ति भी आपको परेशान कर रहा है तब ऐसे में कोई भी नुकसान नहीं होता है लेकिन सामने वाला व्यक्ति अगर आपसे बहुत अच्छा है और फल तो वहीं आप उसे परेशान करने के बारे में उसका नुकसान करने के बारे में सोचते हैं तो इससे कर्म खराब हो जाते हैं
तो इस प्रकार इन सब चीजों को ध्यान रखें यह बड़ी ही ज्यादा खास गया हमने आपको बताया है जो बेहद सरल है कभी भी की जा सकती है आज से शुरू कर सकते हैं और कोई भी इस क्रिया को करके लाभ उठा सकता है इस खास जानकारी को अपने लोगों के साथ भी अवश्य ही शेयर करें जिससे सभी लोग जानकारी का लाभ उठा सकें तो दोस्तों आज के लिए केवल इतना ही मिलते हैं अगले वीडियो में ओम नमः शिवाय हर हर महादेव
लड़की पटाने का मंत्र | लड़की वशीकरण मंत्र Mantra to impress a girl ph.85280 57364
लड़की पटाने का मंत्र | लड़की वशीकरण मंत्र ph.85280 57364 इस मंत्र से आप किसी भी लड़की को प्यार में पागल कर सकते है। यह १०० % कारगर सफल प्रयोग है।
लड़की पटाने का मंत्र | लड़की वशीकरण मंत्र ph.85280 57364 इस मंत्र से आप किसी भी लड़की को प्यार में पागल कर सकते है। यह १०० % कारगर सफल प्रयोग है।
दीपावली की रात्रि में स्नानादि से निवृत्त होकर साफ ऊनी आसन पर बैठ जाएं। कोई सुगन्धित तेल, मिष्ठान एवं पुष्प पहले से सहेजकर रख लें। इसके बाद घृत का दीपक जलायें और आम की लकड़ी की अग्नि में लोबान की धूनी दें। फिर मिष्ठान्न व पुष्प अर्पित करें।
तदुपरान्त उपर्युक्त मन्त्र का बाईस माला जप करके लोबान की आहुति से सात बार हवन करें। इस क्रिया से मन्त्र सिद्ध हो जाएगा। यदि प्रयोक्ता किसी स्वी को आकृष्ट करना चाहता है तो उसके नाम पर सम्मोहन की कामना करते हुए तेल को सात बार मन्त्र से अभिषिक्त करे। फिर वह तेल उस स्त्री को लगाने के लिए दे तो उस तेल को लगाने के बाद वह साधक के पास पहुंचने का हर संभव प्रयास करेगी।