शत्रु नाशक हनुमान मंत्र – गुप्त शत्रु की उल्टी गिनती शुरू shatru nashak hanuman mantra ph. 85280-57364

शत्रु नाशक हनुमान मंत्र विधि
सर्वप्रथम किसी शुभ मंगलवार के दिन नहा-धोकर एकांत व पवित्र स्थान में हनुमानजी का चित्र (या मूर्ति) रखें और उनकी पूजा करें। तत्पश्चात् इस मन्त्र का एक माला जप करें। यह क्रम दैनिक पूजा के रूप में पूरे इक्कीस दिनों तक चलना चाहिए। इस अवधि में साधक पूर्ण संयम, पवित्रता, ब्रह्मचर्य और निष्ठापूर्वक रहे। उसे हर तरह से स्वयं को सात्विक विचारों में लीन और हनुमंत चिंतन में मग्न रखना चाहिए।
पूजा में प्रतिदिन सात लड्डू और सात पान बीड़े नैवेद्य रूप में अर्पित करने चाहिए। इस प्रकार इक्कीस दिनों तक (यदि हो सके तो इकतालीस दिनों तक) प्रतिदिन नियम-निष्ठा के साथ एक माला (एक सौ आठ दानों की) जप करते रहें । अवधि पूरी हो जाने पर यही मन्त्र पढ़कर इक्कीस बार आहुति देते हुए हवन करें।
इस प्रकार यह मन्त्र सिद्ध हो जाएगा। मन्त्र सिद्ध हो जाने पर यदि कभी आवश्यकता पड़े तो शत्रु के दमन हेतु इसका प्रयोग किया जा सकता है। प्रयोग का नियम यह है कि कहीं एकांत में भूमि पर एक मानवाकृति बनाएं। उसे शत्रु का चित्र मानकर, उसे बंधन में करने के लिए मोम की चार कीलें बनाकर चित्र के चारो ओर जमा दें।
ध्यान रहे, चित्र बनाने से लेकर अंत तक साधक मन ही मन उपर्युक्त मन्त्र को जपता रहे। चित्र बन जाने और उस पर मोम की कीलें लगा देने के बाद हनुमानजी की पूजा करें और नैवेद्य में खीर अर्पित करें। इसके पश्चात् चित्र की छाती पर शत्रु का नाम लिखें और मन्त्रोच्चारण करते हुए उसके सिर पर जूते या चप्पल से दो बार प्रहार करें। इस प्रयोग से शत्रु का दमन हो जाएगा।
शत्रु नाशक हनुमान मंत्र – गुप्त शत्रु की उल्टी गिनती शुरू
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